नगर परिषद में आयुक्त के यहां लगे होमगार्ड द्वारा आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया
परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग पोस्टमार्टम कराने और शव लेने से इनकार कर दिया मृतक होमगार्ड परविंदर सिंह के भाई ने बताया कि उसके भाई पर काफी दबाव डाला जा रहा था
नगर परिषद में आयुक्त के यहां लगे होमगार्ड द्वारा आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया
KTG समाचार नीरज माहेश्वरी जिला प्रभारी
अलवर राजस्थान नगर परिषद में आयुक्त के यहां लगे होमगार्ड द्वारा आत्महत्या करने के मामले ने तूल पकड़ लिया है । परिजनों ने आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर पोस्टमार्टम कराने और शव लेने से इनकार कर दिया उसके बाद यहां तनाव की स्थिति पैदा हो गई । परिजनों ने राजीव गांधी सामान्य चिकित्सालय के आगे बैठ का धरना दिया और रास्ता जाम कर दिया । सुबह 11 बजे से 7 बजे तक नहीं खुला जिसके कारण बिजली घर चौराहे व नंगली सर्किल से यातायात पुलिस को रूट डायवर्ट करना पड़ा । पुलिस और अस्पताल में प्रशासनिक अधिकारी मौजूद रहे समझाइश वार्ता चली लेकिन परिजन अपनी मांगों पर अड़े रहे परिजनों की मांग है कि मृतक की पत्नी को नौकरी दी जाए दस लाख रुपए का आर्थिक मुआवजा दिया जाए और आरोपियों की गिरफ्तारी की जाए उल्लेखनीय है कि होमगार्ड परविंदर सिंह ने 25 फरवरी के दोपहर को अपने कमरे में आत्महत्या कर ली पहले तो उसने जहर खाया फिर फांसी के फंदे पर लटक कर झूल गया । इस घटना के बाद नगर परिषद अलवर फिर विवादों में आ गया । होमगार्ड परविंदर सिंह अपनी एक्स्ट्रा ड्यूटी में आयुक्त की गाड़ी भी चलाता था और उसे काफी राज पता थे इसलिए बार बार उसे धमकी दी जा रही थी क्योंकि 17 फरवरी को भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो द्वारा अलवर नगर परिषद के कांग्रेसी पार्षद नरेंद्र मीणा व दो अन्य ठेकेदार पांच पंद्रह हजार की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किए गए थे मामले में सभापति । इस और कमिश्नर कमलेश मीणा की भी भूमिका सामने आई थी उसकी मौत के बाद नगर परिषद के अधिकारियों पर उंगली उठ रही है । मृतक होमगार्ड परविंदर सिंह के भाई ने बताया कि उसके भाई पर काफी दबाव डाला जा रहा था । धमकी दी जा रही थी कि अपनी जुबान खोली तो तुझे तेरे परिवार को बर्बाद कर देंगे वह घर से भी नहीं निकल पा रहा था 25 तारीख को ही वह घर से ऑफिस गया । उसके बाद गुमसुम रूप से घर आ गया और दोपहर में अपने घर में जाकर उसने आत्महत्या कर ली ।