सैय्यद नज़र अली बाबा ने किया किताब फखरुल आरेफिन का विमोचन

किताब सिरते फखरुल आरेफिन का विमोचन मुजाहिदुल आरेफिन हज़रत सैय्यद नज़र अली कलंदर बाबा साहब ने बांग्लादेश मे किया

सैय्यद नज़र अली बाबा ने किया किताब फखरुल आरेफिन का विमोचन

               किताब "सीरत-ए-फख़्रुल आरिफ़ीन" का इज्रा

सूफ़ी सन्त मुजाहिदुल आरिफ़ीन हज़रत सैयद नज़र अली शाह क़लन्दर बाबा ने फ़ख़्रुल आरिफ़ीन हज़रत मौलाना अब्दुल हई जहानगीरी रहमतुल्लाह अलैह के मल्फ़ूज़ात का मजमुआ, जिसे हज़रत हकीम सिकन्दर शाह कांपुरी रहमतुल्लाह अलैह ने क़लम-बन्द किया और जिसका नाम "सीरत-ए-फख़्रुल आरिफ़ीन" रखा गया, का पहली मर्तबा बंगाली ज़बान में तरजुमा किया।

इस किताब का इज्रा हज़रत फ़ख़्रुल आरिफ़ीन के सगे पोते, ग़ौसुल वक़्त हज़रत नूरुल आरिफ़ीन मौलाना अब्दुल हमीद शाह जहानगीरी रहमतुल्लाह अलैह के पहले उर्स-ए-मुबारक के मौक़े पर, हज़रत सैयद नज़र अली शाह क़लन्दर बाबा के मुबारक हाथों से अमल में आया।

किताब का मक़सद

इस किताब का अस्ल मक़सद मुसलमानों को शरीअत, तरीक़त और मआरिफ़त के बारे में रहनुमाई फ़राहम करना और क़यामत तक उनकी रहबरी का ज़रिया बनना है। इसमें हज़रत फ़ख़्रुल आरिफ़ीन की ज़िन्दगी के वो अहम हालात व वाक़ियात दर्ज हैं जिनसे उनके मुरीदीन और चाहने वाले सबक़ हासिल करते रहें और इस किताब की बरकतों से फ़ैज़याब होते रहें

नज़र अली बाबा का बयान

इज्रा के मौक़े पर हज़रत नज़र अली शाह क़लन्दर बाबा ने अपनी तक़रीर में फ़रमाया:

 "जो शख़्स अल्लाह की ख़ुशनूदी, अल्लाह का क़ुर्ब और अल्लाह को राज़ी करना चाहता है, उसे चाहिए कि सीरत-ए-फ़ख़्रुल आरिफ़ीन का मुताला ज़रूर करे, चाहे वो किसी भी सिलसिले से ताल्लुक़ रखता हो।"

शरीक-ए-महफ़िल मशाइख़ व मुहिब्बान

इस मौक़े पर हिन्दुस्तान और बांग्ला देश से मुतअद्दिद बुज़ुर्गान-ए-दीन और लाखों अकीदतमन्द शरीक हुए। इनमें से नुमायाँ नाम ये हैं:

हज़रत सैयद नज़र अली शाह क़लन्दर (मुजाहिदुल आरिफ़ीन)

हज़रत मुनाफ़ बाबा चिश्ती

हज़रत अब्दुर्रहमान शाह जहानगीरी (गदी-नशीन)

हज़रत जरजिसुर्रहमान (बायज़ीद) शाह जहानगीरी

मआरूफ़ शाह जहानगीरी

सूफ़ी मुस्ताक़ बाबा क़ादरी

हाजी आरिफ़ भाई क़ादरी

मौलाना अफ़सर साहब, चटगाँव

दुआएँ

आख़िर में हज़रत नज़र अली शाह क़लन्दर बाबा ने दुआ फ़रमाई कि ये किताब उम्मत के लिए हिदायत व रहनुमाई का ज़रिया बने और दोनों मुल्कों (हिन्दुस्तान और बांग्ला देश) के आपसी ताल्लुक़ात हमेशा सलामत रहें।