देशभर में आज धूमधाम से मनाएंगे भगवान अग्रसेन जयंती : के.के.गुप्ता
देशभर में आज धूमधाम से मनाएंगे भगवान अग्रसेन जयंती : के.के.गुप्ता
- भगवान अग्रसेन जी के सद्भाव का संदेश व सिद्धान्तवादी विचार वर्तमान समय में हम सभी के लिए प्रासंगिक व अनुकरणीय हैं
Ktg समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर, राज
डूंगरपुर। उदयपुर अग्रवाल समाज द्वारा महाराजाधिराज भगवान अग्रसेन जी की जयंती पर्व को बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ उदयपुर अग्रवाल समाज की सभी पंचायतों में मनाई जाएगी। जिसमे मुख्य रूप से आज प्रातः ध्वजारोहण, हवन, महाआरती, प्रसाद वितरण किया जायेगा। अग्रवाल समाज की सभी पंचायतें एवं जिला अग्रवाल सम्मेलन संस्थान भगवान अग्रसेन जी के पर्व को अपने स्तर पर भी विविध कार्यक्रमों के जरिए समाज की एकजुटता को बनाने के लिए कोई न कोई कार्यक्रम सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुरूप आयोजन करेगी। पश्चिमी राजस्थान अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष के.के.गुप्ता ने भगवान अग्रसेन की जयंती के अवसर पर देशवासियों को बधाई दी है। उन्होंने महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का अग्रदूत बताते हुए कहा कि उन्होंने मानव कल्याण और गरीबों के उत्थान के अनेकों कार्य किए। “सामाजिक समरसता के अग्रदूत और सच्चे कर्मयोगी महाराजा अग्रसेन की जयंती की बहुत-बहुत शुभकामनाएं। मानव कल्याण, परोपकार और गरीबों के उत्थान के लिए किए गए उनके कार्य देशवासियों को सदा प्रेरित करते रहेंगे।” भगवान अग्रसेन जी के सद्भाव का संदेश व सिद्धान्तवादी विचार वर्तमान समय में हम सभी के लिए प्रासंगिक व अनुकरणीय हैं। गुप्ता ने कहा इस वर्ष जयंती पर्व को धूमधाम से दीपावली पर्व के रूप में प्रत्येक घर मनाना है, मिठाईयां बनाएं, दीप जलाएं, घर को सजाएं, रंगोली बनाएं तथा भगवान अग्रसेन के प्रति अपनी आस्था जागृत कर पूजा पाठ करेंगे। यह हमारे समाज के लिए बड़ा महत्वपूर्ण है इससे हमारा परिवार का एवं समाज के उत्थान को निश्चित रूप से भगवान अग्रसेन का आशीर्वाद मिलेगा तथा सर्वजनों का कल्याण होगा। पश्चिमी राजस्थान अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष के.के.गुप्ता द्वारा अग्रजनों को भगवान अग्रसेन जयंती के शुभकामना पत्र व भगवान अग्रसेन की तस्वीर दी गई हैं। इस दौरान सदस्यता अभियान प्रमुख नरेंद्र अग्रवाल व राकेश गुप्ता मौजूद थे।
बच्चों को सुनाए भगवान के जीवन के महत्वपूर्ण तथ्य : के.के.गुप्ता
पश्चिमी राजस्थान अग्रवाल सम्मेलन के प्रदेश अध्यक्ष केके गुप्ता ने समाज जनों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को भगवान अग्रसेन जी के जीवन के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में कहानियों के माध्यम से अवश्य बताएं। कुशल शासकों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिंतन कालजयी होता है और युग-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। ऐसे शासकों से न केवल जनता, बल्कि सभ्यता और संस्कृति भी समृद्ध और शक्तिशाली बनती है। ऐसे शासकों की दृष्टि में सर्वोपरि हित सत्ता का न होकर समाज एवं मानवता होता है। ऐसे ही महान शासक थे महाराजा अग्रसेन। वे कर्मयोगी लोकनायक तो थे ही, संतुलित एवं आदर्श समाजवादी व्यवस्था के निर्माता भी थे। वे समाजवाद के प्रणेता, गणतंत्र के संस्थापक, अहिंसा के पुजारी व शांति के दूत थे। सचमुच उनका युग रामराज्य की एक साकार संरचना था जिसमें उन्होंने अपने आदर्श जीवन-कर्म से, सकल मानव समाज को महानता का जीवन-पथ दर्शाया। उस युग में न लोग बुरे थे, न विचार बुरे थे और न कर्म बुरे थे। राजा और प्रजा के बीच विश्वास जुड़ा था। वे एक प्रकाश-स्तंभ थे, अपने समय के सूर्य थे जिनकी जन्म-जयंती मनाई जा रही है। महाराजा अग्रसेन को समाजवाद का अग्रदूत कहा जाता है। अपने क्षेत्र में सच्चे समाजवाद की स्थापना हेतु उन्होंने नियम बनाया कि उनके नगर में बाहर से आकर बसने वाले व्यक्ति की सहायता के लिए नगर का प्रत्येक निवासी उसे 1 रुपया व 1 ईंट देगा जिससे आसानी से उसके लिए निवास स्थान व व्यापार का प्रबंध हो जाए। महाराजा अग्रसेन ने एक नई व्यवस्था को जन्म दिया। उन्होंने पुन: वैदिक सनातन आर्य संस्कृति की मूल मान्यताओं को लागू कर राज्य के पुनर्गठन में कृषि-व्यापार, उद्योग, गौपालन के विकास के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की पुनर्प्रतिष्ठा का बीड़ा उठाया।