4 अरोपितो से पांच करोड़ की 44 कारे जब्त

फर्जी कागज बनाके बेचने के मामले मै किया गिरफ्तार

4 अरोपितो से पांच करोड़ की 44 कारे जब्त
4 अरोपितो से पांच करोड़ की 44 कारे जब्त
4 अरोपितो से पांच करोड़ की 44 कारे जब्त

KTG समाचार महू से अज़हर नूर, एजाज खान, इफ्तिखार शेख की रिपोर्ट

 गिरोह का पर्दाफाश किया जो अन्य लोगों की कारें किराए के नाम पर लेता व दस्तावेजों में हेराफेरी कर गिरवी रख देता था। इस गिरोह केमुख्य आरोपित ने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन इंजीनियर बनने के बजाए वह हेराफेरी का काम करने लगा, जिसमें उसने काफी पैसा कमा लिया। इसके तीन अन्य साथी भी हैं जो पुलिस के हत्थे चढ़ गए। उधर महू थाने का वालीबाल मैदान दो दिनों से कीमती कारों से भर गया जिसे देख कर एसपी पश्चिम भी आश्चर्यचकित रह गए।

एसपी पश्चिम महेशचंद्र जैन ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए बताया कि वाहन मालिकों की शिकायत पर पुलिस ने ऐसे गिरोह के चार सदस्यों को गिरफ्तार किया और उनकी निशानदेही पर अब तक 44 कीमती कारें जब्त की।

इनसे अभी करीब 20 कारें और जब्त होने की संभावना है। जैन ने बताया कि गिरफ्तार आरोपित देवेंद्र ठाकुर पुत्र प्रदीप ठाकुर निवासी धारनाका, श्याम सिंह पुत्र मेहरबान सिंह सुनेर निवासी कुमठी, दीपक पुत्र कृष्णसिंह रघुवंशी निवासी सादलपुर धार व रितेश पुत्र जीवन वर्मा निवासी खेडी सिहोद मानपुर हैं। जब्त 44 कारों की कीमत करीब पांच करोड़ रुपये बताई जा रही है। मुख्य आरोपित देवेंद्र ठाकुर ने इंदौर के एक निजी कालेज में इंजीनियरिंग में तृतीय वर्ष तक पढ़ाई की है, लेकिन पढ़ाई पूरी करने की बजाय वह जल्दी और ज्यादा पैसा कमाने के चक्कर में इस हेराफेरी में लग गया। वह दो वर्षों से यह काम कर रहा था। आरोपित दूसरों के वाहनों को किराए के नाम पर लेकर गिरवी रख देते और उक्त राशि से मौज मस्ती करते। वाहन लेने के लिए वह कार मालिक से विधिवत अनुबंध भी करवाता था तथा जिसे गिरवी रखता, उसे स्वयं का मालिक होने के फर्जी कागजात देता था।

ऐसे हुआ पर्दाफाश

दो दिन पूर्व एक कार मालिक ने किराया नहीं मिलने व आरोपित द्वारा वाहन वापस न देने व उसकी जानकारी नहीं देने पर महू थाने पर शिकायत की तब दोनों के बीच समझौता करवा कर वाहन दिलवा दिया गया। इसकी जानकारी जब अन्य वाहन मालिकों को लगी तो वे भी शिकायत लेकर थाने पहुंचे। शुरुआत में जब दस से ज्यादा शिकायत आईं तो पुलिस ने गंभीरता से कार्रवाई की और जिस कारण एक के बाद एक कारें जब्त होना शुरू हुईं और मात्र दो दिन में थाने का वालीबाल मैदान कारों से भर गया। इस मामले में परदेशीपुरा इंदौर निवासी राजू मसाल व कीर्ति शर्मा की शिकायत पर प्रकरण दर्ज किया गया।

इनका योगदान रहा

इस मामले को उजागर करने में महू थाना प्रभारी दिलीप पुरी, देवेश पाल, मुकेश कनासिया, संगीता बारिया, मिकिता चौहान, मेहताब सिंह, विजय यादव, राकेश चौहान, मुकेश नागर, सज्जान सिंह, श्याम, नीरज, आलोक, चंद्रशेखर, ब्रह्मानंद,राजेश का विशेष योगदान रहा। एसपी महेश चंद्र जैन ने अपनी ओर से दस हजार रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की।