फतेहपुर डिपो की रोडवेज बस 30 किमी तक बिना ब्रेक दौड़ी, डंपर से टकराकर बड़ा हादसा टला,कई यात्री गंभीर घायल
फतेहपुर डिपो की रोडवेज बस 30 किमी तक बिना ब्रेक दौड़ी, डंपर से टकराकर बड़ा हादसा टला,कई यात्री गंभीर घायल
रायबरेली
मंगल वार की सुबह फतेहपुर डिपो की एक रोडवेज बस में सवार 53 यात्रियों की जान जोखिम में पड़ गई, जब बस के ब्रेक फेल हो गए और ड्राइवर ने बस को बिना ब्रेक के 30 किलोमीटर तक चलाया। अंततः, रामनगर मोड़ के पास यह बस एक डंपर से टकरा गई, जिससे बड़ा हादसा टल गया। हालांकि, बस के बुरी तरह क्षतिग्रस्त होने से कई यात्रियों को गंभीर चोटें आईं। इस घटना ने एक बार फिर रोडवेज की बसों की दयनीय स्थिति को उजागर किया है।
लखनऊ के चारबाग स्टेशन से मंगलवार की सुबह 4:00 बजे फतेहपुर डिपो की बस (UP 78 FT 9261) अपने गंतव्य की ओर रवाना हुई। बछरावां बस स्टॉप पर यात्रियों को चढ़ाने और उतारने के बाद जैसे ही बस ने आगे बढ़ने का प्रयास किया, परिचालक राजेश कुमार गुप्ता ने ड्राइवर चंद्रिका प्रसाद से बस रोकने के लिए कहा। इस पर ड्राइवर ने बताया कि बस के ब्रेक फेल हो गए हैं और ब्रेक प्रेशर लीक हो चुका है।
इस पर यात्रियों ने बस को सड़क किनारे खड़ी करने का सुझाव दिया, लेकिन ड्राइवर ने उन्हें भरोसा दिलाया कि वह धीरे-धीरे बस चलाकर लालगंज में मरम्मत करवा देगा। इस बीच, बिना ब्रेक के बस ने करीब 30 किलोमीटर की दूरी तय की।
लालगंज कोतवाली क्षेत्र के रामनगर मोड़ पर, सामने चल रहे डंपर ने अचानक अपनी गति धीमी कर दी। तेज गति से आ रही बस, जो पहले से ही बिना ब्रेक के चल रही थी, सीधे डंपर से जा टकराई। टक्कर इतनी भीषण थी कि बस बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। इस दुर्घटना में कई यात्रियों को गंभीर चोटें आईं। घायल यात्रियों में गोविंद सिंह, सिपाही लाल, पूनम, सचिन कुमार, राम सागर, शिवकुमार, आहत, मनोज, और राम सिंह शामिल हैं। इसके अलावा, बस चालक चंद्रिका प्रसाद को भी गंभीर अंदरूनी चोटें आईं।
**चालक की आपबीती:
ड्राइवर चंद्रिका प्रसाद ने बताया कि यह पहली बार नहीं था जब उन्होंने बिना ब्रेक के बस चलाई हो। इससे पहले भी वे बिना ब्रेक के रात में बांदा से लखनऊ तक बस चला चुके हैं। यह खुलासा रोडवेज की बसों की जर्जर हालत और लापरवाही को और उजागर करता है।
**बड़ा हादसा टलने की घटना:
घटना के समय, डंपर चालक ने अपनी सूझ-बूझ से गाड़ी को आगे बढ़ा लिया, जिससे टक्कर के बाद और भी बड़ी दुर्घटना से बचा जा सका। यदि डंपर खड़ा होता या सामने से कोई दूसरी गाड़ी आ रही होती, तो एक भयंकर हादसा हो सकता था। इस घटना ने रोडवेज की बसों की खराब स्थिति को एक बार फिर सबके सामने ला दिया है।
**रोडवेज की दयनीय स्थिति:
फतेहपुर, लखनऊ, रायबरेली और कानपुर रोड पर चलने वाली अधिकांश रोडवेज बसें जर्जर हालत में हैं। कई बसें इतनी खराब हो चुकी हैं कि वे चलने योग्य भी नहीं हैं, फिर भी इन्हें यात्रियों की सुरक्षा की अनदेखी करते हुए चलाया जा रहा है। यह लापरवाही यात्रियों के जीवन के साथ एक खिलवाड़ है। आए दिन ऐसी घटनाएं सामने आती हैं, जहां बसें थोड़ी दूर चलने के बाद ही खराब हो जाती हैं, जिससे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है और वे समय पर अपने गंतव्य तक नहीं पहुंच पाते।
यह घटना रोडवेज बसों की खस्ता हालत का जीता-जागता उदाहरण है। यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए, इन बसों की मरम्मत और उचित रखरखाव पर तत्काल ध्यान देना आवश्यक है। अगर इस ओर ध्यान नहीं दिया गया, तो भविष्य में और भी गंभीर दुर्घटनाएं हो सकती हैं। सरकार और संबंधित विभागों को इस मुद्दे पर कड़ा रुख अपनाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसी दुर्घटनाओं से बचा जा सके और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
Dhananjay Singh Kachhwaha
