नेशनल हाइवे- 39 के मरम्मत में लीपापोती, डस्ट व गिट्टी बारिश में बही

नेशनल हाइवे- 39 के मरम्मत में लीपापोती, डस्ट व गिट्टी बारिश में बही
बरसात के पहले मरम्मत के लिए स्वीकृत हुई 10 करोड़ की राशि कहां खर्च हो गई पता नहीं
केटी जी समाचार सिंगरौली एमपी हेड राजेश वर्मा
सिंगरौली। सीधी-सिंगरौली नेशनल हाइवे-39 का निर्माण 13 वर्ष से अधिक समय से चल रहा है, लेकिन सड़क आज तक नहीं बन पाई। संविदाकार को टर्मिनेट करने के बाद बरसात के पहले 105 किलोमीटर लंबी सड़क की मरम्मत कराने 10 करोड़ रुपये शासन द्वारा स्वीकृत किये गये गये थे। मरम्मत का टेंडर सिंगरौली मिनरल्स कंपनी को मिला, लेकिन बरसात समाप्त होने को आ गई है, मगर आज तक सड़क की मरम्मत नहीं हो पाई है। सूत्रों की की मानें तो मरम्मत के नाम पर संविदाकार व निर्माण एजेंसी के अधिकारियों द्वारा जमकर गोलमाल किया गया। मरम्मत के नाम पर खानापूर्ति की गई है।
गिट्टी और डस्ट डालकर हो गये फुर्र
निर्माण एजेंसी एमपीआरडीसी व संविदाकार एनएच पर कुछ जगह गिट्टी और डस्ट डालकर मरम्मत की खानापूर्ति कर फुर्र हो गये हैं। सड़क में जो गिट्टी और डस्ट डाली गई थी, वह भी बरसात में बह गई। सीधी सिंगरौली के बीच कई जगह इतने बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं कि चालक अगर उनका ध्यान न रखें तो रोज वाहन खराब होगा। सड़क पर हुए बड़े-बड़े गड्डों तक को नहीं भरा गया है। तो पैचवर्क के नाम पर लीपापोती मरम्मत के लिए हुए टेंडर में पैचवर्क का काम संविदाकार को करना था। सीधी से सिंगरौली के बीच के बीच सड़क में जो गड्ढे हुए हैं, उनको भरकर डामरीकरण करना है, लेकिन डामर के नाम पर सिर्फ डस्ट और गिट्टी डालकर खानापूर्ति कर दी गई, जबकि आज भी कर्थुआ, कोहराखोह, बहरी, गोरबी, मोरवा टाउन सहित अन्य जगहों पर सड़क की हालत इतनी बदतर है कि वाहन गड्डों में फंसकर खराब हो रहे हैं। गड्डों का डामरीकरण करना तो दूर मुरम तक नहीं भरी गई है।
बरसात के पहले सिंगरौली से सीधी 105 किलोमीटर का सफर 3 से 4 घंटे में पूरा हो जाता था, लेकिन बरसात में सड़क जगह-जगह से उखड़ गई, जिससे अब सिंगरौली से सीधी पहुंचने में 5 से 6 घंटे समय लग रहा है। सड़क की बदहाली का सबसे अधिक खामियाजा यात्री व लोडिंग वाहनों को उठाना पड़ रहा है। उम्मीद थी कि सड़क की मरम्मत व पैचवर्क होने पर चालकों को गड्डों से मुक्ति मिल जायेगी लेकिन ऐसा नहीं हो पाया।
कहीं पर भी फंस जाते हैं वाहन
सबसे अधिक खराब रोड बहरी के पास है। बहरी के पास सड़क पर घुटनों तक गहरे गड्ढे हो गये हैं। जब बरसात होती है तो गड्डों में पानी भर जाता है, जिससे वाहन चालकों को सड़क दिखती नहीं है और कई बार वाहन गड्ढे में जाकर फंस जाते हैं। इसी तरह की समस्या कर्थुआ, कोहराखोह तथा गोरबी में भी है। मरम्मत व पैचवर्क का काम अगर ठीक तरह से किया जाता तो सड़क चलने लायक बन जाती और दोनों जिलों के लोगों को इतनी समस्या नहीं होती।