अमित गृह निर्माण सोसायटी पर धांधली सिद्ध होने के बावजूद भी संस्था पर नहीं हो रही एफआईआर दर्ज

सोसायटी के पीड़ित पक्ष पक्ष ने प्रेसवार्ता कर बताई आपबीती, सुनवाई नहीं होने पर करेंगे भूख हड़ताल

अमित गृह निर्माण सोसायटी पर धांधली सिद्ध होने के बावजूद भी संस्था पर नहीं हो रही एफआईआर दर्ज

अमित गृह निर्माण सोसायटी पर धांधली सिद्ध होने के बावजूद भी संस्था पर नहीं हो रही एफआईआर दर्ज


- सोसायटी के पीड़ित पक्ष पक्ष ने प्रेसवार्ता कर बताई आपबीती, सुनवाई नहीं होने पर करेंगे भूख हड़ताल

KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश


देवास। 
सहकारिता विभाग द्वारा अमित गृह निर्माण सोसायटी द्वारा गलत तरीके से पूर्व के सदस्यों को हटाकर नए सदस्य बनाए गए हैं। जिनके द्वारा अध्यक्ष गुंजन चौधरी के कार्यकाल में अध्यक्ष का फर्जी लेटर लगाकर धांधली की गई है। इस संबंध में एक प्रतिनिधि मंडल ने सोमवार को वरिष्ठ नागरिक संस्था परिसर में प्रेसवार्ता कर पत्रकारों के समक्ष अपनी बात रखी। सोसायटी सदस्य आकाश सांगते ने बताया कि अमित गृह निर्माण सहकारी संस्था के द्वारा विगत 2010 से धांधली की जा रही है, जिसकी शिकायत समय-समय पर संस्था के पीड़ित पुराने सदस्य करते रहे है। 29 जुलाई 2022 की जांच में भी भ्रष्टाचार के आरोप सिद्ध भी हो चुका है। उसके बावजूद भी जिला प्रशासन द्वारा कॉलोनी अध्यक्ष सहित अन्य भ्रष्ट सदस्यों पर एफआईआर दर्ज नहीं की जा रही है। काफी समय से संस्था का निर्वाचन कार्य भी नही हुआ है। सहकारिता के नियम के अनुसार समय पर चुनाव नहीं कराने पर अध्यक्ष पर कार्रवाई करते हुए 25,000 रूप का अर्थदंड आरोपित करने का प्रावधान है। इस संस्था के भ्रष्टाचार और गलत कार्यकलापों के कारण 1981 से लोग परेशान हो रहे हैं, लेकिन सहकारिता विभाग कोई कार्यवाही नही कर पा रहा है। संस्था द्वारा विकास शुल्क के नाम पर भी बड़ी मात्रा में पैसा हड़पा गया है जो कि संस्था के खाते में भी जमा नहीं किया गया। संस्था अध्यक्ष गुंजन चौधरी ने स्वयं और पत्नी को रजिस्ट्री करा ली गई जो की पूर्णत: भ्रष्टाचार की श्रेणी में आता है। बार-बार भ्रष्टाचार और धांधली होने के बावजूद सहकारिता विभाग द्वारा संज्ञान न लेकर कोई कार्रवाई न करना इनके भ्रष्टाचार को बढ़ावा देना ही प्रतीत होता है। जबकि ऐसे मामले में सहकारिता विभाग को तत्काल सक्रियता दिखाकर एफआईआर दर्ज करवाई जा सकती थी, लेकिन आज दिनांक तक न सहकारिता विभाग ने एफआईआर दर्ज करवाई है और न ही पीड़ित पक्ष को एफआईआर दर्ज करवाने के लिए प्रेरित किया है, न ही निर्देशित किया जा रहा है। इसकी शिकायत सीएम हेल्पलाइन पर भी कर रखी है। शिकायत के बाद कार्यवाही के आदेश भी दिए गए, लेकिन संबंधित जवाबदार कार्यवाही करने को तैयार नही है। यदि सहकारिता विभाग द्वारा 15 दिवस की अवधि में संस्था पर कार्यवाही कर एफआईआर दर्ज नहीं की जाती है तो पीडि़त पक्ष द्वारा विभिन्न संगठनों के साथ मिलकर भूख हड़ताल की जाएगी। प्रेसवार्ता में टीकमचंद मौर्य, वीरेन्द्र सांगते, मंजुला लाठी, पूजा माहेश्वरी, रमेशचंद्र बोर्दिया, सुमितलाल जैन, मनोहरलाल बेडिय़ा, गुरुमुखदास