असंभव को संभव कर मानें के.के.गुप्ता, दिल्ली सरकार ने दिल्ली लागू किया डूंगरपुर का जल संचय मॉडल
असंभव को संभव कर मानें के.के.गुप्ता, दिल्ली सरकार ने दिल्ली लागू किया डूंगरपुर का जल संचय मॉडल
- डूंगरपुर के वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल पर चल दिल्ली सरकार की बुलेट रफ्तार
- दिल्ली सरकार के कई मंत्रियों ने की पूर्व सभापति के.के.गुप्ता की प्रशंसा, कहां एजेंडा हो तो गुप्ता जैसा
Ktg समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर, राज डूंगरपुर। कहते हैं कुछ लोग इतिहास रटते हैं तो कुछ लोग इतिहास रचते हैं। यह देश और दुनिया का कहना है कि इस कथन को डूंगरपुर नगर परिषद ने पूर्व सभापति के.के.गुप्ता के कार्यकाल में धरातल स्तर पर सार्थक कर बताया। 5 सितंबर 2015 को जब गैपसागर की पाल से के.के.गुप्ता ने शहर की तासीर बदलने की बात कही तो सियासी नुमाइंदों ने इसे महल जुमला बताया। जब 20 अगस्त 2020 को गुप्ता अपने कार्यकाल से चले तो विकास का हिमालय खड़ा करने में कामयाब हुए। देश की राजधानी दिल्ली में अब राजस्थान के आदिवासी बाहुल्य डूंगरपुर जिले की नगर परिषद के जल संचय व जल संरक्षण के मॉडल का डंका बजा। दिल्ली सरकार के जलदाय व स्वास्थ्य मंत्री सत्येन्द्र जैन ने अपनी टीम के साथ 7 नवंबर 2020 को डूंगरपुर पहुंचकर डूंगरपुर नगर परिषद के जल संचय व जल संरक्षण के मॉडल जायजा लेते हुए उसका अध्ययन किया था। इस दौरान उन्हें डूंगरपुर नगर परिषद का ये मॉडल काफी अच्छा लगा और अब दिल्ली सरकार इस मॉडल को लागू करते हुए दिल्ली में जल संचय व जल संरक्षण का काम वृहद स्तर पर चल रहा हैं। वर्ष 2016 में मुख्यमंत्री की मुख्यमंत्री जल स्वालंबन योजना के तहत शहर में जल संचय के कार्यो की शुरूआत की थी। डूंगरपुर निकाय द्वारा सर्वप्रथम शहर की पुरानी उदय बाव से इस योजना का शुभारम्भ किया था। मंत्री सत्येन्द्र जैन ने बाव का निरीक्षण कर कहा था कि बाव की साफ सफाई और बावड़ी द्वारा लोगो के घर तक पानी पहुंचाना ये आज का युग में बेहतरीन उदाहरण है। जल संचय में पुरानी धरोहरो का सही उपयोग करके जल स्वालंबन का सफलतम कार्य है। घरो के वाटर हार्वेस्टिंग को देख कहा, डूंगरपुर से सीखा जा सकता है मंत्री ने जल संचय के कार्यो का निरीक्षण करते हुए नगरपरिषद द्वारा किये गए शहर के घरो पर किए गए वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट को अपनी टीम के साथ देखा कि डूंगरपुर के पूर्व सभापति ने वाटर हार्वेस्टिंग हेतु सहज और सरल तकनीक अपनाई है। दिल्ली में हमें वाटर हार्वेस्टिंग हेतु 50 हजार से 1 लाख रूपये लग रहे है। पूर्व सभापति ने केवल 16 हजार में वाटर हार्वेटिंग कराकर ये साबित कर दिया कि जरुरी नहीं की किसी बड़े शहर से सीखा जाए, छोटे शहर भी हमें बहुत कुछ सीखा जाते है जिसका नजीर है डूंगरपुर शहर। मंत्री ने अपने तकनिकी विशेषज्ञों के साथ नगरपरिषद के तकनिकी विशेषज्ञों के साथ वाटर हार्वेस्टिंग प्लांट को समझा और उसी समय इस प्लांट को दिल्ली में स्थापित करने का निर्णय ले लिया। मंत्री ने अपने भ्रमण के दौरान जल संचय के कार्यो में डूंगरपुर निकाय द्वारा किये गए नवाचार को देख आश्चर्य चकित रह गए जब उन्होंने देखा कि एक हेंड पंप को वाटर हार्वेस्टिंग से जोडक़र आमजन के लिए फिर से रिचार्ज कर दिया गया तो वो बोले वाटर हार्वेस्टिंग के बेहतरीन उदहारण है। मंत्री ने शहर में नगरपरिषद द्वारा 35 हेंड पंप जो पूरी तरह से पानी नहीं होने से नकारा हो गए थे तो उन्हें वर्ष की वर्षा से पहले वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा गया था जब उन्हें देखा तो वो अपने तकनिकी विशेषज्ञों से कहने लगे बोले की वाटर हार्वेस्टिंग के इससे अच्छा उदहारण कहा देखने को मिलेगा। पूर्व सभापति ने कहा कि हमें जब जानकारी मिली की शहर के भूजल को बढ़ाना है तो हमने झील और तालाब को गहरा किया। कुओ की साफ़ सफाई करके उन्हें रिचार्ज किया वही शहर के घरो पर वाटर हार्वेस्टिंग करके वर्षा के जल को भूजल तक पहुंचाने का कार्य किया वही इस वर्ष हमारे द्वारा शहर के 35 हेंड पंप को घरो के वाटर हार्वेस्टिंग से जोड़ा और शहर का भूजल स्तर बढ़ाया साथ ही इन