मातृ एवं शिशुवार्ड अस्पताल के वार्ड में अव्यवस्था का आलम, वार्ड में नेबुलाइजर मशीन की प्लग खराब, परिजन बाजार से खरीकर लाकर अपने बच्चों को दे रहे मशीन से भाप
मातृ एवं शिशुवार्ड अस्पताल के वार्ड में अव्यवस्था का आलम, वार्ड में नेबुलाइजर मशीन की प्लग खराब, परिजन बाजार से खरीकर लाकर अपने बच्चों को दे रहे मशीन से भाप
केटीजी समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर, राजस्थान
डूंगरपुर। कोविड़़-19 महामारी की दूसरी लहर डूंगरपुर जिला अभी संभला ही थी की जिले में अब मौसम बिमारियों अपने पैर प्रसार शुरू कर देने से जिलेवासियों को अपने चपेट लेना शुरू कर दिया है। जिससे जिला अस्पताल में दिन ब दिन डॉक्टरों को दिखाने के लिए मरीजों की लंबी कतारे देखने को मिलती है। कुछ ऐसी ही तस्वीर बुधवार को जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु अस्पताल परिसर में देखने को मिला अस्पताल के शिशुवार्ड संख्या 6 व 7 वार्ड में मेला जैसा स्थिति देखने को मिली। सर्दी,जुखाम,खांसी और निमोनियों से ग्रस्त बच्चों की संख्या ज्यादा होने पर और वार्ड में बेड़ों की संख्या कम होने की वजह से डॉक्टरों को एक ही बेड़ पर तीन-तीन बच्चों को रख कर उनका उपचार करना पड़ रहा है।
बॉक्सः मौसमी बीमारी का सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चोंपर
जिले में मौसमी बिमारियों को असर सबसे ज्यादा छोटो बच्चों पर देखने को मिल रहा है। बुधवार को जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशुवार्ड में सर्दी जुखाम और निमोनिया से ग्रस्त बच्चे की संख्या ज्यादा होने पर एक बेड़ पर तीन तीन बच्चों को रखकर ईलाज किया जा रहा है।
बॉक्सः नेबुलाइजर की मशीन बाजार से खरीद कर ला रहे परिजन
जिला अस्पताल के मातृ एवं शिशु वार्ड के 7 नबंर वार्ड में भर्ती सतीरामपुर निवासी मनीषा मनात ने बताया कि उसके बच्चा का निमोनियों हो गया था। जिसे वार्ड में भर्ती कराया गया। जहां डॉक्टर ने जांच के बाद नेबुलाइजर मशीन के जरिए बच्चों को भाप देने को कहा। वार्ड की देख रख करने वाले नर्सिंग स्टॉफ से बच्चों को भाप देने वाली मशीन मांगने पर बताया कि मशीन का प्लग टूूटा होने से वह काम नहीं कर रही है। जिसके चलते मनीषा के परिजनों ने बाजार से 11 सौ रूपए की नेबुलाइजर की नई मशीन खरीदकर लाकर अपने बच्चों को मशीन के जरिए भाप दे रहे है। कुछ ऐसी ही तस्वीर शिशुवार्ड के 6 नबंर में देखने को मिली यहां पर एक नेबुलाइजर मशीन मौजूद थी।
बॉक्सः लाईट व पंखे भी बंद
खेरवाड़ा तहसील रोबिया गांव निवासी चंदूलाल मेघवाल ने बताया कि अस्पताल के वार्ड में लगे में 6 पंखों में से एक पंखा खराब होने से बंद मिला। वही दूसरा पंखा भी खराब अवस्था से हवा न के बराबर दे रहा था। वार्ड में लगी में तीन ट्यूब लाई में एक बंद होने से वार्ड में अंधेरा देखने को मिला। ऐसे में बंद पडे़ पंखे के निचे बेड़ पर भर्ती बच्चों को अपनी माताएं एक्सरे के जरिए हवाएं करती हुए दिखाई दी।
बॉक्सः स्टेन की व्यवस्था भी नहीं
परिजन चंदूलाल मेघवाल में बताया कि वार्ड में बच्चों को चढ़ने वाली ड्रिप की बोतल को ेलागने के लिए स्टेन नहीं होने से वार्ड के खिड़कियों से बांधकर बच्चों को ड्रिप चढाई जा रही हैं। जिसके चलते कई बार बोलत ऑउट भी हो जाती है। वहीं रात के समय में अस्पताल परिसर के सीढि़यों बिजली व्यवस्था नहीं होने से सीढि़यों के आसपास अंधेरा परसा रहता है। ऐसे में मरीज के साथ आए परिजन सीढि़या चढ़ते और उतरते समय गिरते भी रहते हैं।