गीतांजलि ग्रुप ने रतलाम में दी मराठी-हिंदी गीतोँ की सुमधुर प्रस्तुति
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। गीतांजलि ग्रुप, देवास द्वारा शरद पूर्णिमा अवसर पर रतलाम महाराष्ट्र समाज के आमंत्रण पर 20 अक्टूबर को प्रथम तुला वंदितो, चांदी जैसा रंग हे तेरा, अरे मन मोहना, याद किया दिल ने कहा, राजा ललकारी, स्वर्ग हा नवा,अजी रूठ कर अब कहाँ जाईएगा, ये राते ये मौसम नदी का किनारा, जारे जा ओ हरजाई, नको देव राया , चन्द्र आहे साक्षी ला, येऊ कशी प्रिये, सहित एक से बढक़र एक मराठी एवम हिंदी के लगभग 21 गीतो की प्रस्तुति देकर उपस्थित श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया।
कार्यक्रम के प्रारंभ में कलाकारों द्वारा माँ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण किया गया। तत्पश्चात रतलाम महाराष्ट्र समाज के पदाधिकारियों द्वारा गीतांजलि ग्रुप के कलाकारों उदय टाकलकर , दीपक करपे, अभय मुले, हर्षदा चालीसगांवकर, श्वेता आठवले का संक्षिप्त परिचय देते हुए पुष्प माला से स्वागत किया गया। इसके पश्चात् सभी कलाकारों ने युगल एवम एकल गीतोँ की शानदार प्रस्तुति दी। कार्यक्रम रात्रि 11 बजे अमृत तुल्य दुग्ध वितरण के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर रतलाम महाराष्ट्र समाज अध्यक्ष सुधीर सराफ, उपाध्यक्ष राजेन्द्र वाघ, सचिव राजेन्द्र सिद्धेश्वर, मिलिंद करंदीकर, अरुण पोटाड़े, सुनील पाटील, भूषण बर्वे, वीरेन्द्र कुलकर्णी, दिलीप कुलकर्णी,श्याम विंचुरकर,संतोष कोलंबेकर, विवेक राणे,नितिन बोरगांवकर, पराग रामपुरकर, प्रवीण जलगांवकर , अपूर्व रांगणेकर नयन सुभेदार,पीयूष नेने, संजय पंडित, नरेंद्र पांढारकर, राजू मुले, संध्या सराफ, प्रियंका झारे, वैशाली बोरगांवकर, वर्षा रांगणेकर,भाग्यश्री बर्वे, प्रतीक्षा रामपुरकर, सविता पांढऱकर, किरण छाबड़ा, अमिता जलगांवकर, श्रुति तबकडे, रुपाली तबकडे, किशोर जोशी सहित समाजजन उपस्थित थे। संचालन पराग रामपुरकर ने किया। आभार कल्पना पोटाड़े माना।