मंदिर निर्माण का कहकर धोखाधड़ी पूर्वक हड़प लिया मकान, अब कर रहे व्यवसाय
बुजुर्ग महिला पहुंची जनसुनवाई में, लगाई न्याय की गुहार
मंदिर निर्माण का कहकर धोखाधड़ी पूर्वक हड़प लिया मकान, अब कर रहे व्यवसाय
बुजुर्ग महिला पहुंची जनसुनवाई में, लगाई न्याय की गुहार
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। मंदिर निर्माण का कहकर धोखाधड़ी पूर्वक मकान हड़पने का आरोप लगाते हुए सुतार बाखल निवासी एक बुजुर्ग महिला कांता बाई महाजन मंगलवार को जनसुनवाई कलेक्टर के समक्ष आवेदन लेकर पहुंची और न्याय की गुहार लगाई। पीड़ित महिला ने बताया कि मेरा स्वामित्व एवं आधिपत्य का एक मकान 182 एमजी रोड देवास पर स्थित है। उक्त मकान मेरे स्व. पिता माखनलाल पिता छोगालाल महाजन द्वारा मुझे वसीयत के माध्यम से स्वामित्व में प्रदान किया गया। उक्त मकान का नामांतरण वसीयत के आधार पर नगर पालिक निगम में दर्ज किया गया।
मुझे देवास नगर स्थित मेरे पूर्व परिचित जीमयतमल पिता मोरूमल एवं लखन पिता नंदकिशोर निवासी 14/2 एमजी रोड देवास ने संत आसाराम बापू के बारे में बताया और उनके साथ जुडऩे के लिए मुझे बरगलाया एवं मेरे परिवार के सदस्यों के खिलाफ भी समय-समय पर भडक़ाया। मुझे भ्रमित कर उक्त दोनों व्यक्तियों ने आसाराम बापू से इंदौर स्थित आश्रम पर मिलाया तथा आसाराम के पुत्र नारायण सांई से मुझे मिलाया। सभी लोगों ने योजनाबध्द तरीके से मुझे भ्रमित कर मेरे मकान में मंदिर निर्माण करने हेतु बहला-फुसलाकर उक्त मकान महिला उत्थान ट्रस्ट अहमदाबाद 05 माँ मेहंगीवा नगर, साबरमती अहमदाबाद द्वारा ट्रस्टी नीता बेन पति दिनेश भौंसले आयु 44 वर्ष व्यवसाय आयुर्वेदिक वैद्य एवं समाज सेवा निवासी साबरमती अहमदाबाद (गुजरात) के नाम से योजनाबद्ध तरीके से वर्ष 2013 में दान पत्र माध्यम से करा लिया था। मुझे भ्रमित किया गया था कि संत आसाराम बापू बहुत महान संत है। उनके सानिग्ध में रहने से और तुम्हारे मकान में मंदिर निर्माण कर तुम्हे वहां व्यवस्थापक के रूप में रखा जायेगा। परन्तु ऐसा कुछ भी नही हुआ और मुझे आसाराम बापू के इंदौर स्थित आश्रम में बंदी स्वरूप रख दिया। महिला ने आरोप लगाया कि वहां पर व्यवस्थापक मुकेश पटेल ने मुझे धमकाकर बार-बार जान से मारने की धमकी दी और कहा जाता था कि यदि तुमने तुम्हारे रिश्तेदारों को खबर करी तो तुम्हे जान से मार दिया जायेगा। महिला ने बताया कि वर्तमान समय में मैं वृद्धावस्था में हूं और मेरा स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है। मेरे पास समय-समय पर मेरे पूर्व के मौखिक दत्तक प्रेमनारायण गुप्ता जो कि मेरी बहन के पुत्र है। उनके पुत्र गौरव पिता प्रेमनारायण को मैंने अपनी इस दुर्गती की सूचना दी। जिसके बाद गौरव मुझे 16 मई 2023 को अपने साथ इंदौर स्थित आसाराम बापू के आश्रम से ले आया। वर्तमान में उसी के साथ रह रही हूं। इन परिवारजनों के अलावा कोई नहीं है। उक्त मकान जब मेरे से आसाराम बापू के तथाकथित लोगों द्वारा भ्रमित कर कब्जा किया गया था, मुझसे भ्रमित कर दान पत्र लिखवाया गया था। उसमें भी लखन और जमियतमल पिता मोरूमल दोनों ही गवाह है जो दोनों इस पूरी योजना और षडयंत्र के सुत्रधार है। इन लोगों ने उक्त मकान मुझसे मंदिर निर्माण करने हेतु दान कराया था, परन्तु उक्त मकान में इन लोगों ने तोडफ़ोड़ कर उसको व्यवसायिक दुकान के रूप में उपयोग करना प्रारंभ कर दिया। उक्त मकान में लखन द्वारा कई वर्षो तक जलेबी एवं मिठाई बनाने का कार्य संचालित किया, जिसमें जमियतमल भी शामिल था। मकान को मैंने मंदिर के लिये दान दिया था, परन्तु इन लोगों ने उसका व्यवसायीकरण कर दिया। उक्त मकान जब मैंने इनको दान किया था तब मेरा वहां पुश्तैनी सामान कपड़े जेवर भी थे। जिसको इन सब लोगों ने कब्जा कर लिया और मुझे पूछने पर गुमराह करते रहे। पीड़ित महिला ने मांग की है कि मेरी व्यथा के आधार पर इन षडयंत्रकारियों से मुझे मुक्ति दिलाई जाकर मुझे मेरा मकान पुन: वापस दिलाया जाए।