नोटरी वकील हुए लामबंद, सौंपा ज्ञापन
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
नोटरी संशोधन अधिनियम 2021 को लेकर दर्ज कराई आपत्ति
देवास। हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा नोटरी संशोधन अधिनियम 2021 का प्रस्ताव बनाकर संसद में पेश किया गया है। जिसमें स्पष्ट किया गया है कि अब नोटरी वकीलों की समयावधि मात्र 15 वर्ष होगी। अर्थात जो 15 से 20 साल पुराने वकील है, उनका अब नवीनीकरण संभव नहीं होगा। वहीं जो नए नोटरी बने है, उनकी समयावधि 15 वर्ष होगी, जिसे नोटरी वकीलों द्वारा अनुचित माना गया है और इसी संशोधन को लेकर देवास जिले के नोटरी वकील सोमवार को लामबंद हो गए और तीन पृष्ठ की आपत्ति व सुझाव विधि मंत्रालय दिल्ली के नाम एक ज्ञापन कलेक्टर को सौंपा गया। जिला अभिभाषक संघ अध्यक्ष रामप्रसाद सूर्यवंशी ने ज्ञापन का वाचन करते हुए बताया कि नोटरी संशोधन अधिनियम 2021 का अध्ययन करने से पता चला है कि इस बिल के लागू होने के बाद नोटरी अधिवक्ताओं की समयावधि 15 वर्ष रह जाएगी। जबकि अधिकांश नोटरी अधिवक्ताओं ने न्यायालय कार्य बंद कर अपनी रोजी-रोटी का माध्यम नोटरी बना लिया है, ऐसे में उनके सामने बेरोजगारी का संकट खड़ा हो जाएगा। जिन नोटरी वकीलों के लाइसेंस की समयावधि 15 साल हो गई है, उनके लाइसेंस नवीनीकरण 2021 में नहीं हो पाएंगे और अब उन वकीलों के लिए न्यायालय में भी पुन: कार्य शुरु करना भी मुश्किल होगा। इन्हीं सब मामलों को लेकर देवास जिले के नोटरी वकीलों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय विधि मंत्री किरण किजिजू, मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान, विधि मंत्री नरोत्तम मिश्रा के नाम ज्ञापन सौंपकर इस समस्या का निराकरण करने की मांग की है। ज्ञापन देते समय बार एसो. उपाध्यक्ष चंद्रशेखर वाजपेयी, कोषाध्यक्ष राजेश जायसवाल, सहसचिव नीलेश वर्मा, लोकेंद्र शुक्ला, वरिष्ठ अभिभाषक सुरेश चौधरी सहित नोटरी अभिभाषकगण रमेशचंद्र जायसवाल हाटपीपल्या, अशोक छाबड़ा हाटपीपल्या, सत्यनारायण शर्मा कन्नौद, जगदीश वर्मा, अनिल राज सिंह सिकरवार, शाहिद मंसूरी, मनीष पारीख, शैलेंद्र पंवार, ए.आर. शेख, राजेंद्र सिंह खनूजा, संजय बारोड़, आनंद पंडित, रश्मि शर्मा, ज्ञान कुंवर छाबड़ा, फरजाना खान, दिनेश नेरनिया, पी.सी. हरोड़े, अर्जुनसिंह राठौड़, धनंजय शेण्डे, सुरेश वैद्य, योगेश व्यास, राजेंद्र दुबे, साधना काले आदि उपस्थित थे।