रेत-खनिज परिवहन व्यापारियों ने लिया अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय
रेत-खनिज परिवहन व्यापारियों ने लिया अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय
रेत-खनिज परिवहन व्यापारियों ने लिया अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय
स्पष्ट खनिज परिवहन नीति बनाने की मांग पर आज मुख्यमंत्री के नाम सौंपेगे ज्ञापन
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। शहर के रेत खनिज परिवहन व्यापारियों ने मंगलवार-बुधवार की मध्यरात्रि 12 बजे से अपना कामकाज बंद कर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया है। बुधवार को अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर सरकार से स्पष्ट खनिज परिवहन नीति बनाने की मांग की जाएगी। व्यापारियों ने खनिज विभाग एवं पुलिस विभाग की हठधर्मिता पूर्वक अवैध वसूली के प्रति रेत एवं गिट्टी खनिज व्यापारियों ने विरोध दर्ज करवाया है।
मुख्यमंत्री के नाम से सौंपे जाने वाले ज्ञापन एवं हड़ताल को लेकर रेत गिट्टी वाहन आॅनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विजय गहलोत ने बताया कि सरकार से 6 बिंदुओं पर विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग की जाएगी। श्री गेहलोत ने बिंदुवार जानकारी देते हुए बताया कि सबसे पहली मांग यह है कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्वीकृत खदान से निर्धारित रॉयल्टी राशि देने के बाद भी रास्ते भर कई जगह माइनिंग विभाग, पुलिस विभाग, आरटीओ विभाग द्वारा अलग-अलग स्थानों पर चेकिंग के नाम पर अवैध वसूली की जा रही है, जिसे तत्काल बंद किया जाए। वर्तमान आधुनिक युग में विकास हेतु प्रत्येक निर्माण का आधार स्तंभ ही खनिज गिट्टी- रेत है, जिसे हम व्यापारी खदानों से परिवहन कर प्रदेश के ही निर्माण स्थलों पर जन सेवा के रूप में पहुंचाते हैं। प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष रूप से कई टैक्स चुकाते हैं। इसके बाद भी व्यापारी एवं ड्राइवर पर चोरी की धारा 379 के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है, जो कि गलत एवं व्यापार विरोधी है, जिसे तत्काल खत्म किया जाना चाहिए। शासन द्वारा निर्धारित खनिज- रेती राशि प्रत्यक्ष रुप से चुकाने के अलावा भी अप्रत्यक्ष रूप से वाहन का रोड टैक्स, परमिट, टोल पर टैक्स के साथ ही डीजल पर भारी भरकम टैक्स द्वारा प्रतिमाह लाखों रुपए दिया जाता है। इसके बाद भी व्यापारियों को खनिज- रेत माफिया, रेत चोर कहना गलत है, जिसे तत्काल बंद किया जाना चाहिए। शासन की नीति के प्रावधानों की आवश्यकता अनुसार रॉयल्टी प्रति मीटर की दर से शासन द्वारा निर्धारित की गई है। खदानों पर तोल कांटा लगा कर आरटीओ के नियम अनुसार वाहनों में प्रति घन मीटर के मापदंड से खनिज लोड किया जाए। फिर वजन कम या ज्यादा जो भी हो, उस वाहन की ओवर लोड की चालानी कार्यवाही ना की जाए। साथ ही खनिज विभाग और आरटीओ द्वारा खनिज का परिवहन करने वाले वाहनों के लिए वाहन क्षमता अनुसार एक सहज और जन हितेषी व्यवहारिक नीति संयुक्त रूप से अति शीघ्र बनाई जाए। शासन द्वारा समय-समय पर खदानों से रेत खनिज का बिक्री मूल्य तय किया जाए। इसमें शासन स्तर से न्यूनतम और अधिकतम रुपए की दर भी करने का प्रावधान जल्द से जल्द लागू किया जाए। एसोसिएशन की अंतिम मांग यह थी कि जिस खदान से रेत खनिज लोड किया गया है, उस खदान संचालक पर नियंत्रण के नियम बनाए जाए, जिससे प्रदेश में अवैधानिक रूप से, बिना रॉयल्टी रेत खनिज के व्यापार पर अंकुश भी लगेगा। ऐसा करने से शासन के राजस्व में भारी बढ़ोतरी भी हो पाएगी। अध्यक्ष गहलोत ने कहा कि सरकार मध्यप्रदेश में विकास कार्यों के लिए आवश्यक गौण खनिज की सहज उपलब्धता एवं मूल्य नियंत्रण करने के लिए हमारी मांगों पर विचार करें।
खनिज व्यापारियों की हड़ताल से थमेंगे सैकड़ो वाहनो के चक्के
एक अनुमानित जानकारी के अनुसार रेत खनिज परिवहन में शहर की मंडी से संबंधित करीब ढाई सौ बड़े वाहन हड़ताल से प्रभावित होंगे। इतने ही छोटे वाहनों के चक्के (पहियें) भी हड़ताल के कारण थम जायेंगे। व्यापारियों के अनुसार इन वाहनों के बंद होने से आने वाले दिनों में शहर व आसपास कंस्ट्रक्शन से संबंधित कामों पर भी खासा असर पड़ेगा। अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने के निर्णय लिये जाने सम्बन्धी महत्वपूर्ण बैठक में संगठन के बबलू श्रीवास्तव, तूफान सिंह दरबार, रितेश राठौर, हर्ष विजयवर्गीय, अरुण पांडे, गिट्टी व्यापारी जावेद पटेल, तोफिक पटेल, विनोद जयसवाल, जितेंद्र सिंह परिहार, सुमेर सिंह ठाकुर, संजू खंडेलवाल, अरबाज शेख, हुकम सिंह बालोदिया, राजेश दरबार, ज्ञान सिंह, राहुल चौधरी, नरेंद्र चौधरी सहित एसोसिएशन के कई सदस्य उपस्थित थे।