चाय की गुमटी चलाने वालें जगदीश की चाकू से गला रेतकर हत्या।

दुकान बंद कर घर लौट रहा था मृतक जगदीश। चाकूओं से हमला कर की गई हत्या।

चाय की गुमटी चलाने वालें जगदीश की चाकू से गला रेतकर हत्या।
अस्पताल में उपचार के दौरान तोड़ा दम जगदीश शर्मा ने।

आदर्श दीक्षित KTG समाचार जिला शिवपुरी मध्यप्रदेश।

शिवपुरी/ खबर शिवपुरी कोतवाली के अन्तर्गत आने वाले राठौर मोहल्ले से आ रही है जहाँ मंगलवार की देर रात 09:30 बजे के लगभग चाय की दुकान चलाने वाले मृतक जगदीश शर्मा की चाकू से गला रेतकर हत्या कर दी गई। 

जानकारी के अनुसार मृतक जगदीश शर्मा मुरैना के जड़ोखर गाँव का रहने वाला है और 25 साल पहले वह रोजगार की तलाश में शिवपुरी आया था। शिवपुरी में मृतक अपनी पत्नी और दो बेटियों के साथ रहता था। जगदीश की दोनों बेटियों का विवाह हो चुका है। जगदीश न्यू ब्लॉक क्षेत्र में चाय की गुमटी लगाकर अपनी रोजी रोटी कमाता था। मंगलवार की रात करीब 09:30 बजे अपने घर आ रहा था। जगदीश दरवाजे तक आ गया था। तभी किसी अज्ञात युवक द्वारा उस पर चाकू से प्रहार किया। जब जगदीश के चीखने की आवाज़ उसकी पत्नी ने सुनी तो वह बाहर आयी बाहर आकर देखा तो जगदीश बेहोश होकर जमीन पर जा गिरा था। जगदीश की पत्नी के अनुसार उन्होनें किसी को वहाँ से भागते हुयें और आसपास किसी को नही देखा था। जगदीश को अस्पताल ले जाया गया जहाँ उपचार के दौरान जगदीश ने दम तोड़ दिया। हत्या की इस वारदात के बाद एसपी राजेश सिंह चंदेल जी ने घटनास्थल का निरीक्षण किया। कोतवाली पुलिस ने हत्या का प्रकरण दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी। घटनास्थल पर पुलिस को खून से सने कुछ पैसे और एक बीड़ी का बंडल भी रखा मिला। जो की शायद मृतक का बताया जा रहा है। 

सूत्रों के अनुसार दो युवक जगदीश का पीछा कर रहे थे जब जगदीश रात को दुकान बंद कर घर की ओर आ रहा था। मोहल्ले वालों के अनुसार शायद उन्हीं युवक द्वारा जगदीश की हत्या की गई है। इस बात की आशंका जताई जा रही है कि हत्यारे पहले से ही जगदीश और उसके घर पर घात लगाये बैठे थे। लेकिन हत्या का कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया। 

अपनी मौत की आशंका से भयभीत था मृतक

मृतक जगदीश के परिवार वालों की मानें तो वह अपनी मौत की आशंका से भयभीत था। मृतक की पत्नी के अनुसार उसके पति का 15 दिन पूर्व पंकज और कालिया नाम के व्यक्ति ने गाड़ी चढ़ा दी थी। जिससे जगदीश गंभीर रुप से घायल हो गया था। उन लोगों द्वारा जगदीश को धमकी दी गई थी कि तेरा ईलाज जल्द ही करेगें। इसी कारण जगदीश बहुत डरा हुआ था। जगदीश सभी से कहता था कि अब वह ज्यादा दिन का मेहमान नहीं है। जगदीश ने अपनी बहन रामदेवी से रक्षाबंधन पर कहा था कि ये उसकी आखिरी राखी है। मेरा कोई भरोसा नहीं कि कब क्या हो जाऐ मेरे साथ। 

अपने नये घर जाने का सपना अधूरा रह गया जगदीश का

जगदीश शिवपुरी में किराये के मकान में रहता था, लेकिन उसका सपना था कि शिवपुरी में वह अपने खुद के मकान में जाकर रहे। शांति नगर कॉलोनी में उसने चार कमरें भी बनवा लिए थे। लेकिन पैसों की कमी के कारण छत बन नहीं पायी थी। वह चाहता था कि छत बन जाए तो वह अपने नयें मकान में जाकर आराम से रहें लेकिन मृतक जगदीश शर्मा का यह सपना अधूरा ही रह गया।