वर्तमान समय में चल रहे आधुनिकीकरण में सतर्कता व जागरूकता ना होने पर आप हो सकतें हैं करोड़ों की ठगी का शिकार- "नरेंद्र रूद्र समाजसेवी"
आप सभी ज्यादा से ज्यादा जागरूक बने तथा ज्यादा से ज्यादा लोगों को जागरूक बनाने की कोशिश करें।
KTG समाचार नरेन्द्र कुमार विश्वकर्मा, सुलतानपुर उत्तर प्रदेश।
दिल्ली- मामला आज दिनांक - 30 नवंबर 2022 समय- सुबह 11:30 मिनट का है, जहां पर पीड़ित नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा तथा समाज में जागरूकता फैलाने हेतु इस संबंध में घटना के बारे में अवगत कराना चाहते हैं कि वर्तमान समय में ऑनलाइन फ्रॉड के बारे में ,संदेहात्मक लिंक्स के बारे में जो जो साधारणतया व्हाट्सएप, फेसबुक, टेक्स्ट मैसेज इत्यादि के माध्यम से प्राप्त होते हैं।
उनके द्वारा प्राप्त सूचना के अनुसार पूरे घटना का विवरण दिया जा रहा है- उनका कहना है कि आज उपरोक्त दिनांक को उनके पास एक ईमेल आया जिसमें ईमेल के मध्यम से यह जानकारी मिली कि "गोविंदा राव नाम के व्यक्ति को Zebra- DS 9808 मॉडल का 10 बारकोड स्कैनर चाहिए जो अपने आप को आर्मी का सदस्य बताता है कानपुर उत्तर प्रदेश।"
जिसका स्क्रीनशॉट हमने भेजा है हमने उस फोन नंबर पर संपर्क किया तो उसने बताया कि हमें हनीवेल कंपनी का या फिर जेब्रा का बारकोड स्कैनर चाहिए हमने बताया कि एक बारकोड स्कैनर की की कीमत ₹6000 + जीएसटी है जो हमें ईमेल आया उस पर नाम था गोविंदा राव और मोबाइल न. - 6913146184 और व्हाट्सअप- 8486904479,कानपुर इंडियन आर्मी जिसका स्क्रीनशॉट संलग्न है।
बातों-बातों में बात पेमेंट की आई उन्होंने बताया कि कोई गूगल पर या फिर पेटीएम का नंबर दीजिए हम करंट अकाउंट पर पेमेंट नहीं करते उसने बोला आर्मी का यह रूल है ₹5 रजिस्ट्रेशन फीस लगती है जो ऑनलाइन पेमेंट के दौरान ही काटी जाती है हमने कहा यहां कंपनी का अकाउंट है पूरे ऑल ओवर इंडिया से पेमेंट आ रहा है और आप कह रहे हो कि हम करंट अकाउंट में पेमेंट नहीं करते फिर भी हमने अपनी जानकारी के लिए अपना गूगल पर नंबर उसको दिया ।
यह घटना एक बार हमारे पास हो चुकी थी तो मैं समझ गया कि यह एक फ्रॉड है "जब मैंने स्पष्ट रुप से पूछा आप इस तरह से कितने लोगों को लूटते हो और हिंदुस्तान में कितने बेचारे परिवार को बेघर कर देते हो उसने बताया कि हमें क्या मतलब है और हम इसी तरह से लाखों रुपए प्रतिदिन और हफ्ते में कमा लेते हैं।
"इस तरह से हिंदुस्तान में बहुत सारे साइबर फ्रॉड हो रहे हैं जो चिंता का विषय है " इस संबंध में साइबर क्राइम विभाग को प्रार्थना पत्र देते हुए संवैधानिक कार्यवाही करने की अपेक्षा की गयी है।