निजी उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों को भी शासकीय कर्मचारियों के समान पेंशन में महंगाई भत्ता दिया जाए

निजी उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों को भी शासकीय कर्मचारियों के समान पेंशन में महंगाई भत्ता दिया जाए

निजी उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों को भी शासकीय कर्मचारियों के समान पेंशन में महंगाई भत्ता दिया जाए
निजी उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों को भी शासकीय कर्मचारियों के समान पेंशन में महंगाई भत्ता दिया जाए
- निजी उद्योगों में कार्यरत भूतपूर्व श्रमिकों ने सौंपा ज्ञापन
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। निजी उद्योगों में कार्यरत कर्मचारियों को भी शासकीय कर्मचारियों के समान पेंशन में महंगाई भत्ता जोड़ने, प्रतिमाह कम से कम 10,000 /- पेंशन मिलने एव पेंशन पात्र कर्मचारियों को निशुल्क स्वास्थ्य बीमा सुविधा दिए जाने को लेकर औद्योगिक क्षेत्र के भूतपूर्व पेंशन धारी कर्मचारियों ने सांसद महेन्द्र सिंह सोलंकी को प्रधानमंत्री के नाम बिंजाना में ज्ञापन सौंपा। बाबूलाल भाट ने बताया कि अशासकीय उद्योगों में काम करने वाले वर्तमान एवं पूर्व मजदूर, श्रमिक सदस्यों ने ज्ञापन देते हुए सांसद श्री सोलंकी को बताया कि सोया आईल एवं मल्क उद्योग, स्टील उद्योग, इंजीनियरिंग उद्योग, इलेक्ट्रॉनिक उद्योग, कपड़ा उद्योग, टाटा चर्म उद्योग, किर्लोस्कर, गजरा गियर्स, स्टैण्डर्ड मिल, सोया मिल तथा एस कुमार और देवास जिले के अन्य कारखाने उद्योगों में काम करने वाले मजदुरों को भी शासकीय कर्मचारियों को दिये जाने वाली पेंशन, महंगाई भत्ता एवं स्वास्थ्य पर दिये जाने वाले भत्ते का 25 प्रतिशत भाग भी यदि प्रायवेट मजदूरों को मिलेगा तो उससे उसकी आर्थिक स्थिति ठीक होगी। वर्तमान में प्रायवेट उद्योग के पूर्व श्रमिकों को मात्र 1000 से 1500 रूपए तक की पेंशन मिलती है। आज के समय में इतनी कम मात्रा धन राशि में उसका एवं परिवार का गुजारा करना मुश्किल है, जबकि शासकीय कर्मचारियों को 10,000 से लेकर 50,000 रूपए तक का पेंशन का लाभ एवं महंगाई भत्ते अधिक से अधिक मिल रहा है। साथ ही इसमें लगातार बढ़ोतरी हो रही है। श्रमिकों ने मांग की है कि हम श्रमिकों को भी कम से कम 10,000 रूपए प्रतिमाह राशि पेंशन के रूप में केन्द्र सरकार से दी जाना चाहिए। इस अवसर पर श्री अग्रवाल, रामचंद्र जाटव, कन्हैयालाल नखरिया, जगदेव प्रसाद गौर, कालूराम ऐरवाल, शंकरलाल, अशोक शर्मा, सुरेन्द्र त्रिवेदी, नारायण सिंह बालोदिया, केसर सिंह वर्मा टाटा सहित अन्य भूतपूर्व श्रमिक उपस्थित थे।