देवास जिले में कृषि अधिकारियों ने खेतो में फसलों का किया निरीक्षण, सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह
देवास जिले में कृषि अधिकारियों ने खेतो में फसलों का किया निरीक्षण, सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह
देवास जिले में कृषि अधिकारियों ने खेतो में फसलों का किया निरीक्षण, सोयाबीन कृषकों के लिए उपयोगी सलाह
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास । संयुक्त संचालक कृषि श्री आलोक मीणा, उपसंचालक कृषि श्री आर.पी. कनेरिया एवं सेवानिवृत्त संयुक्त संचालक कृषि श्री राजीव जोशी ने शासकीय कृषि प्रक्षेत्र चन्द्रकेशर के साथ विकासखण्ड बागली एवं कन्नौद के ग्राम पीपरी, किशनगढ़, पोलाखाल, मगरादेह, पुंजापुरा, उदयनगर भ्रमण कर कृषकों के खेतों में सोयाबीन, मक्का, कपास, मूंगफली फसलों का निरीक्षण किया। भ्रमण के दौरान फसलों में कहीं-कहीं सफेद मक्खी, तम्बाकू की इल्ली, तना मक्खी, गर्डल बीटल, तना छेदक इत्यादि कीटों का आंशिक प्रकोप पाया गया। साथ ही एन्थ्रेकनोज एवं येलो वेन मोजेक जैसे रोगों का प्रकोप भी देखा गया।
उप संचालक कृषि श्री आर.पी. कनेरिया ने पत्ती खाने एवं रस चूसने वाले कीटों से बचाव हेतु थायोमिथोक्सम 12.60 प्रतिशत+लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 9.50 प्रतिशत, जेड.सी. 125 एमएल प्रति हेक्टेयर अथवा इण्डोक्साकार्व 15.8 ईसी 333 एमएल प्रति हेक्टेयर अथवा इमामेक्अीन बेन्जोएट 425 एमएल प्रति हे0 अथवा क्लोरएन्ट्रानिलिप्रोल 9.3 प्रतिशत+लेम्ब्डा सायहेलोथ्रिन 4.60 प्रतिशत जेड.सी. 200 एमएल प्रति हेक्टेयर के छिड़काव की अनुशंसा की, साथ ही फफूंदजनति रोगों के प्रकोप से सुरक्षा हेतु टेबूकोनाजोल 25.9 ईसी 625 मिली प्रति हेक्टेयर अथवा टेबूकोनाझोल 10 प्रतिशत+ सल्फर 65 प्रतिशत डब्ल्यूजी 1250 ग्राम प्रति हेक्टेयर अथवा कार्बेन्डाजिम+मेन्न्कोजेब 63 प्रतिशत डब्ल्यूपी 1250 ग्राम प्रति हेक्टेयर अनुशंसित फफूंदनाशकों के छिड़काव की सलाह दी है। वायरस से ग्रसित पौधों को उखाड़कर खेत से दूर ले जाकर नष्ट कर दें। अतिरिक्त वर्षाजल के निकास का उचित प्रबंधन करें। पौधों की रोग एवं कीट प्रतिरोध क्षमतावर्धन हेतु 0:0:50 (घुलनशील पोटाश) का 2.5 किलो ग्राम प्रति हेक्टेयर छिड़काव करना भी लाभदायक रहेगा।
उप संचालक कृषि श्री कनेरिया ने बताया कि कीटनाशक का छिड़काव करते समय प्रभावी नियंत्रण के लिए होलो कोन नोजल का ही उपयोग करें। छिड़काव के लिए जल की पर्याप्त मात्रा का होना अत्यंत आवश्यक है, हस्तचलित स्प्रेयर पंप से यह मात्रा 450 लीटर प्रति हेक्टेयर एवं पॉवर स्प्रेयर से 350 लीटर प्रति हेक्टेयर अनुशंसित है।