पाण्डुपोल हनुमान जी एवं भर्तृहरि महाराज का मेला स्थगित

रूट परिवर्तन की जानकारी के लिए लगाए बैनर

पाण्डुपोल हनुमान जी एवं भर्तृहरि महाराज का मेला स्थगित
अलवर राजस्थान
पाण्डुपोल हनुमान जी एवं भर्तृहरि महाराज का मेला स्थगित

पाण्डुपोल हनुमान जी एवं भर्तृहरि महाराज का मेला स्थगित

KTG समाचार नीरज माहेश्वरी जिला प्रभारी

अलवर कोरोना संक्रमण की रोकथाम के मद्देनजर पाण्डुपोल हनुमान महाराज एवं बाबा भर्तृहरि महाराज के 14 सितम्बर को आयोजित होने वाले वार्षिक मेले भी स्थगित किए गए हैं । एडीएम सिटी सुनीता पंकज की अध्यक्षता में कुछ दिन पहले हुई बैठक में यह निर्णय लिया गया था । मेला समिति के सदस्य पाण्डुपोल हनुमान जी मंदिर के पुजारी बाबूलाल शर्मा एवं भर्तृहरि महाराज मंदिर के पुजारी राजेन्द्र शर्मा ने संयुक्त रूप से सुझाव दिया था कि जिले में कोविड संक्रमण के फैलाव की रोकथाम के लिए मेले का आयोजन नहीं किया जाये । 12 से 15 सितम्बर तक दोनों मंदिरों को श्रद्धालुओं के लिए बन्द रखा जाए । इस पर बैठक में सहमति से 12 से 15 सितम्बर तक दोनों मंदिरों को बन्द रखने का निर्णय लिया गया था । भीड़ रोकने के लिए वाहनों को किया डायवर्ट मेला स्थगित करने के उपरान्त भी श्रद्धालुओं के आने की संभावना रहेगी । जिसे देखते हुए और कोविड गाइडलाइन की पालना को दृष्टिगत रखते हुए श्रद्धालुओं की भीड की रोकथाम के लिए वाहनों के आवागमन के मार्ग में परिवर्तन किया गया है । 12 से 15 सितम्बर तक जयपुर की ओर जाने वाले वाहनों को कुशालगढ तिराहे से मार्ग परिवर्तित किया गया है । इसी प्रकार जयपुर की तरफ से अलवर की ओर आने वाले वाहनों को थानागाजी बैंक्यू बोर्ड से मार्ग परिवर्तित किया गया है । सभी नाकों पर पुलिसकर्मी व अधिकारी तैनात रहे । रूट परिवर्तन की जानकारी के लिए लगाए बैनर आमजन को मेले के स्थगित होने एवं वाहनों के रूट परिवर्तन होने के संबंध में पूर्ण जानकारी दर्शाने वाले होर्डिंग्स नटनी का बारा कुशालगढ भर्तृहरि तिराहा एवं अन्य उपयुक्त स्थान पर लगाए गए है । इसी प्रकार जयपुर रोड प्रतापगढ रोड थानागाजी रोड एवं बैंक्यू बोर्ड के साथ अन्य उपयुक्त स्थान पर होर्डिंग्स लगवाए गए है । श्रद्धालुओं से घरों में ज्योत देखने की अपील पाण्डुपोल हनुमानजी मंदिर एवं भर्तृहरि महाराज के मंदिर के पुजारियों ने आमजन से अपील की है कि कोविड गाइडलाइन की पालना के तहत श्रद्धालु मेला समयावधि के दौरान अपने घरों में रहकर ही ज्योत देखे ।