पोहरी एसडीएम रहे नाडिया का फर्जी बाड़ा निकलकर आया सामने, शासकीय भूमि को खुर्द बुर्द कर किया नामांतरण।

पट्टे मिलने से पहले तीन एसडीएम आए और गए किसी ने भी इस केस में हाथ नहीं डाला क्यों कि मामला कुटरचित जान कर विचाराधीन में डाल दिया। जाने किन कारणों से एसडीएम नाडिया ने इस मामले में दिलचस्वी दिखाई।

पोहरी एसडीएम रहे नाडिया का फर्जी बाड़ा निकलकर आया सामने, शासकीय भूमि को खुर्द बुर्द कर किया नामांतरण।
आवेदन के साथ आवेदक

पोहरी एसडीएम रहे नाडिया का फर्जी बाड़ा निकलकर आया सामने, शासकीय भूमि को खुर्द बुर्द कर किया नामांतरण।  

आवेदक गिर्राज गुप्ता ने सूचना की जानकारी लेकर सभी दस्तावेजों सहित मुख्य सचिव राजस्व विभाग भोपाल सहित जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। लिखित ज्ञापान में विधित है कि मचाखुर्द में शासकीय भूमि सर्वे क्रमाक 369, रकवा 3.94 हेक्टेयर ग्राम मचाखुर्द , पूर्व सर्वे नंबर 305/3  पोहरी, सूचित क्रमांक 3 द्वारा शासकीय जनहित भूमि को फर्जी तरीके से सत्समय स्वर्गीय तहसीलदार आर सी सेंगर की के हस्ताक्षरों से प्रकरण क्रमांक 43/1998/99 अ तहसील पोहरी में पदस्थ प्रबाचक कैलाश आदिवासी से मिलकर तैयार किया।  प्र०क0 43/1998-99 अ 19 आदेश दिनांक 08/10/1999 के किसी भी प्रपत्रो आवेदन का इश्तहार कथन आदि पर तत्कालीन तहसील के न तो कोई हस्ताक्षर है ओर न ही कोई दिनांक अंकित है इश्तहार किस दिनांक को जारी किया नियत दिनांक क्या है न ही कथन लेने वावत आदेश पत्रिका में कोई तत्कालीन पटवारी के न तो हस्ताक्षर है ओर न ही प्रकरण मे पटवारी ग्राम के कथन अंकित है। सूचित कमांक 3 का अनुविभागीय अधिकारी पोहरी के यहां धारा 115 एम पी एल आर सी का प्र०क0 2/16अ/2020-21 का प्रकरण विधाराधीन रहा उक्त प्रकरण अनुविभागीय अधिकारी पोहरी द्वारा आदेश पत्रिका दिनांक 3/04/2021 मे स्पष्ट रूप से उल्लेख किया है कि प्र०क0 43/1998-99 अ19 की सम्पूर्ण पत्रावली कूटरचित है। और एसडीएम नाडिया ने प्रेमवती पत्नी नंदकिशोर न ही मचाखुर्द के रहने वाले हैं और न ही भूमी हीन है जो उन्हें पट्टे में भूमीहीन दर्शाया गया है बल्कि वे पिपरघार के निवासी हैं। उक्त व्यक्ति पर 20 बीघा जमीन भी है।

अतः विस्तृत जांच कराकर उक्त कथित फर्जी आदेशों के पालन में शासकीय भूमि को निजी स्वामित्व पर प्रदान करने वावत अनुविभागीय अधिकारी राजन वी नाडिया पोहरी के विरूद्ध दण्डात्मक कार्यवाही प्रस्तावित कर सूचित क्र० 3 स्वयं एवं उसके पति नंदकिशोर धाकड के विरूद्ध फर्जी दजस्तावेज तैयार करने एवं कथित फर्जी आदेश जिसका ज्ञान नंदकिशोर धाकड को है फिर भी उक्त कथित आदेश के पालन में भूमि स्वामी वना वेठा है के विरूद्ध धारा 467, 468, 671, 474, 420 आई.पी.सी. के तहत अपराध पंजीवद्ध करावें। अन्यथा नोटिस अवधि 60 दिवस पश्चात आपके विरूद्ध सक्षम न्यायालय में विधि अनुसार कानूनी कार्यवाही की जावेगी जिसके समस्त हर्जे खर्चे की जवावदारी आपकी होगी नोटिस की एक प्रति सुरक्षित करली गई है जो यथा समय स्थान आपसे तलव की जा सकती है। प्रस्तुत न करने पर सुरक्षितत प्रति मान्य होगी।