जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है- पं. मिश्रा
kTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। माँ क्षिप्रा-नर्मदे विहार में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पांचवें दिन सोमवार को कथा वाचन करते हुए पं. संजीव मिश्रा ने कहा अगर मनुष्य गृहस्थाश्रम में रहकर कुछ समय सच्चे मन से भक्ति एवं आराधना करे तो वह निश्चित ही मोक्ष मार्ग की ओर प्रस्थान कर श्रीहरि विष्णु भगवान के सामिप्य का सुख प्राप्त करने का हकदार होगा।
पं मिश्रा ने बाल कृष्ण की अनेकों बाल लीलाओं का वर्णन करने के पश्चात गोवर्धन पूजा एवं इन्द्र के मान मर्दन की दिव्य कथा विस्तार से सुनाई। इस अवसर पर भगवान गिरिराज जी महाराज के समक्ष सुंदर छप्पन भोग के दर्शन कराये गये। उन्होंने यह भी बताया कि जहां सत्य एवं भक्ति का समन्वय होता है, वहां भगवान का आगमन अवश्य होता है। गाय की सेवा एवं महत्व को समझाते हुए बताया कि प्रत्येक हिन्दू परिवार में गाय की सेवा अवश्य होनी चाहिए। क्योंकि गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का वास होता है। गाय का दूध अमृत के समान बताया। कथा के अगले दिन रुक्मणि मंगल विवाह इस अवसर पर रवि भदौरिया, पंडित मिथिलेश उपाध्याय, दिलीप अग्रवाल, रमेशचंद्र गोयल, विनोद जायसवाल, रामेश्वर पहलवान, नवलसिंह दरबार,शैलेंद्र सिंह भदोरिया, हनुमान जोशी, धर्मेंद्र जायसवाल,रघु भदौरिया,राजेश बराना, मयूर वाघेला,शारुप गोयल, राधे शर्मा,जितेंद्र ठाकुर उपस्थित रहे।