श्रीराम की काव्य स्तुति से हुआ राममय परिवेश डूंगरपुर में हुई जिलास्तरीय श्रीराम काव्यपाठ प्रतियोगिता

श्रीराम की काव्य स्तुति से हुआ राममय परिवेश डूंगरपुर में हुई जिलास्तरीय श्रीराम काव्यपाठ प्रतियोगिता

श्रीराम की काव्य स्तुति से हुआ राममय परिवेश डूंगरपुर में हुई जिलास्तरीय श्रीराम काव्यपाठ प्रतियोगिता

राष्ट्रीय कवि संगम ने किया आयोजन

Ktg समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर राजस्थान

डूंगरपुर। राष्ट्रीय कवि संगम डूँगरपुर के तत्वावधान में रविवार को श्रीराम राष्ट्रीय काव्यपाठ प्रतियोगिता का जिलास्तरीय आयोजन सम्पन्न हुआ। गोकुलपुरा स्थित विद्या निकेतन उ मा वि सभागार में हुए इस कार्यक्रम की अध्यक्षता अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रकाश शर्मा ने की। मुख्य अतिथि भाजपा जिलाध्यक्ष प्रभु पंड्या रहे एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में विहिप जिलाध्यक्ष प्रकाश भट्ट, वरिष्ठ साहित्यकार हेमन्त शर्मा, प्रो. उपेन्द्रसिंह, राजकुमार कसारा, गजेन्द्र चौबीसा व चिराग व्यास उपस्थित थे। प्रतियोगिता के मुख्य निर्णायक के रूप में प्रसिद्ध ओजस्वी कवि हर्ष व्यास अरथुना, ख्यातनाम साहित्यकार दिनेश पंचाल एवं शिक्षाविद डॉ कविता व्यास ने भूमिका निभाई। प्रतियोगिता में सम्पूर्ण जिले से 20 प्रतिभागी सम्मिलित हुए। जिसमें अपनी बेहतरीन प्रस्तुति के माध्यम से उर्वशी द्विवेदी नन्दौड ने प्रथम स्थान प्राप्त किया। साथ ही लिम्बोड बडी से चन्द्रवीर सिंह चारण ने द्वितीय और धम्बोला से आर्यन पंड्या ने तीसरा स्थान प्राप्त किया। वमासा की ध्रुविका व्यास चौथे स्थान पर रही। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने भगवान श्रीराम की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित किया। गीतकार विपिन वत्सल ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। जिला उपाध्यक्ष सुरेश सरगम ने प्रतियोगिता का प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। वीर रस के सशक्त हस्ताक्षर हर्ष व्यास ने अपनी धारदार कविताओं से माहौल को प्रारंभ में ही राममय कर दिया। महामंत्री विपुल विद्रोही ने स्वागत भाषण दिया। जिलामंत्री मनिषा पंड्या, मीडिया प्रभारी मयंक मीत, गोविन्द कुंवर चौहान, हार्दिक हिन्दुस्तानी, रोशनी दर्जी आदि ने अतिथियों का स्वागत किया। अन्त में जिलाध्यक्ष छत्रपाल शिवाजी ने आभार व्यक्त किया। प्रतियोगिता का संचालन प्रकृति पंड्या ने किया। कार्यक्रम में प्रतिभागियों के साथ उनके अभिभावक और जिले के प्रमुख साहित्यकार व सुधि श्रोतागण उपस्थित रहे।