प्रतापगढ़ के राजनीतिज्ञ व स्वयं को समाज सेवी कहने वाले आशीष विश्वकर्मा ने सम्मानित व्यक्तियों के आत्मबल को गिराने की कोशिश।
KTG समाचार नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा, सुल्तानपुर उत्तर प्रदेश।
प्रतापगढ़- उक्त घटना मध्य रात्रि- 11:00 बजे, दिनांक-13 नवंबर 2021 की है, जिसमें आप जिस शख्स को नीचे देख रहे हैं जिसका नाम आशीष विश्वकर्मा है यह प्रतापगढ़ जिले के, पट्टी-तहसील के थाना आसपुर- देवसरा ,ग्राम -पुरेवंशीधर का रहने वाला है जिसके पिता जी का नाम श्री रघुनाथ विश्वकर्मा है जो आने वाले समय में ब्लाक प्रमुख तथा मुख्यमंत्री पद का चुनाव लड़ने के लिए वह समाज में अपना प्रचार प्रसार कर रहा है परंतु इसका प्रचार प्रसार करने का तरीका थोड़ा अलग है यह सोशल मीडिया पर जैसे -व्हाट्सएप, फेसबुक, टि्वटर इत्यादि सोशल प्लेटफॉर्म पर सामूहिक ग्रुपों में यह अभद्र भाषा का इस्तेमाल करता है जिससे इसे खुशी मिलती है कि हमारा नाम हो रहा है जिसका मो-7703088137, 9628619301 आशीष विश्वकर्मा का रवैया इस कदर बढ़ गया कि समाज के सम्मानित व्यक्तियों को भी अभद्र भाषा तथा अपमानित शब्द का इस्तेमाल करता है ,समाज को गाली देता है ,व्यक्ति विशेष को गाली देता है ,सम्मानित व्यक्तियों को गलत शब्द से संबोधित करते हैं, वह कहता है इससे मुझे खुशी मिलती है पार्टियों को भी गाली देता है, जैसे - भारतीय जनता पार्टी, समाजवादी पार्टी, आम आदमी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी। यह सब करने से हमारा नाम होगा और हम जल्द ही पूरे उत्तर प्रदेश में प्रसिद्ध हो जाएंगे और मुख्यमंत्री का चुनाव लड़ने में हमें आसानी होगी।
आशीष विश्वकर्मा पुत्र रघुनाथ विश्वकर्मा ग्राम पूरे बंशीधर के जो निवासी हैं यह सोशल मीडिया पर व्यक्ति को बदनाम करने की कोशिश करते हैं उनकी मान मर्यादा को झुकाने की कोशिश करते हैं इसी बीच 13 नवंबर को रात्रि 11:00 बजे व्हाट्सएप ग्रुप पर जिसका नाम विश्व सुदर्शन सहायता केंद्र था जिसका उद्देश्य था आम जनमानस में जन कल्याण करते हुए उनकी यथाशक्ति मदद करना । इस ग्रुप का संचालन श्री नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा जी के द्वारा किया जाता था जिन्हें रूद्र समाजसेवी कहा जाता है उनके ग्रुप में रात्रि को राजनीतिक पोस्ट होने के कारण उन्हें मना किया गया फिर उन्होंने पर्सनल पर उनसे कहा कि आप हमें निकाल दो जैसे- ही ग्रुप एडमिन के द्वारा निकाला गया उनके पर्सनल सिम कार्ड पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया तथा गाली गलौज किया, मान सम्मान व मर्यादा को ठेस पहुंचाया, सामूहिक रूप से उन्हें बदनाम करने की कोशिश किया, उन्हें समाज का दलाल इत्यादि अपमानजनक व आत्म सम्मान को ठेस पहुंचाया जिससे ग्रुप को बंद करने का निर्णय लिया परंतु जैसे- ही निर्णय लिया तो ग्रुप में जुड़े हुए सदस्यों ने उन्हें फोन करके तथा पर्सनल व्हाट्सएप करके कहा आप ग्रुप ना बंद करें इस ग्रुप से बहुत लोगों का कार्य होता है जन कल्याण होता है इसलिए आपसे निवेदन है कृपया बंद ना करें।