दो युवा कलाकारों की तीन दिनी चित्रकला प्रदर्शनी 1 अक्टूबर से

दो युवा कलाकारों की तीन दिनी चित्रकला प्रदर्शनी 1 अक्टूबर से

दो युवा कलाकारों की तीन दिनी चित्रकला प्रदर्शनी 1 अक्टूबर से
दो युवा कलाकारों की तीन दिनी चित्रकला प्रदर्शनी 1 अक्टूबर से 
ख्यात चित्रकार कलागुरु अफज़़ल की स्मृति में होगा विशेष आयोजन
देवास को अफज़़ल ने दी थी राष्ट्रीय स्तर पर नयी पहचान, कला वीथिका करती है हर साल वृहद आयोजन
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। ख्यात चित्रकार कला गुरु अफजल की स्मृति में देवास कला वीथिका ने दो युवा कलाकारों की तीन दिवसीय चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन विक्रम सभा एवं कला भवन, जवाहर चौक में एक अक्टूबर से किया जाएगा। प्रदर्शनी शुक्रवार से रविवार तक प्रतिदिन शाम 5 से रात 10 बजे तक खुली रहेगी। वरिष्ठ चित्रकार रईस खान और राजेश परमार ने बताया कि राष्ट्रीय स्तर पर कला के क्षेत्र में देवास की नयी पहचान कायम कराने वाले नामी चित्रकार अफजल की पुण्यतिथि पर देवास कला वीथिका हर साल वृहद आयोजन करती रही है। इसी क्रम में इस बार युवा चित्रकार शादाब खान के चित्रों तथा आमेला खान की कोलाज़ कृतियों को प्रदर्शित किया जाएगा। शुक्रवार शाम 5 बजे चित्रकला प्रदर्शनी का उद्घाटन सत्र होगा। मुख्य अतिथि विधायक गायत्री राजे पवार होंगी। अध्यक्षता पूर्व महापौर सुभाष शर्मा करेंगे। विशेष अतिथि के रूप  में जिला कलेक्टर चंद्रमौली शुक्ला और निगमायुक्त विशाल सिंह चौहान उपस्थित रहेंगे। इसी प्रकार रविवार शाम 6 बजे समापन सत्र के मुख्य अतिथि विधायक सज्जन सिंह वर्मा होंगे। अध्यक्षता पूर्व मंत्री दीपक जोशी करेंगे। विशेष अतिथि उज्जैन के पूर्व सांसद चिंतामणी मालवीय उपस्थित रहेंगे।
अफज़़ल ने चित्रकला में अपने अनूठे रंग संयोजन, मज़बूत स्ट्रोक्स, नवाचार और कला मानकों के वैशिष्ट्य से देश के कला जगत में अपनी एक खाश जगह बनाई थी। अमूर्त और मूर्त दोनों ही फॉर्म में उन्होंने कई माध्यमों में काम किया। उन्होंने एक पूरी कला पीढ़ी तैयार की। देवास से उनका ख़ासा लगाव रहा। कई बार महानगरों में रहकर उन्हें अपना काम करने के लिए ऑफर मिले, लेकिन वे शहर को छोडक़र कहीं नहीं गए। देवास के सौन्दर्य को उन्होंने अपने कई चित्रों में प्रमुखता से चित्रित किया है।
शादाब खान अफजल के पोते और संभावनाशील युवा चित्रकार शादाब खान के मजबूत स्ट्रोक और कलर शेड्स के साथ उनके चित्रों में प्रकृति निखरकर आती है। ख़ूबसूरत लैंडस्केप के साथ धूप के कई अक्स उनके चित्रों में सहज दिखाई देते हैं। उनके रंगों में भी नवाचार साफ झलकता है। अफज़़ल की विरासत को आगे बढ़ाते इस युवा कलाकार के कई महत्त्वपूर्ण चित्रों को प्रदर्शनी में देखा जा सकता है। शादाब अपनी कला उपलब्धि का श्रेय पिता रईस खान और मार्गदर्शक वरिष्ठ चित्रकार राजेश परमार को देते हैं।    
आमेला खान अफजल की पोती और संभावनाशील कोलाज कलाकार आमेला खान की कृतियों को देखकर यह बताना मुश्किल हो जाता है कि वे चित्र हैं या कोलाज। आमेला बड़ी खूबसूरती और पैशन से अपनी कृतियों में जान फूँक देती है। इनमें कला के साथ विचारों के स्तर पर भी नवाचार नजर आता है। कोलाज तेजी से विकसित होती कला विधा है और इसमें देश में बहुत कम कलाकार इतनी शिद्दत से काम कर रहे है। इन कोलाज कृतियों को प्रदर्शनी में देवास के लोग देख सकेंगे।