दत्तोपंत ठेंगडी, राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार का स्थापना दिवस मनाया

दत्तोपंत ठेंगडी, राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार का स्थापना दिवस मनाया

दत्तोपंत ठेंगडी, राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार का स्थापना दिवस मनाया
दत्तोपंत ठेंगड़ी, राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय, भारत सरकार का स्थापना दिवस मनाया
kTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। 16 सितम्बर को क्षेत्रीय निदेशालय इंदौर में 64वां श्रमिक शिक्षा दिवस का आयोजन एवं हिन्दी पखवाड़े का समापन कार्यक्रम किया गया। जिला मंत्री कमल सिंह चौहान ने बताया कि सर्वप्रथम कार्यालय के क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी अरविन्द एस धुर्वे ने कार्यक्रम में उपस्थित सभी अतिथियों का पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया एवं कार्यक्रम में पधारने के लिए अपनी शुभेच्छा प्रकट की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुल्तान सिंह शेखावत, पूर्व अध्यक्ष, असंगठित कर्मकार कल्याण मण्डल, मध्यप्रदेश ने अपने वक्तव्य में वर्तमान औधोगिक परिपेक्ष्य में श्रमिक शिक्षा की महती भूमिका की प्रशंसा की एवं औद्योगिक संगठनों में श्रमिक शिक्षा के महत्व को सबको बताया और निदेशालय द्वारा सभी क्षेत्र के श्रमिकों के लिए किये जा रहे कार्यक्रमों से प्राप्त परिणामों की भूरि भूरि प्रशंसा व स्वाहना की। वर्ष 2021 वैश्विक महामारी कोविड -19 से बचाव हेतु निदेशालय द्वारा किए गए प्रयासों को सराहा। क्षेत्रीय सलाहकार समिति इन्दौर अध्यक्ष लक्ष्मीनारायण मारू ने कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का स्वागत किया और विभाग द्वारा संगठित, असंगठित, ग्रामीण एवं प्रवासी श्रमिको के लिए किये जा रहे कार्यक्रमों में महिला श्रमिक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जानजाति श्रमिकों के लिए किये जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा कि उद्योग एवं श्रमिक एक गाड़ी के दो पहियों के समान है। यदि एक खराब हो जाये तो गाड़ी चल नहीं सकती। इसी प्रकार उद्योग में यदि प्रबंधन एवं श्रमिकों के बीच सही तालमेल न हो तो उद्योग भी सुचारु रूप से चल नहीं सकता। इसलिए दोनो को मिलकर काम करना चाहिए व जितना ज्यादा हो सके मुद्दों पर ज्यादा से ज्यादा बातचीत करनी चाहिए, ताकि उद्योग, मजदूर एवं राष्ट्र का भी विकास हो सके। विशिष्ट अतिथि भारतीय मजदूर संघ विभाग प्रमुख मुरारी राठौर ने कहा कि देश में इस समय कौशल विकास की आवश्यकता है। अतः: श्रमिक शिक्षा विभाग द्वारा लोगों को कौशल विकास के कार्य किये जाने चाहिए, ताकि देश इंजीनियरिंग छात्रों इत्यादि को किताबी ज्ञान के साथ साथ कौशल का भी ज्ञान हो सके। साथ ही वर्तमान में इंजीनियरिंग छात्रों के समक्ष कौशल विकास न होने के कारण बेरोजगारी की जो समस्या चल रही है उसका निदान किया जा सके। क्योंकि आज कल हर उद्योग को अनुभवी उत्कृष्ट श्रमिकों की आवश्यकता है, ताकि उत्पादन को बढ़ाने के साथ-साथ उद्योग की उत्पादकता को भी बनाया जा सके। भारतीय मजदूर संघ के पूर्व विभाग प्रमुख राजू प्रजापति के रूप में कार्यक्रम में उपस्थित थे। उन्होने निदेशालय द्वारा संगठित क्षेत्र में किये जा रहे कार्यो पर महत्व देते हुए कार्यक्रमों की प्रशंसा की। उन्होंने सभी क्षेत्र के श्रमिकों के लिये निदेशालय, इन्दौर द्वारा किये गए कार्यक्रमों के कारण कोविड-19 से बचाव हेतु टीकाकरण में जागरूकता एवं श्रमिकों का भ्रम दूर करने में इस निदेशालय को धन्यवाद प्रदान किया एवं कार्यालयीन कामकाज किये जाने की प्रशंसा की। इस उपलक्ष्य में विजेश उपाध्याय, अध्यक्ष, दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, श्रम एवं रोजगार मंत्रालय भारत सरकार, नई दिल्ली एवं हर्ष वैध, महानिदेशक, दत्तोपंत ठेंगड़ी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा एवं विकास बोर्ड, नागपुर द्वारा लिखित संदेश भेज कर अपनी शुभेच्छाएँ दी। क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी अरविन्द एस धुर्वे ने कार्यालय की प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की एवं कार्यक्रम में पधारे सभी अतिथियों का आभार प्रकट किया। कार्यक्रम में सहयोगी रहे कार्यालय के कर्मचारीगण चन्द्रशेखर कर्दम, राजेन्द्र भागवत एवं कमल किशोर सिधवानी द्वारा दिए गए सहयोग की अरबिन्द एवं धुर्वे, क्षेत्रीय निदेशक प्रभारी ने प्रशंसा की। संचालन मयूर गंगराड़े, शिक्षा अधिकारी, क्षेत्रीय निदेशालय, इंदौर द्वारा किया गया। कार्यक्रम के अंत में चंद्रशेखर कदम, वरिष्ठ लिपिक दत्तोपंत ठेंगडी राष्ट्रीय श्रमिक शिक्षा बोर्ड, इंदौर द्वारा सभी सम्मानीय अतिथियों का कार्यक्रम में भाग लेने के लिए धन्यवाद दिया। इस अवसर पर रामभान सिंह, राजेंद्र सिंह बैस, कमल सिंह चौहान, महेंद्र ङ्क्षसह परिहार, महेंद्र सिंह राणा, लोकेश विजयवर्गीय, गजेंद्र पवार, राजेश पंडियार सहित अन्य गणमान्य जन विशेष रूप से उपस्थित थे।