सूरत शहर की धरोहर 175 वर्ष पुरानी एंड्रूज़ लाइब्रेरी के साथ सूरत महानगरपालिका का अन्याय पूर्ण रवैया, संस्था को सूरत के ही युवा ऊर्जासभर उपमुख्यमंत्री हर्ष संघवी से न्याय की अपेक्षा।
संस्था के संचालकों द्वारा सूरत महानगर पालिका को बार-बार मौखिक और लिखित रजुआत की है कि सूरत महानगर पालिका के अपने सूरत शहर में विज्ञापन बोर्डों है उसमें संस्था के कायामी इनकम रूपी हटाए गए चार विज्ञापन बोर्डों को समाये ताकि संस्था की एकमात्र कायमी इनकम चालू रहे
KTG समाचार, भवेन्दु त्रिवेदी, सूरत, गुजरात.
गुजरात और सूरत शहर की 175 वर्ष पुरानी ऐतिहासिक धरोहर Andrews Library की सूरत महानगर पालिका ने अपने स्वयं के प्रोजेक्ट के लिए संस्था की 2022 से स्थायी कायमी इनकम को रोकने के विकल्प व्यवस्था के रूप में किसी भी प्रकार की स्थायी कायमी इनकम प्रदान नहीं की है। जबकि सूरत के युवा और ऊर्जासभर हर्षभाई संघवीजी गुजरात के उपमुख्यमंत्री के रूप में कार्यरत हैं, तब सूरत की यह बहुत पुरानी संस्था, पुस्तकालय, सूरत के अपने हर्षभाई से न्याय की उम्मीद करती है। अब सूरत मनपा के नए कमिशनर शालिनीबेन अग्रवाल को भी सूरत महानगरपालिका कमिश्नर के कार्यकाल के तीन साल होने को है तो सूरत महानगरपालिका कमिश्नर शालिनीबेन अग्रवाल यह पुस्तकालय को न्याय दिलाने मे मदद करे क्यूकी सूरत महानगर पालिका की इस अनिर्णायक स्थिति द्वारा किसी संस्था के पुस्तकालय का विकास रुका हुआ है। यह विषय पर पूर्व शासको ने सकारात्मक अभीगम रखते हुए संस्था की कायमी आवक चालू रखने के लिए सूरत महानगर पालिका द्वारा विशेष व्यवस्था करने की आश्वासन दिया था। पूर्व शासकों तत्कालीन पूर्व मेयर हेमालीबेन बोगावाला और तत्कालीन पूर्व स्थाई समिति अध्यक्ष परेशभाई पटेल को संस्था के संचालकोंने पत्र व्यवहार द्वारा इस विषय पर अवगत कराया। सूरत महानगरपालिका के मौजूदा शासक मेयर दक्षेशभाई मावाणी, डिप्टी मेयर डॉ. नरेशभाई पाटिल, स्थायी समिति के अध्यक्ष राजनभाई पटेल और सत्तारूढ़ दल के नेता शशिबेन पाटिल द्वारा गुजरात और सूरत शहर की शान 175 साल पुराना यह ऐतिहासिक पुस्तकालय को न्याय मिले उसकी प्रतीक्षा यह पुस्तकालय कर रहा है। संस्था के पुस्तकालय से अति कम 55 वार्षिक शुल्क का भुगतान करके पुस्तकालय की पुस्तकों के सदस्यों, एजुकेशन पुस्तकों को ले जाने वाले कोलेजो के छात्र सदस्यों के भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है। सूरत महानगर पालिका की मंशा पर अब सवाल उठ रहे हैं। मेरे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी आपसे मेरी नम्र याचना हे की आप साहेबश्री इस विषय में संस्था के पुस्तकालय को सूरत महानगर पालिका द्वारा जो अनिर्णायक स्थिति और अन्याय नीति उत्पन्न हो रही है उससे इस संस्था के पुस्तकालय को न्याय दिलाने में मदद कीजिए। मेरे प्रधानमंत्रीजी यह वो संस्था है जो 175 साल से अधिक पुरानी संस्था की लाइब्रेरी है जहां आजादी से पहले अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम के नाटक खेले जाते थे, जहां कवि नर्मद संस्था की Andrews Library में बैठ कर विचार मंथन करते अपने पुस्तके लिखते थे, यह वह संस्था है जहा के नगीन चंद ज़वेरी हॉल में युगपुरुष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटलजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनसंघ की संगठन बैठकें करते थे। इस बीच संस्था के संचालकों द्वारा केंद्रीय जल शक्ति मंत्री एवं प्रदेश प्रमुख सी आर. पाटिलजी का समय लेकर मुलाक़ात की और इस विषयमे लिखित और मौखिक प्रस्तुति द्वारा सी आर पाटिलजी को अवगत कराते हुए बताया की संस्था की सूरत महानगर पालिका द्वारा छीनी गईं एकमात्र संस्था की खुद की कायमी इनकम को पुनः शुरू करवाने का अनुरोध किया है। इस विषय में सूरत सांसद मुकेश भाई दलाल द्वारा भी न्याय की अपेक्षा की जा रही है l अब इस विषय को लेकर 174 साल से भी पुरानी गुजरात और सूरत की ऐतिहासिक धरोहर संस्था पुस्तकालय मेरे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी आपसाहेब और मृदु सरल स्वभाव के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल, युवा और ऊर्जासभर उपमुख्यमंत्री हर्षभाई संघवी से न्याय की उम्मीद लगाए प्रतीक्षा कर रही है।
