Mp: गरीबी में गीला आटा, कोयला संकट के बीच 500 मेगावाट बिजली उत्पादन करने वाला प्लांट ठप पड़ा है : रिंकू पंडित KTG समाचार
देशभर में कई राज्य कोयला संकट (Coal Crisis) से जूझ रहे हैं. इस संकट के बीच मध्य प्रदेश के उमरिया (Umaria) में एक पावर प्लांट ठप पड़ गया ( Power Plant). मध्य प्रदेश पावर जनरेटिंग कंपनी लिमिटेड (एमपीपीजीसीएल) की कोयले से चलने वाली 500 मेगावाट वाली यूनिट में गुरुवार से उत्पादन ठप पड़ा है.
एमपीपीजीसीएल के प्रबंध संचालक मनजीत सिंह ने बताया कि 'ट्यूब लीकेज' के कारण उमरिया स्थित संजय गांधी थर्मल पावर प्लांट पर 500 मेगावाट उत्पादन की स्थापित क्षमता वाला प्लांट ठप हो गया है. उन्होंने कहा कि कोयले की कमी से प्रदेश में करीब 1000 मेगावाट थर्मल पावर उत्पादन प्रभावित हुआ है. हालांकि, उन्होंने कहा, ''15 रैक के बजाय हमें अपने थर्मल पावर स्टेशनों को चलाने के लिए हर दिन करीब 10 रैक कोयला मिल रहा है.''
राज्य में कोयले की आपूर्ति में हुआ सुधार
सिंह ने कहा, ''हमें कुछ दिन पहले सिर्फ 7 रैक मिल रहे थे. इसलिए इसे देखते हुए राज्य को कोयले की आपूर्ति में अब सुधार हुआ है.'' उन्होंने कहा कि एक रैक में 4,000 टन कोयला आता है, जो मध्य प्रदेश को 'वेस्टर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड' (डब्ल्यूसीएल), 'साउथ ईस्टर्न कोलफील्ड्स' (एसईसीएल) और 'नॉर्दर्न कोलफील्ड्स लिमिटेड' (एनसीएल) से मिलता है. वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में लोग बिजली कटौती की शिकायत कर रहे हैं. दूसरी तरफ मध्य प्रदेश पावर मैनेजमेंट कंपनी लिमिटेड (एमपीपीएमसीएल) के एक अधिकारी ने दावा किया कि प्रदेश के किसी भी क्षेत्र बिजली कटौती नहीं की जा रही है.
निजी क्षेत्र से बिजली लेने के लिए मजबूर हुई सरकार
वहीं शहरों और गांवों में बिजली उपलब्ध कराने के लिए सरकार निजी क्षेत्र से बिजली लेने के लिए मजबूर है. हालांकि सरकार कोयला उपलब्ध कराने का पूरा प्रयास कर रही है, लेकिन हालात अभी चिंताजनक बने हुए हैं. राज्य सरकार कोल इण्डिया और केन्द्र सरकार के लगातार संपर्क में है. रेलवे और सड़क मार्ग से लगभग 16 लाख टन कोयले की अतिरिक्त आपूर्ति की जा रही है. शासन का दावा है कि आगामी रबी सीजन और त्यौहारों में बिजली की कमी नहीं आने दी जायेगी.