हेंड पंप को भी रिचार्ज किया। दिल्ली सरकार ने दिल्ली में बारिश के पानी के संरक्षण को प्रोत्साहित करने के लिए लोगों को वित्तीय सहायता देने का निर्णय लिया हैं। जल मंत्री एवं दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष सत्येंद्र जैन ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर रूफटॉप रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने की प्रक्रिया को सरल बनाने पर चर्चा करते हुए कई अहम फैसले लिए। केजरीवाल सरकार अब रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम लगाने वालों को 50000 रुपए तक की वित्तीय सहायता देगी। साथ ही पानी के बिलों पर 10 फ़ीसदी की छूट भी देगी। उल्लेखनीय है कि दिल्ली सरकार ने 100 वर्ग मीटर या उससे अधिक क्षेत्रफल में बने घरों पर रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना अनिवार्य किया हैं। इसके लिए दिल्ली सरकार ने नियमों में काफी ढील दी हुई हैं। अब लोग दिल्ली जल बोर्ड के बजाय काउंसलिंग ऑफ और ट्रैक्टर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रमाण पत्र प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए ध्यान रखना होगा कि रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम दिल्ली जल बोर्ड द्वारा जारी किए गए दिशा निर्देश का पालन करते हुए ही बनाया जाए। दिल्ली सरकार ने रूफटॉप रेनवाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लगाने के लिए अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2021 तक के लिए बढ़ा दी हैं। दिल्ली सरकार ने भूजल स्तर को बढ़ाने और वर्षा जल का कुशलता पूर्वक उपयोग करने के लिए अनेकों प्रयोगों का अध्ययन किया। जिसमें से एक डूंगरपुर का रेन वाटर हार्वेस्टिंग मॉडल भी है। इस मॉडल को इनलाइन रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम के नाम से जाना जाता है। यह मॉडल काफी किफायती है जिसे सफलतापूर्वक राजस्थान के डूंगरपुर जिले में अपनाया गया है। जल मंत्री सत्येंद्र जैन ने कहा कि यहां कि यह जल संचय करने वाली प्रणाली नई तकनीकों का उपयोग करके बनाई गई है और बारिश के पानी को जल संचयन करने वाले गड्ढों के बजाय सीधा बोरवेल में भेजती हैं। इस प्रणाली में बारिश का पानी पाइप के अंदर ही फिल्टर हो जाता है और इसे अलग से फिल्टर या हार्वेस्ट इन पीट बनाने की जरूरत नहीं पड़ती।
युद्ध स्तर पर चल रहा है काम
इस परियोजना को सक्रिय रुप से लागू करने के लिए दिल्ली सरकार युद्धस्तर पर काम कर रही हैं। केजरीवाल सरकार ने डूंगरपुर के जल मॉडल पर काम करते हुए जिसमें लोगों को वित्तीय सहायता और अनूपालना मापदंडों में छूट देना शामिल हैं। इन दिशा-निर्देशों की अधिक जानकारी दिल्ली जल बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर मौजूद है। सत्येंद्र जैन ने कहा कि लोगों को रेन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम का प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड के कार्यालय में आने की आवश्यकता नहीं होगी। वह इसे काउंसिल आफ आर्किटेक्चर में पंजीकृत किसी भी आर्किटेक्ट से प्राप्त कर सकते हैं। इसमें बहुत से लोगों का समय बचेगा और ही ने बड़ी राहत मिलेगी। सिस्टम को कुशलतापूर्वक लागू करने के लिए दिल्ली जल बोर्ड ने दिल्ली के सभी जिलों में 12 जल शक्ति केंद्र स्थापित किए हैं। यह केंद्र लोगों को तकनीकी सहायता प्रदान करके रेन वाटर हर वेस्टिंग सिस्टम को लगाने में सहायता करेंगे।
डूंगरपुर के जल संचय मॉडल के अनुसार काम करेंगे
डूंगरपुर का जल संचय मॉडलकेजरीवाल सरकार दिल्ली में पूरी तरह लागू कर चुकी है। केजरीवाल सरकार बढ़ता जल संकट को देख दिल्ली में व्यापक स्तर पर काम करने में जुटी हुई हैं। ऐसे में मंत्री सत्येंद्र जैन ने डूंगरपुर जल संचय मॉडल की अनुसरण की पूरी योजना तैयार कर दिल्ली में लागू कर दी है। दिल्ली सरकार के मंत्री डूंगरपुर के जल संचय मॉडल को लागू करने के बाद डूंगरपुर नगर परिषद के पूर्व सभापति के के गुप्ता के विजन की जमकर प्रशंसा की। जल संचय मॉडल के बाद अब दिल्ली सरकार डूंगरपुर के स्वच्छता की तर्ज पर दिल्ली में स्वच्छता करने को लेकर विचार कर चुकी है।