राज्य में कोरोना वैक्सीन वेस्टेज की दर 0.8 प्रतिशत -मुख्य सचिव

राज्य में कोरोना वैक्सीन वेस्टेज की दर 0.8 प्रतिशत -मुख्य सचिव

राज्य में कोरोना वैक्सीन वेस्टेज की दर 0.8 प्रतिशत  -मुख्य सचिव

KTG समाचार रिपोर्टर नरेश कुमार भोई डूंगरपुर, राजस्थान

डूंगरपुर।मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने राज्य में कोरोना वेक्सीन वेस्टेज दर कम करने के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए इसे ऋणात्मक स्तर तक लाने के निर्देश दिए। श्री आर्य मंगलवार को यहां शासन सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर्स के साथ विभिन्न योजनाओं की समीक्षा कर रहे थे। वीडियो कांफ्रेंस के दौरान राजीव गांधी सेवा केंद्र डूंगरपुर वीसी कक्ष में डूंगरपुर जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला, अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्ण पाल सिंह चौहान, मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंजलि राजोरिया, सीएमएचओ डॉक्टर महेंद्र परमार, मेडिकल प्राचार्य डॉ श्रीकांत असावा सहित अन्य संबंधित अधिकारीगण मौजूद रहे। मुख्य सचिव श्री आर्य ने कहा कि राज्य में कोरोना वैक्सीन का अच्छा उपयोग किया जा रहा है। इसके वेस्टेज की दर 0.8 है, लेकिन हमें प्रयास कर इसे शून्य स्तर तक ले जाना है। उन्होंने कहा कि कई जिलों में यह दर ऋणात्मक हो चुकी है। शेष जिला कलक्टर भी इसकी प्रभावी मॉनिटरिंग कर इसे ऋणात्मक स्तर पर लाने के प्रयास करें। उन्होंने कहा कि वैक्सीन डिस्पोजल केन्द्र सरकार की गाइड लाइन के अनुसार करें और इससे जनप्रतिनिधियों को भी अवगत कराएं। श्री आर्य ने कहा कि जिला कलक्टर मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना से निजी अस्पतालों के संबद्धता संबंधी प्रकरणों का एक सप्ताह में निस्तारण करें। उन्होंने नवीन मेडिकल कॉलेज एवं अन्य चिकित्सा संस्थाओं की स्थापना के लिए भूमि आवंटन भी प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। मुख्य सचिव ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ योजना की जिलावार प्रगति की समीक्षा करते हुए कहा कि लिंगानुपात सुधारने के लिए विस्तृत अध्ययन कर नकारात्मक बिन्दु चिन्हित करें और उसी अनुसार समग्र योजना बनाकर कार्य करें। उन्होंने इन्दिरा महिला शक्ति-उद्यम प्रोत्साहन योजना की प्रभावी मॉनिटरिंग कर प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रमुख शासन सचिव श्री अखिल अरोड़ा ने कोरोना प्रबंधन के लिए किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए इसे लगातार बनाए रखने तथा मौसमी बीमारियों एवं अन्य नॉन-कोविड गंभीर बीमारियों के इलाज की व्यवस्था पर फोकस करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सा आधारभूत संरचना को अपडेट रखें, चिकित्सकीय मानव संसाधन को हर आवश्यक प्रशिक्षण दिलाएं और प्रत्येक रोगी को इलाज मुहैया कराना सुनिश्चित करें। महिला एवं बाल विकास विभाग की प्रमुख शासन सचिव श्रीमती श्रेया गुहा ने विभागीय योजनाओं की जिलावार प्रगति रेखांकित करते हुए ड्रॉप आउट बालिकाओं को शिक्षा से जोड़ने एवं आंगनबाड़ियों में पोषण वाटिकाएं विकसित करने के लिए विशेष प्रयास करने के निर्देश दिए। चिकित्सा शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री वैभव गालरिया ने नए मेडिकल कॉलेज तथा नर्सिंग एंड पब्लिक हेल्थ कॉलेज स्थापना के लिए जमीन आवंटन तथा सम्पर्क सड़क, बिजली एवं पेयजल आपूर्ति व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए। चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव श्री सिद्धार्थ महाजन ने कोविड-19 वैक्सीनेशन की प्रगति का विस्तृत प्रस्तुतीकरण देते हुए बताया कि राज्य में 60 वर्ष से अधिक आयु के 92 प्रतिशत तथा 45 से 59 वर्ष आयु वर्ग के 78 प्रतिशत लोगों को पहली डोज लगा दी गई है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में वैक्सीन वेस्टेज दर केवल 0.8 प्रतिशत है, जिसेे ऋणात्मक करने का प्रयास किया जा रहा है। बैठक में विभिन्न विभागों के प्रमुख शासन सचिव, शासन सचिव, संभागीय आयुक्त एवं जिला कलक्टर्स वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से शामिल हुए।