सुरेंद्र हत्याकांड के मामले में पलेरा पहुंची जांच टीम
दस माह पहले हुये हत्याकांड की जांच के लिये पुलिस कप्तान ने बनाई टीम
पलेरा पुलिस की नाकामी से हुई छीचालेदर, मृतक की बहिन ने लगाये थाने से लेकर राजधानी तक के चक्कर
सच सामने आने की बढ़ी उम्मीद, आरोपी खाएंगे हवालात की हवा
टीकमगढ़। पलेरा पुलिस की नाकामी ने जो राजधानी स्तर तक टीकमगढ़ पुलिस की छीचालेदर की गई, यह पुलिस के लिये शर्मनाक कहा जा सकता है। दस माह में हत्याकांड के आरोपी हवालात से बाहर बनें हुये हैं। मामले की सच्चाई जानने और आरोपियों को हवालात तक लाने के लिये पुलिस कप्तान प्रशांत खरे को विशेष टीम गठित करना पड़ी। इस टीम में जिले के चुनिंदा थाना प्रभारियों एवं कर्मचारियों को शामिल किया गया है। यह टीम जल्दी ही सच से सामना करायेगी और आरोपियों के गिरेबान तक अपने हाथ ले जाएगी। बताया गया है कि जांच टीम ने अपनी जांच को घटना स्थल का निरीक्षण करने से शुरू किया है। इसके साथ ही गवाहों एवं मौके पर मौजूद रहने वाले लोगों से पूंछतांछ कर शुरू किया है। फरियादी शिवानी रावत सहित अन्य लोगों में आरोपियों की गिरफ्तारी की उम्मीद बढ़ गई है। बताया गया है कि 17 नवम्बर 2021 को पलेरा निवासी सुरेन्द्र रावत लापता हुये थे। उनका शव पलेरा के पठेश्वरी तालाब में उनके गायब होने के चार दिन बाद 21 नवम्बर को पड़ा हुआ मिला था। इस मामले में पलेरा पुलिस ने तीन आरोपियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था। इसके बाद से न तो पुलिस आरोपियों तक पहुंच सकी और न ही मामले की सत्यता का ही पता लगा सकी। पुलिस की नाकामी के चलते फरियादिया शिवानी रावत एवं अन्य लोगों में पुलिस को लेकर नाराजगी बनी रही। इन दस महिनों में शिवानी ने पुलिस पर अनेक आरोप लगाते हुये इसकी शिकायत राजधानी तक की। शिवानी का आरोप था कि पुलिस आरोपियों को पकडऩा ही नहीं चाहती, जिसका कारण आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण बताया जा रहा था। इस संबन्ध में पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा निर्देशित किया जा रहा था। सूत्रों की मानें तो फरियादिया द्वारा थाना परिसर में खड़े होकर अनेक वीडियो भी बनाये गये, जिनमें उन्होंने खुलकर पुलिस पर गंभीर आरोप लगाये। पलेरा पुलिस की उदासीनता और लापरवाही ने आखिरकार अन्य थानों के प्रभारियों एवं कर्मचारियों से जांच के लिये मजबूर कर दिया। कहा जाए तो पलेरा थाना पुलिस और यहां पदस्थ कर्मचारी अब तक सबसे ज्यादा चर्चाओं में रहे हैं। पत्रकार के साथ मारपीट का मामला रहा हो, या सुरेन्द्र रावत हत्याकांड। इन मामलों में पलेरा पुलिस की की छवि खास नहीं रही। आज सुबह से ही पलेरा में पुलिस विभाग की सरगर्मियां तेज रहीं। पुलिस अधीक्षक प्रशांत खरे ने इस मामले की जांच के लिये जो टीम गठित की है, उसमें एसडीओपी दिलीप पांडे, थाना प्रभारी लिधौरा हिमांशु भिंडिया, पलेरा थाना प्रभारी मुकेश शाक्य, खिरिया चौकी प्रभारी नीतू धाकड़, अजय सिंह एसआई जतारा, एएसआई राहत खान कोतवाली