भागवत कथा के श्रवण मात्रा से मनुष्य के पापों का क्षय हो जाता है- विनोद चतुर्वेदी

स्थानीय गुलाब बाग धाम में महिला धर्म समिति द्वारा भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है।

भागवत कथा के श्रवण मात्रा से मनुष्य के पापों का क्षय हो जाता है- विनोद चतुर्वेदी

KTG samachar India, राजीव बिरथरे, बरुआसागर।

बरुआसागर। गुलाबबाग धाम में महिला धर्म समिति द्वारा आयोजित संगीतमय श्रीमद्भागवत कथा के द्वितीय दिवस का शुभारंभ शास्त्री नितिन चतुर्वेदी, शास्त्री प्रवीण एवं शास्त्री हरिओम द्वारा मुख्य यजमानों द्वारा श्रीमद्भागवत कथा पूजन कर कथा का शुभारंभ किया गया।
         भागवताचार्य धर्म गुरु आचार्य विनोद चतुर्वेदी ने अपने वाचक में कहा कि श्रीमद भागवत कथा सुनने से सभी रोगों और पापो का निवारण होता है। उन्होंने कहा कि एक बार की जगह बार बार भागवत कथा के श्रवण मात्र से भक्त का भगवान से मिलन हो सकता है।भागवताचार्य ने कहा कि मनुष्य को इसके श्रवण मात्र से सभी तीर्थों की परिक्रमा का फल मिलने के साथ ही मोक्ष की प्राप्ति होती है।उन्होंने राजा परीक्षित की कथा प्रसंग कहते हुये कहा कि वह आखेट हेतु वन में गये। वन्य पशुओं के पीछे दौड़ने के कारण वे प्यास से व्याकुल हो गये तथा जलाशय की खोज में इधर उधर घूमते घूमते वे श्रृंगी ऋषि के आश्रम में पहुँच गये। वहाँ पर शमीक ऋषि नेत्र बंद किये हुये तथा शान्तभाव से एकासन पर बैठे हुये ब्रह्मध्यान में लीन थे। राजा परीक्षित ने उनसे जल माँगा किन्तु ध्यानमग्न होने के कारण शमीक ऋषि ने कुछ भी उत्तर नहीं दिया। सिर पर स्वर्ण मुकुट पर निवास करते हुये कलियुग के प्रभाव से राजा परीक्षित को प्रतीत हुआ कि यह ऋषि ध्यानस्थ होने का ढोंग कर के मेरा अपमान कर रहा है। उन्हें ऋषि पर बहुत क्रोध आया। उन्होंने अपने अपमान का बदला लेने के उद्देश्य से पास ही पड़े हुये एक मृत सर्प को अपने धनुष की नोंक से उठा कर ऋषि के गले में डाल दिया और अपने नगर वापस आ गये किन्तु उनके पुत्र ऋंगी ऋषि को जब इस बात का पता चला तो उन्हें राजा परीक्षित पर बहुत क्रोध आया। ऋंगी ऋषि ने सोचा कि यदि यह राजा जीवित रहेगा तो इसी प्रकार ब्राह्मणों का अपमान करता रहेगा। इस प्रकार विचार करके उस ऋषिकुमार ने कमण्डल से अपनी अंजुली में जल ले कर तथा उसे मन्त्रों से अभिमन्त्रित करके राजा परीक्षित को यह श्राप दे दिया कि जा तुझे आज से सातवें दिन तक्षक सर्प डसेगा। इस मौके पर भाजपा नेता तिलक यादव, रोहित राजपूत, राजेन्द्र सिंह राजपूत  धर्मेंद्र ठाकुर, अखिलेश शर्मा, सुजीत बकना, ओमप्रकाश साहू,बड़कन गुप्ता, हरिशंकर बकना, चिंतामन राय, अशोक राय, महेश चन्द  गुप्ता, महिला समिति सदस्यों में श्रीमती रामश्री अग्रवाल, कमला साहू,विनीता साहू, मीरा अलीजा, अमिता शर्मा, कलावती राय, पिंकी राय, रामलली चौरसिया, भगवती परिहार, अतरसिंह परिहार, मनोज राय, विनोद अड़जरिया , प्रेम नारायण राय, रमेश चौरसिया आदि सदस्य मौजूद रहे।