सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर नगर निगम में उनकी प्रतिमा पर किया गया माल्यार्पण
रूद्रपुर...लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल जी की जयंती के अवसर पर नगर निगम सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मेयर रामपाल सिंह एवं नगर आयुक्त विशाल मिश्रा ने सरदार पटेल जी के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें नमन किया और उनके आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। मेयर रामपाल सिंह ने उपस्थित समस्त कर्मचारियों को राष्ट्रीय एकता बनाए रखने की शपथ दिलाई।
मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि भारत के इतिहास में अपना नाम सुनहरे अक्षरों से दर्ज कराने वाले लौह पुरूष सरदार वल्लभभाई पटेल का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकता। भारत का शिल्पकार माने जाने वाले सरदार बल्लभभाई पटेल ने आजादी के बाद टुकड़ों में बनी 565 रियासतों को जोड़ कर एक अखंड भारत बनाया था। सन् 1928 में ब्रिटिश सरकार ने गुजरात के बारदोली में किसानों पर 22 प्रतिशत लगान लगा दिया था। इस बात पर वल्लभभाई पटेल ने ब्रिटिशर्स के खिलाफ आंदोलन छेड़ा था। आंदोलन भी इतना बडा कि आखिरकार सरकार को ही झुकना पड़ा और लगान घटा कर 6.03 फीसद कर दिया गया। आंदोलन की सफलता से खुश होकर बारदोली की महिलाओं ने वल्लभभाई पटेल को सरदार नाम से सम्मानित किया। भारतीय संघ में रियासतों को यूनाइट करने के लिए सरदार पटेल ने सख्ती से काम लिया था। मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि सरदार पटेल ने देश को नई दिशा दी थी। उनके विचार आज भी देशवासियों के लिए प्रेरणादायी है। सरदार वल्लभभाई पटेल भारत के पहले गृहमंत्री थे। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन को वैचारिक एवं क्रियात्मक रूप में एक नई दिशा देने की वजह से सरदार पटेल ने राजनीतिक इतिहास में एक अत्यंत गौरवपूर्ण स्थान पाया। सरदार पटेल अन्याय नहीं सहन कर पाते थे। अन्याय का विरोध करने की शुरुआत उन्होंने स्कूली दिनों से ही कर दी थी। गृहमंत्री के रूप में उनकी पहली प्राथमिकता देसी रियासतों (राज्यों) को भारत में मिलाना था। इस काम को उन्होंने बिना खून बहाए करके दिखाया। भारत के एकीकरण में उनके महान योगदान के लिए उन्हे भारत का लौहपुरुष के रूप में जाना जाता है। मेयर रामपाल सिंह ने कहा कि लौह पुरूष सरदार पटेल के सपनों का भारत बनाने के लिए हम सब को मिलकर प्रयास करने होंगे सरदार पटेल देश के पहले प्रधान मंत्री होते तो आज देश की तस्वीर कुछ और होती। सरदार वल्लभभाई पटेल देश के पहले प्रधानमंत्री होते। वे महात्मा गांधी की इच्छा का सम्मान करते हुए इस पद से पीछे हट गए और नेहरूजी को देश का पहला प्रधानमंत्री बनने का मौका दिया। देश की स्वतंत्रता के पश्चात सरदार पटेल उपप्रधानमंत्री के साथ प्रथम गृह, सूचना तथा रियासत विभाग के मंत्री भी थे। सरदार पटेल के निधन के 41 वर्ष बाद 1991 में भारत के सर्वोच्च राष्ट्रीय सम्मान भारतरत्न से उन्हें नवाजा गया। मेयर रामपाल सिंह ने सरदार पटेल के आदर्शों को जीवन में उतारने का आहवान किया।
इस अवसर पर नगर आयुक्त विशाल मिश्रा सहायक नगर आयुक्त दीपक गोस्वामी सरताज सिंह मन्हास, वरिष्ठ वित्त अधिकारी बच्ची राम आर्य, प्रभारी अधिशासी अधिकारी गजेंद्र पाल,सेनेटरी इंस्पेक्टर उदयवीर सिंह, राम सिंह,कपूर सिंह,पार्षद निमित शर्मा, विधान राय, अशोक डबराल, तपन राय, रोहित पांडे,आदि समेत तमाम लोग मौजूद थे।