नवनियुक्त कांग्रेस महानगर अध्यक्ष सीपी शर्मा ने जिला विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर खड़े किए सवाल
ब्यूरो रिपोर्ट... रामपाल सिंह धनगर
रुद्रपुर... महानगर कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष सीपी शर्मा ने जिला विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली पर बड़े सवाल खड़े किए हैं। उन्होंने प्रेस को जारी एक बयान में कहा कि महानगर रुद्रपुर के ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में विकास प्राधिकरण द्वारा पुरानी कालौनियो व नयी कालौनियो नगर के तमाम लोगों के नगर विकास प्राधिकरण के भारी रोष व्याप्त है। जिस तरह निर्मित मकानों, दुकानों और पूर्व में बने हुए मकानों को सीज किया जा रहा है , तथा नोटिस जारी किए जा रहे हैं व निर्माण कार्य पर कुछ दिनों के रोक लगा कर उन्हें धमकाया जा रहा है , तथा उन्हें परेशान किया जा रहा।यह निंदनीय है। सीपी शर्मा ने कहा कि मंहगाई के इस दौर में अपने स्वयं का घर का सपना सजौने वाले आम आदमी जैसे तैसे कर अपनी जमा पूंजी घर निर्माण पर लगा रहा है। लेकिन सरकारी तंत्र उस सपने को साकार करने में आड़े आ रहा है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिला विकास प्राधिकरण द्वारा लगातार ऐसे लोगों पर बेवजह ध्वस्तीकरण का खौफ दिखाकर संबंधित विभाग लोगों का जीवन दुश्वार करने पर उतारू हैं। उन्होंने साफ कहा कि जिला विकास प्राधिकरण दहशत और आतंक का माहौल बना रहा है। उन्होंने इसे जिला विकास प्राधिकरण की शर्मनाक कारवाई करार दिया। उन्होंने कहा कि जिला विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित आवासों को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का खौफ दिखाकर बीच बीच निर्माण कार्यों पर रोक लगा देता है। जिसके बाद निर्माण कार्यों को पुनः शुरू करने के लिए आम आदमी संबंधित कार्यलय के चक्कर लगा रहा है। लेकिन वहां मौजूद अधिकारियों द्वारा कोई सुनवाई नहीं की जाती है। सीपी शर्मा ने कहा कि प्राधिकरण द्वारा बीस साल पुराने मकानों को नोटिस जारी किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि प्राधिकरण महानगर को जंगल बनाने पर तुला हुआ है। उन्होंने कहा कि महानगर कांग्रेस कमेटी पीड़ित परिवारों को साथ लेकर जिलाधिकारी कार्यालय पर इस मामले को लेकर प्रदर्शन करेगी। वही विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली से जिला प्रशासन के आला अधिकारियों सहित सूबे के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को संबोधित ज्ञापन सौंपेंगी। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री तीर्थ सिंह रावत ने साल 2016 में जिला विकास प्राधिकरण को सम्पात करने संबंधी शासनादेश जारी किया था। वही पूर्व मुख्यमंत्री ने पहली जैसी स्थिति को बहाल किया जाने का फैसला किया था। उन्होंने इसे चुनावी जुमला क़रार दिया। उन्होंने कहा कि सरकार जहां एक तरफ नजूल भूमि पर बसें लोगों को मालिकाना हक दिए जाने का ढिंढोरा पीट रही है। वही लंबे समय से बसें लोगों को प्राधिकरण द्वारा लोगों को हटाने की कार्रवाई करने पर उतारू हैं। सीपी शर्मा ने इसे भी चुनावी राजनीति क़रार दिया है।