- आखिरकार ज़िंदगी की जंग हार गया अजय

- पचास दिनों तक मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर पर पड़ा रहा, सोमवार को तोड़ा दम

- आखिरकार ज़िंदगी की जंग हार गया अजय
- आखिरकार ज़िंदगी की जंग हार गया अजय

KTG samachar India, राजीव बिरथरे, बरुआसागर, झाँसी।

बरुआसागर- लगभग दो माह पूर्व मेडिकल कॉलेज, झाँसी से लापता हुए बरुआसागर निवासी ट्रांसपोर्टर अरविंद गुप्ता का मामला बीते रोज बेगुनाह अजय की दर्दनाक मौत के साथ अनचाहे अंजाम तक पहुँच गया।
          ज्ञात हो कि बीते 23 सितम्बर को नगर के मिलान मोहल्ला निवासी ट्रांसपोर्टर अरविंद गुप्ता मेडिकल कॉलेज, झाँसी से अचानक लापता हो गया था जिसकी सूचना थाना नवाबाद में उनकी पत्नी मुनन गुप्ता ने देते हुए उसकी खोज करने की गुहार पुलिस से लगाई थी। ट्रांसपोर्टर की तलाश में जुटी पुलिस को उसके गायब होने के दिन उसकी मुलाकात कटरा मोहल्ला, बरुआसागर निवासी अजय सोनी से होने की जानकारी हुई, जिसपर नवाबाद पुलिस ने अजय को 25 सितंबर को पूछताछ के लिए झाँसी बुलाया, जहाँ अजय अपने साथी बरुआसागर निवासी रब्बू कुशवाहा के साथ पहुँचा। अजय के परिजनों के अनुसार चौकी नवाबाद में अजय की पुलिस द्वारा बर्बरता के साथ पिटाई की गई जिसके चलते उसकी हालत मरणासन्न हो गई। अजय की हालत देखकर घबराई पुलिस ने झूठी कहानी बनाई कि अजय ने मौका पाकर हवालात के शौचालय में बने जंगले में अपनी शर्ट का फंदा बनाकर फांसी लगा ली है और अजय को मेडिकल कॉलेज में भर्ती करा दिया जहाँ उसकी गंभीर हालत को देखते हुए उसको वेंटिलेटर पर रखा गया, जहाँ पचास दिनों तक ज़िंदगी की जंग लड़ते हुए आखिरकार सोमवार की शाम अजय ने दम तोड़ दिया।

              अजय की मौत की खबर लगते ही उसके परिजन मेडिकल कॉलेज पहुँचे जहाँ पुलिस ने रात में ही पोस्टमार्टम कराने का प्रयास किया जिसके लिए वे राज़ी नहीं हुए और उन्होंने ट्रांसपोर्टर अरविंद गुप्ता, उसके परिजनों, दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने, मृतक की माँ को पच्चीस लाख रुपयों का मुआवजा देने और परिवार के एक सदस्य को नौकरी देने की मांग रखी। झाँसी में अगले कुछ दिनों में प्रधानमंत्री, रक्षा मंत्री, मुख्यमंत्री सहित वीवीआईपी के आगमन को देखते हुए पुलिस के हाथ-पांव फूलने लगे और वे किसी भी प्रकार मामले को सुलटाने की फिराक में लग गए। जानकारी के अनुसार बबीना विधायक राजीव सिंह पारीछा की मध्यस्थता में प्रशासन और अजय के परिजनों में समझौता हुआ जिसमें प्रशासन ने उनकी सारी मांगों को मानने का मौखिक आश्वासन दिया जिसके बाद अजय के परिजन उसका पोस्टमार्टम कराने और अंतिम संस्कार करने के लिए राजी हुए। मंगलवार की दोपहर बाद भारी पुलिस बल की मौजूदगी में अजय का अंतिम संस्कार शारदा माई की टौरिया स्थित शमशान घाट पर कर दिया गया जहाँ उसके बड़े भाई के पुत्र ने उसको मुखाग्नि देकर उसका अंतिम संस्कार सम्पन्न किया। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन द्वारा नगर में भारी पुलिस बल की तैनाती की थी जिसके चलते नगर छावनी की तरह बना रहा।