वागड क्षेत्र में बढ़ रही है आत्महत्या की घटनाएं चिंता का विषय 8 माह में 100 से ज्यादा आत्महत्या के मामले - महंत गोपालदास
वागड क्षेत्र में बढ़ रही है आत्महत्या की घटनाएं चिंता का विषय 8 माह में 100 से ज्यादा आत्महत्या के मामले - महंत गोपालदास
KTG समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर राज
डूंगरपुर। अखिल भारतीय कल्लाजी सम्प्रदाय के राष्ट्रीय महामंत्री एवं श्री कल्लाजी शिव अन्नपूर्णा पंच धाम राजपुर के महंत गोपालदास महाराज ने डूंगरपुर वागड क्षेत्र में बढ़ रही दर बदर बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं पर चिन्तन करते हुए आत्महत्या पर रोक लगाने एवं युवा पीढ़ी को सही मार्ग चुनने के विचार रखे। वागड क्षेत्र में बढ़ रही आत्महत्या की घटनाओं को लेकर सनातन धर्म का मार्ग दिखाने वाले अखिल भारतीय कल्लाजी सम्प्रदाय के राष्ट्रीय महामंत्री महंत गोपालदास महाराज ने आत्महत्या करने वालो की घोर निंदा करते हुए वागड क्षेत्र में बढ़ रही आत्महत्या पर अंकुश लगाने एवं आज की पीढ़ी को जीवन का मोल समजाया और बताया कि वागड क्षेत्र में हर दिन आत्महत्या की घटना सामने आ रही है बीते 8 माह में करीब 100 से ज्यादा आत्महत्या की घटनाएं सामने आई है आत्महत्या कोई समाधान नही है जीवन समस्याओं का भंडार है। ऐसे में विचलित होकर आत्महत्या करना मानसिक गड़बड़ी का परिचायक है। प्रत्येक मनुष्य को अपनी समस्याओं से रूबरू होना चाहिए। जीवन में मृत्यु को छोड़कर हर समस्या का समाधान है। मौत को आत्महत्या में बदल देना कायरता है। कायर मनुष्य भावनाओं में बहकर आत्महत्या की तरफ प्रेरित होते हैं। आज 15 से 25 साल के बीच की उम्र में आत्महत्या की ज्यादा प्रवृत्ति देखने को मिल रही है सभी के जीवन में कठिनाइयां सामान्य रूप से है लेकिन इसका निवारण आत्महत्या नहीं है। सभी को संघर्षशील होना चाहिए और अगर कोई आपके घर के अगल-बगल मानसिक तनाव में दिखे तो उससे बातचीत कर उसकी तनाव को दूर करें। अगर आपको मदद की ज़रूरत तो आपको क्या करना है अगर आप डिप्रेशन में हैं और आत्महत्या करने या खुद को चोट पहुंचाने जैसे विचार हैं तो आप अकेले नहीं है और आपका परिवार एवं सभी आपकी मदद के लिए मौजूद हैं दुख और निराशा की वजह से कई लोग आत्महत्या और खुद को चोट पहुंचने के बारे में सोचते हैं किसी विशेषज्ञ से या अपने परिवार इष्ट मित्रों से बात करने से इस तरह की समस्याओं ने निपटने के लिए एक अच्छी और असरदार रणनीति मिल सकती है साथ ही इस तरह आप खराब भावनाओं से निपटने के लिए खुद को तैयार कर पाए। आज जो व्यक्ति आत्महत्या करने पर मजबूर है उन्हें एक बार विचार करना चाहिये की वह सबसे बड़ी गलती करते है मनुष्य जीवन का मोल समझना चाहिए। कठिनाइयों का सामना तो देवी देवताओं ने भी किया है हमारे देश को गुलामी से आजाद कराने के लिए कई प्राणों ने अपनी आहुति दे दी थी उस समय की परिस्थितियों से तो आज की तुलना नही की जा सकती फिर क्यो हम ऐसा मार्ग चुनते है। हर समस्या का समाधान है समय आने पर हर समस्या का समाधान मिलता है और जिस तरह सुख हमेशा नही रहता वैसे ही दुःख भी हमेशा नही रहेगा। आत्महत्या करने से अच्छा है कि मनुष्य कठिन परिस्थिति का सामना करे और जीवन मे आने वाले सभी संघर्षों के सामना करे । समय सभी का अनुकूल नही होता है और जैसे यह समय बीत गया वैसे ही वह समय भी चला जायेगा। आज के 15 से 25 वर्ष के युवाओं हेतु एक सुजाव है कि वह आधुनिक उपकरणों के गलत प्रयोगों मे एवं गलत संगत में ना रहे और अपने माता पिता एवं गुरुजनों द्वारा दिखाए गए सही मार्ग को चुने प्रारम्भ में यह कठिन जरूर लगेगा लेकिन जैसे जैसे समय बीतेगा आप अपने जीवन को जीने का सही मार्ग मिल जाएगा। महंत गोपालदास महाराज ने सरकार एवं प्रशासन से भी अनुरोध किया है कि वह इस विषय को गम्भीर रूप से ले रोजाना बढ़ रही आत्महत्या की घटना आने वाली पीढ़ी को कही न कही भृमित कर जीवन के मोल को नष्ट कर रही है।