रेत-खनिज परिवहन व्यापारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, हड़ताल से थमेंगे करीब 500 वाहनों के पहिए
मांगों के समर्थन में मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन'
सरकार से स्पष्ट खनिज परिवहन नीति बनाने की मांग
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। रेत खनिज परिवहन व्यापारी 28 सितंबर से अपना काम बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए है। ज्ञापन के माध्यम से व्यापारियों ने स्पष्ट खनिज परिवहन नीति बनाने की मांग की। साथ ही खनिज विभाग एवं पुलिस विभाग की हठधर्मिता पूर्वक अवैध वसूली के प्रति रेत एवं गिट्टी खनिज व्यापारियों ने विरोध दर्ज करवाया।
रेत गिट्टी वाहन ऑनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय गहलोत ने बताया कि ज्ञापन के माध्यम से सरकार से 6 बिंदुओं पर विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग की गई है। उन्होंने बिंदुवार जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहली मांग यह की- मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्वीकृत खदान से निर्धारित रॉयल्टी राशि देने के बाद भी रास्ते भर कई जगह माइनिंग विभाग, पुलिस विभाग, आरटीओ विभाग द्वारा अलग-अलग स्थानों पर चेकिंग के नाम पर भारी अवैध वसूली की जा रही है, जिसे तत्काल बंद किया जाए। वर्तमान आधुनिक युग में विकास हेतु प्रत्येक निर्माण का आधार स्तंभ ही खनिज गिट्टी- रेत है, जिसे हम व्यापारी खदानों से परिवहन कर प्रदेश के ही निर्माण स्थलों पर जन सेवा के रूप में पहुंचाते हैं। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कई टैक्स चुकाते हैं। इसके बाद भी व्यापारी एवं ड्राइवर पर चोरी की धारा 379 के अंतर्गत कार्रवाई करना गलत एवं व्यापार विरोधी है, जिसे तत्काल खत्म किया जाना चाहिए। शासन द्वारा निर्धारित खनिज- रेती राशि प्रत्यक्ष रूप से चुकाने के अलावा भी अप्रत्यक्ष रूप से वाहन का रोड टैक्स, परमिट, टोल पर टैक्स के साथ ही डीजल पर भारी भरकम टैक्स द्वारा प्रतिमाह लाखों रुपए दिया जाता है। इसके बाद भी व्यापारियों को खनिज- रेत माफिया, रेत चोर कहना गलत है, जिसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए। शासन की नीति के प्रावधानों की आवश्यकता अनुसार रॉयल्टी प्रति मीटर की दर से शासन द्वारा निर्धारित की गई है। खदानों पर तोल कांटा लगा कर आरटीओ के नियम अनुसार वाहनों में प्रति घन मीटर के मापदंड से खनिज लोड किया जाए। फिर वजन कम या ज्यादा जो भी हो, उस वाहन की ओवर लोड की चालानी कार्यवाही ना की जाए। साथ ही खनिज विभाग और आरटीओ द्वारा खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों के लिए वाहन क्षमता अनुसार एक सहज और जन हितेषी व्यवहारिक नीति संयुक्त रूप से अति शीघ्र बनाई जाए। शासन द्वारा समय-समय पर खदानों से रेत खनिज का बिक्री मूल्य तय किया जाए। इसमें शासन स्तर से न्यूनतम और अधिकतम रुपए की दर भी करने का प्रावधान जल्द से जल्द लागू किया जाए। एसोसिएशन की अंतिम मांग यह थी कि जिस खदान से रेत खनिज लोड किया गया है, उस खदान संचालक पर नियंत्रण के नियम बनाए जाए, जिससे प्रदेश में अवैधानिक रूप से, बिना रॉयल्टी रेत खनिज के व्यापार पर अंकुश भी लगेगा। ऐसा करने से शासन के राजस्व में भारी बढ़ोतरी भी हो पाएगी। अध्यक्ष गहलोत ने कहा कि सरकार मध्यप्रदेश में विकास कार्यों के लिए आवश्यक गौण खनिज की सहज उपलब्धता एवं मूल्य नियंत्रण करने के लिए हमारी मांगों पर विचार करें। इस अवसर पर संगठन के बबलू श्रीवास्तव, तूफान सिंह दरबार, रितेश राठौर, हर्ष विजयवर्गीय, अरुण पांडे, गिट्टी व्यापारी जावेद पटेल, तोफिक पटेल, विनोद जायसवाल, जितेंद्र सिंह परिहार, सुमेर सिंह ठाकुर, संजू खंडेलवाल, अरबाज शेख, हुकुम सिंह बालोदिया, राजेश दरबार, ज्ञान सिंह, राहुल चौधरी, नरेंद्र चौधरी, प्रसार प्रमुख रितेश राठौर सहित एसोसिएशन के कई सदस्य उपस्थित थे।
हड़ताल से थमेंगे करीब 500 वाहनों के पहिए
जानकारी के अनुसार रेत खनिज परिवहन में शहर की मंडी से संबंधित करीब ढाई सौ बड़े वाहन हड़ताल से प्रभावित होंगे। इतने ही छोटे वाहन भी हड़ताल के कारण बंद रहेंगे। व्यापारियों के अनुसार इन वाहनों के बंद होने से आने वाले दिनों में शहर व आसपास कंस्ट्रक्शन से संबंधित कामों पर ब्रेक लग सकता है।