बिन पानी सब सून.................

- कई दिनों से ठप्प है नगर की जलापूर्ति, अधिकारी व जनप्रतिनिधि सब मौन।

बिन पानी सब सून.................
बिन पानी सब सून.................

KTG समाचार, राजीव बिरथरे, बरुआसागर, झाँसी।

बरुआसागर। त्योहारी सीजन में नगरवासियों को पानी की भयंकर किल्लत से जूझना पड़ रहा है। दीपावली जैसा साफ सफाई का त्योहार जिसमें लोगों को पानी की सख्त जरूरत होती है, उसमें जल संस्थान के कर्ता- धर्ताओं की काहिली, नाकारापन और जनप्रतिनिधियों की उदासीनता व बेरुखी के चलते पीने के लिए भी पानी मयस्सर नहीं हो पा रहा है।
      बीते कई दिनों की तरह शुक्रवार को भी नगर की जलापूर्ति ठप्प रही त्यौहार के समय लगातार ठप्प जलापूर्ति लोगो की मुसीबत बढ़ा रही है। एक ओर नगर की जलापूर्ति ध्वस्त होने से जनता एक एक बूंद पानी के लिए हेंडपम्प पर बर्तन लेकर लाइन लगाकर खड़े होने पर विवश है, वहीं जनप्रतिनिधियों को दीपोत्सव मनाने में ज़्यादा मज़ा आ रहा है। पिछले लगभग एक माह से नगर की जलापूर्ति बेपटरी होने से नगरवासियों में भारी आक्रोश व्याप्त हो रहा है। नगरवासी एक एक बूंद पानी के लिए आये दिन हैंडपंप पर लाइन लगाए खड़े नजर आते हैं। पेयजलापूर्ति की समस्या नगर के दामन पर एक बदनुमा धब्बा बन चुकी है, सरकार लाख कोशिशें कर ले शहरों को स्मार्ट बनाने की, जनता को सारी सुविधाएं मुहैया कराने की, लेकिन काहिल व नाकारा अधिकारी और कर्मचारी शासन की सारी योजनाओं को पलीता लगाकर उसकी लुटिया डुबोने की कसम खाकर बैठे हैं। रही सही कसर सत्ता की मलाई चाटने में मस्त जनप्रतिनिधियों ने पूरी कर दी है जिन्हें अपनी जेबें भरने और सत्ता सुख भोगने से ही फुरसत नहीं है, जनता जाए भाड़ में उनकी बला से।
        "समंदर के किनारे बैठकर भी प्यासे" वाली कहावत बरुआसागर की जनता के लिए ही शायद बनाई गई थी। नगर से चंद किलोमीटर की दूरी पर बहने वाली बेतवा नदी में उपलब्ध अपार पानी का भण्डार भी अगर नगरवासियों की प्यास बुझाने के लिए नाकाफी साबित हो रहा है तो उसके लिए यही अधिकारी- कर्मचारी और जनप्रतिनिधि जिम्मेवार हैं। यह नगर की जनता का दुर्भाग्य है कि यहाँ तैनात अवर अभियंता कभी भी नगर में नहीं रहते बल्कि झाँसी से ही जल संस्थान को चलाते हैं। संस्थान के कर्मचारी, अधिकारी मोटर जल जाने या लाइट न मिल पाने जैसे घिसे पिटे बहाने लेकर अपनी ज़िम्मेदारी से पल्ला झाड़ लेते हैं। प्रदेश की योगी सरकार की हर घर जल योजना को पलीता लगाने में ये नाकारा, लापरवाह अधिकारी कोई कसर नही छोड़ रहे है।नगरवासियों ने जिलाधिकारी से नगर की महती जल समस्या से उनको निजात दिलाने की मांग उठाई है। अवर अभियंता ओमप्रकाश ने नगर की बिगड़ी जलापूर्ति पर कहा कि फिल्टर प्लांट पर लगी मशीनों के उपकरण नष्ट हो चुके है, जिन्हें मंगवाये जाने के लिए उच्चाधिकारियों को लिखित रूप से अवगत कराया जा चुका है, साथ ही अस्थायी रूप से वैकल्पिक व्यवस्था बनाते हुए नगर की जलापूर्ति दुरुस्त कराने का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन सवाल यह है कि इक्कीसवीं सदी में भी बिजली- पानी जैसी मूलभूत सुविधाओं के लिए जूझ रही नगर की जनता को इन समस्याओं से अंततः कब मुक्ति मिलेगी?