टीकमगढ़, मोहनगढ़ थाना से प्रधान आरक्षक अनिल शर्मा के नाम शामिल हैं। पुलिस टीम सुबह पलेरा पहुंची। यहां टीम ने सुरेन्द्र रावत की हत्या से जुड़े सुराग खोजने का प्रयास किया। घटना स्थल पठेश्वरी तालाब पलेरा का निरीक्षण किया, जहां युवक का शव मिला था। मृतक सुरेन्द्र रावत की बहिन शिवानी रावत का आरोप है कि उस पर मामले में पलेरा पुलिस पक्षपात कर रही है। आरोपियों को राजनीतिक संरक्षण मिलने के कारण वह खुलेआम घूम रहे हैं। फरियादिया शिवानी रावत की लगातार की जा रही शिकायतों एवं पलेरा पुलिस पर लगाये गये आरोपों के बाद आखिर जिले में हत्याकांड की जांच करने के लिये विशेष दल तैनात किया गया। पुलिस टीम ने यहां देर शाम तक जांच अभियान जारी रखा। उन्होंने बगार भाटा निवासियों से चर्चा कर सुराग निकालने की कोशिश की, वहीं लापता होने से पहले वह हनुगढ़ी पर दर्शनों के लिये गया था, जहां भी पुलिस टीम पहुंची और चर्चा की। सुरेन्द्र रावत की हत्या से जुढ़े अधिकांश पहलुओं पर पुलिस टीम की नजर बनी हुई है। जिस अंदाज में आज पुलिस टीम मामले को कार्य करते देखा गया है, उससे लगता है कि पुलिस आरोपियों तक जल्दी ही पहुंच सकेगी। यहां के बगार भाटा में संदेहियों से पुलिस पूंछतांछ करती रही। मुआयना के दौरान पुलिस जांच दल यहां के तालाब पठेश्वरी से लेकर पहाडिय़ों तक एवं पलेरा की बस्ती में भी जांच पड़ताल करती रही। लोगों में उम्मीद जगी है कि जल्दी ही मामले की सत्यता उजागर हो सकेगी। पूर्व में पुलिस द्वारा दर्ज मामले में कितनी सच्चाई है और हत्याकांड के मामले में दर्शाएं गये आरोपियों के नाम कितने सही हैं, यह जांच के बाद ही पता चल सकेगा।
टीकमगढ़ पुलिस के पंच रत्न
टीकमगढ़ जिले में अपराधों का खुलासा करने एवं आरोपियों को पानी में से खोज निकाले में जिन पंच रत्नों की अब तक सराहनीय भूमिका रही है, उनमें लिधौरा थाना प्रभारी हिमांशु भिंडिया, कोतवाली थाना प्रभारी वीरेन्द्र सिंह पवांर, जतारा थाना प्रभारी त्रिवेन्द्र त्रिवेदी, चौकी प्रभारी खिरिया नीतू धाकड़, मोहनगढ़ थाना प्रभारी नसीर फारुकी के नाम शामिल हैं। यह जिले के वह पुलिस थानेदार एवं कर्मचारी हैं, जिन पर पुलिस अधिकारी से लेकर आम आदमी तक भरोसा करता आ रहा है। इन अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने अपनी कार्यशैली से वरिष्ठ अधिकारियों एवं आम जनता का दिल जीता है। इन पंच रत्नों के रहते आरोपी कितना भी शातिर क्यों न हो, उसे आखिरकार जेल की दीवारों के पीछे आना ही पड़ता है। इस मामले में चुनिंदा अधिकारियों के शामिल होने से आम लोगां की उम्मीद जगी है। बताया गया है कि थाना पलेरा में इस हत्याकांड के मामले में तीन आरोपियों पर मामला दर्ज है। जिन पर हाथ डालने से पलेरा पुलिस बचती रही है। फरियादिया शिवानी रावत लंबे समय से अपनी फरियाद लेकर दरबदर भटकती रही है। अब देखना है कि प्रदेश स्तर तक चर्चाओं में आ चुके सुरेन्द्र रावत हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जांच टीम कहां तक और कब तक कामयाब होती है।