इंजीनियरिंग श्रमिक संगठन ने मनाई भगवान विश्वकर्मा जयंती

इंजीनियरिंग श्रमिक संगठन ने मनाई भगवान विश्वकर्मा जयंती

इंजीनियरिंग श्रमिक संगठन ने मनाई भगवान विश्वकर्मा जयंती
इंजीनियरिंग श्रमिक संगठन ने मनाई भगवान विश्वकर्मा जयंती
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। भारतीय मजदूर संघ से संबंद्ध इंजीनियरिंग श्रमिक संगठन ने प्रतिवर्षानुसार इस वर्ष भी भगवान विश्वकर्मा की जयंती राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में लोहाड़ी कुन्बी धर्मशाला में मनाई। इंजीनियरिंग उद्याोगों में कार्यरत श्रमिकों एवं मुख्य कार्यकर्ताओं ने जयंती समारोह में बढ़-चढक़र हिस्सा लिया। संचालन संगठन के प्रधानमंत्री महेन्द्र सिंह परिहार ने किया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता भोपाल से अतिथि के रूप में पधारे पूर्व महामंत्री भगवानदास गोंडाने एवं अतिथि मप्र इंजी. एण्ड मेंटल मजदूर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष रामभान सिंह थे। कार्यक्रम में ओमप्रकाश रघुवंशी, भरतलाल शुक्ला, दीवाकर बोडखे, विजय खरनाल, शिव संघवी, जनार्धन पैठनकर, पद्माकर जोशी, जिला उपाध्यक्ष बहन नंदा उघड़े, सुभाष पंडित आदि पदाधिकारियों ने अपना मार्गदर्शन दिया। मुख्य वक्ता भगवानदास गोंडाने ने विश्वकर्मा जयंती राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में क्यों मनाई जाती है इसके बारे में विस्तृत रूप से जानकारी देते हुए कहा कि भगवान विश्वकर्मा जी देश के ही नही विश्व के आदि शिल्पी निर्माणकर्ता एवं ब्रह्मा जी के मानस पुत्र थे। जो कि त्याग, तपस्या एवं बलिदान के रूप में जाने जाते है। विश्वकर्मा जी ने देवी-देवताओं की रक्षा एवं सुख-शांति के लिए अपने द्वारा वज्र का निर्माण कर अपने पुत्र का वध किया। इससे बड़ी त्याग, तपस्या और बलिदानी कोई नही हो सकता। इसलिए हमारे देश में राष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में भगवान विश्वकर्मा की जयंती मनाई जाती है। उद्बोधन पश्चात मुख्य अतिथि श्री गोंडाने का शाल-श्रीफल से महामंत्री महेन्द्र सिंह परिहार द्वारा स्वागत किया। वही समस्त अतिथियों का स्वागत रामजीत, नीरज सेंगर, सुनील श्रीवास्तव, ललीत पडाग्रे, आरके पाल, दिलीप सोनी, रामलाल चावड़ा, गजेन्द्र पराडक़र, अशोक दीक्षित, सत्यनारायण संघवी, लखन शर्मा, मुजमेर जी, कमलेश यादव, रामचंद्र गौड़, नीरज साहू, मोहनसिंह चौहान, राव साहब, गब्बर पटेल, जयंत, प्रवीण उगड़े, प्रवीण मिश्रा, बालमिक पटेल, सालीग्राम ढिमर, किसनिया, कैलाश मिश्रा, जीवन मेहरा सहित बड़ी संख्या में श्रमिक व कार्यकर्ता उपस्थित थे। अंत में आभार महेन्द्र सिंह राणा ने माना।