बिना लाइसेंस के मांस, मछली, अण्डे बेचना दंडनीय अपराध: बैराड़ सीएमओ महेश जाटव
स्थान सुनिश्चित की जगह की मरम्मत होने तक करा लें अपने लाइसेंस तैयार।
बैराड़, शिवपुरी
खाद्य सुरक्षा अधिनियम एवं मानक विनमय प्राबधानो को संज्ञान में रखते हुए मध्य प्रदेश के नव निर्मित मुखिया मोहन यादव के प्रयासों से खुले में बिक रहे मांस, मछली, अंडे की रोकथाम के लिए प्रशासन लगातार सक्रीय नजर आ रही है। आज से कुछ दिनों पहले बैराड़ में भी यह कारवाही देखने को मिली कि शहर में बीच जगहों पर छोटे छोटे वचर खाने चलाए जा रहे थे जिससे आस पड़ोस में रहने वाले दुकानदार काफी परेशान थे साथ ही बदबू गंदगी से जनता परेशान थी। मोहन यादव की सरकार आते ही सक्त कार्यबाही से लोगों में उनके इस काम की सराहना मिल रही है। आज उसी आदेश की गाइड लाइन पर बैराड़ मुख्य नगर परिषद अधिकारी महेश जाटव ने मास मछली अंडे बेचने बालों को सूचित किया है अगर बिना लाइसेंस के दुकानें खुली दिखी तो कड़ी कार्रवाई होगी जिसका जिम्मेदार स्वम दुकानदार होगा।
साथ ही जब पत्रकार ने सवाल किया कि अगर शहर से दुकानों को हटवा रहे हो ये अच्छी बात है परन्तु इनके लिए कहीं दुकान आबंठित आपने कहां कि है? इस सवाल पर सीएमओ महेश जाटव ने कहा हमने पुराने हाट बाजार को इनके लिए आबंठिट की है, उसमें थोड़ा मरम्मत कार्य बाकी है जबतक सभी मांस अंडे वाले अपनी दुकानों का लाइसेंस बनवा लें।
डॉक्टर पंकज जैन खाद सुरक्षा आयुक्त मध्य प्रदेश के आदेश को अंदरमयान रखते हुए निर्देश मिले हैं=
खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम, 2006 एवं खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य अनुज्ञापन एवं पंजीयन) विनियम, 2011 में प्रावधानित है कि ऐसे मांस के खाद्य कारोबारी जिनका वार्षिक टर्नओव्हर रू0 12 लाख से कम अथवा प्रतिदिन 02 बड़े पशु/10 छोटे पशु तथा 50 छोटे पक्षी का स्लॉटरिंग / खाद्य व्यवसाय करते हों, उन्हें अधिनियम अंतर्गत खाद्य सुरक्षा विभाग से रजिस्ट्रेशन (पंजीयन) कराया जाना अनिवार्य है। इसी प्रकार ऐसे मांस के खाद्य कारोबारी, जिनका वार्षिक टर्नओव्हर रू0 12 लाख से अधिक अथवा प्रतिदिन 02 बड़े पशु/10 छोटे पशु तथा 50 छोटे पक्षी से अधिक का स्लॉटरिंग / खाद्य व्यवसाय करते हों, उन्हें अधिनियम अंतर्गत खाद्य सुरक्षा विभाग से लायसेंस (अनुज्ञप्ति) लंना अनिवार्य है। इन खाद्य कारोबारियों द्वारा उपरोक्त लायसेंस / रजिस्ट्रेशन के बिना व्यवसाय करते पाए जाने पर खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम की धारा 58 एवं 63 अंतर्गत अर्थदंड एवं कारावास से दंडनीय है तथा खाद्य सुरक्षा अधिकारियों द्वारा लिए गए लीगल नमूनों जांच रिपोर्ट असुरक्षित (Unsafe) पाए जाने पर अधिनियम की धारा 59 अंतर्गत अर्थदंरू तथा कारावास दोनों का भी प्रावधान है।
प्रदेश में मिलावट से मुक्ति अभियान अंतर्गत खाद्य पदार्थों के विरुद्ध निरंतर कार्यवाही की जा रही है। अतः अभियान अंतर्गत ही पूर्व में गठित दलों में स्थानीय निकायों के अधिकारियों को भी सम्मिलित करते हुए मांस के खाद्य कारोबारियों के प्रतिष्टानों का निरीक्षण कर अधिनियम अंतर्गत प्रभावी कार्यवाही की जाए। इसके साथ ही अधिनियम अंतर्गत मौके से इन खाद्य पदार्थों के लीगल एवं सर्विलेंस नमूने जांच हेतु विधि अनुरूप संग्रहित कर जांच हेतु राज्य खाद्य परीक्षण प्रयोगशाला को भेजना सुनिश्चित करें। उपरोक्त के आलोक में की गई कार्यवाहियों की समीक्षा साप्ताहित समय-सीमा बैठक में आवश्यक रूप से की जाए तथा की गई कार्यवाही से निर्धारित प्रपत्र में इस प्रशासन को अवगत कराया जावे साथ ही खाद्य सुरक्षा एवं मानक (खाद्य कारबार का अनुज्ञापन एवं पंजीयन) विनियम 2011 की संलग्न अनुसूची IV में प्रावधानित शतों का अनुपालन कराया जाना सुनिश्चित करें।