दो दोस्तों की जोड़ी कृष्ण और सुदामा की मित्रता रूप में सिद्ध हुई।
दो मित्रों की जोड़ी को मिलाने में सोशल मीडिया(टि्वटर) व रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर सुरेश गौड़ का विशेष अहम योगदान।
दो दोस्तों की जोड़ी कृष्ण और सुदामा की मित्रता रूप में सिद्ध हुई।
KTG समाचार नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा सुल्तानपुर, उत्तर प्रदेश।
देवरिया: यह मामला उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का है जहां पर दो मित्र बेंगलुरु से आ रहे थे अपने गांव जिसमें से एक मित्र बिहार का और दूसरा उत्तर प्रदेश के देवरिया जिले का इन दोनों का नाम क्रमशः राजू प्रसाद व मोहित शर्मा जिनकी रास्ते में तबीयत खराब हो गई, बेंगलुरु रेलवे स्टेशन से सामान्य स्थिति में चले थे परंतु बीच रास्ते में मानसिक संतुलन खराब हो गया मोहित शर्मा का यह दोनों मित्र जब तेलंगाना राज्य में पहुंचे तब मोहित की तबीयत अचानक खराब हो गई वह क्या कर रहा था उसे अपने क्रिया पर तनिक भी नियंत्रण नहीं था इस स्थिति में वह पागलों जैसे व्यवहार करने लगा ,तब यह सूचना देवरिया जिले के समाजसेवी शेषमणि को मिली तब उन्होंने अपने मित्रों को कॉल किया व सहयोग मांगा जिनमें से उत्तर प्रदेश के सुल्तानपुर जिले से समाजसेवी नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा से बात हुई जिन्हें रुद्र समाजसेवी के रूप में जानते हैं तब जाकर उन्होंने ट्विटर के माध्यम से तेलंगाना के रेल मंत्रालय, तथा पुलिस विभाग व रेल विभाग में ट्वीट किया उसकी ठीक 1 घंटे बाद ट्विटर पर प्रतिक्रिया आनी प्रारंभ हो गई तेलंगाना राज्य के रामागुंडम स्टेशन पर रेलवे सुरक्षा बल के इंस्पेक्टर सुरेश गौड़ जी द्वारा दोनों को सुरक्षित उतार लिया गया फिर उसके बाद उन्हें खाना-पीना खिलाकर शाम की गाड़ी पर 7:30 बजे उसी स्टेशन से रवाना किया गया जो बहुत ही अच्छे से विकलांग कोच में दोनों को लौटा दिया गया और बिल्कुल सुरक्षित वहां से रवाना किया गया परंतु मोहित शर्मा को अगले स्टेशन पर पुनः मानसिक स्थिति पर नियंत्रण न रहा वह उसी स्टेशन पर उतर गया परंतु उसका जो मित्र था वह लगातार अपने मित्र पर नजर बनाए रखा था न भूख देखा ना प्यास लगातार लगभग 24 घंटे उस पर नजर बनाए रखा आज दिनांक- 16 सितंबर 2021 को 11:00 बजे उनके माता-पिता उसी स्टेशन पर आए तब जाकर पूरे परिवार तथा एक दूसरे में खुशी की लहर जगी इन दोनों दोस्तों की मित्रता को देखकर देवरिया के रहने वाले मोहित शर्मा के पिताजी बहुत प्रसन्न हुए हैं जिससे उनकी खुशी का कोई ठिकाना ना रहा और बहुत-बहुत आभार प्रकट किया राजू प्रसाद का।