शासन की योजना से देवास के अमोना निवासी श्री रूपसिंह वर्मा ने प्रारंभ किया का व्यवसाय

योजना के संचालन के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का हृदय से धन्यवाद- श्री वर्मा

शासन की योजना से देवास के अमोना निवासी श्री रूपसिंह वर्मा ने प्रारंभ किया का व्यवसाय

शासन की योजना से देवास के अमोना निवासी श्री रूपसिंह वर्मा ने प्रारंभ किया का व्यवसाय 

व्यवसाय से हो रही है हर माह 15 हजार रुपए की आय, बैंक की किस्त भी हो रही है जमा

योजना के संचालन के लिए मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का हृदय से धन्यवाद- श्री वर्मा

KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश

     देवास । शासन की मंशा है कि प्रदेश के प्रत्येक बेरोजगार को रोजगार मिले। इसके लिए विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रही है और इन योजनाओं का लाभ पाकर हितग्राही रोजगार देने वाले बन रहे हैं। इन्हीं हितग्राहियों में देवास के अमोना निवासी श्री रूप सिंह वर्मा पिता श्री लक्ष्मीनारायण वर्मा हैं। नगर निगम के माध्यम से श्री वर्मा ने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना में बैंक ऑफ इंडिया शाखा औद्योगिक क्षेत्र से 2 लाख रुपए का ऋण लिया तथा जूते-चप्पल का व्यवसाय प्रारंभ किया। जिससे उन्हें हर माह लगभग 15 हजार रुपए की आय हो रही है। योजना के संचालन के लिए वे मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान को हृदय से धन्यवाद दे रहे हैं।

हितग्राही श्री रूपसिंह वर्मा ने बताया कि वे नगर पालिक निगम क्षेत्र अमोना के निवासी हैं। उनके परिवार में माता-पिता के अलावा पत्नी शर्मिला वर्मा, पुत्री पूजा वर्मा, कृष्णा वर्मा तथा पुत्र अजय वर्मा हैं। वे बताते हैं कि कोविड 19 के कारण उनका कामकाज काफी प्रभावित हुआ। जिससे उन्हें परिवार के परिपालन में काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा। इसी बीच उन्होंने नगर निगम देवास द्वारा मुख्यमंत्री स्व रोजगार योजना में  बैंक ऑफ इंडिया औद्योगिक क्षेत्र की शाखा से 2 लाख रुपए का ऋण लिया। जिससे उन्होंने ने जूते-चप्पल का व्यवसाय प्रारंभ किया। दुकान के माध्यम से जूते-चप्पल की अच्छी बिक्री हो रही है। जिससे हरमाह लगभग 15 हजार रुपए की आय हो रही है। इस राशि से बैंक की किस्त भी समय पर भर रहे हैं। वे बताते हैं कि शासन की इस महत्ती योजना से उनका खुद का व्यवसाय तो प्रारंभ हुआ ही साथ ही आर्थिक स्थिति में सुधार भी हुआ। वे बताते हैं कि मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा चलाई जा रही योजनाओं वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं।