धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे- पं. व्यास

धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे- पं. व्यास

धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे- पं. व्यास
धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे- पं. व्यास 
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। श्री मनकामेश्वर महादेव मंदिर पर श्राद्ध पक्ष के उपलक्ष्य में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के पांचवे दिन पं. संदीप व्यास ने भक्तों को श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं का प्रसंग सुनाया। महाराज श्री ने कहा धनवान व्यक्ति वही है जो अपने तन, मन, धन से सेवा भक्ति करे, वही आज के समय में धनवान व्यक्ति है। परमात्मा की प्राप्ति सच्चे प्रेम के द्वारा ही संभव हो सकती है। पं. कुलदीप ममता मोदी ने बताया कि कथा में गोवर्धन पूजा कर छप्पन भोग लगाया। कथा में उपस्थित भक्तों ने गोवर्धन पूजा की। कथा के दौरान सुमधुर भजनों की प्रस्तुति दी गई, जिस पर श्रद्धालु झूमते रहे। व्यासपीठ की आरती पं. ज्ञानेश्वर मोदी, गोपाल पंडित, किशोर पंडित, योगेश पंडित, प्रहलाद विजयवर्गीय, सत्यनारायण विजयवर्गीय, मांगीलाल तापसे, कमलादेवी मोदी, ममता मोदी, सारिका मोदी, रमा बंसल, गायत्री दायमा, रचना झंवर, अलका भूतड़ा सहित भक्तो ने की। महाराज श्री ने पूतना चरित्र का वर्णन करते हुए कहा कि पूतना राक्षसी ने बालकृष्ण को उठा लिया और स्तनपान कराने लगी। श्रीकृष्ण ने स्तनपान करते-करते ही पूतना का वध कर उसका कल्याण किया। माता यशोदा जब भगवान श्री कृष्ण को पूतना के वक्षस्थल से उठाकर लाती है उसके बाद पंचगव्य गाय के गोबर, गोमूत्र से भगवान को स्नान कराती है। सभी को गौ माता की सेवा, गायत्री का जाप और गीता का पाठ अवश्य करना चाहिए। गाय की सेवा से 33 करोड़ देवी देवताओं की सेवा हो जाती है। भगवान ब्रजरज का सेवन करके यह दिखला रहे हैं कि जिन भक्तों ने मुझे अपनी सारी भावनाएं व कर्म समर्पित कर रखें हैं वे मेरे कितने प्रिय हैं। भगवान स्वयं अपने भक्तों की चरणरज मुख के द्वारा हृदय में धारण करते हैं।