172 वर्ष से भी अधिक पुरानी सूरत शहर की धरोहर एंड्रूज़ लाइब्रेरी का सूरत महानगर पालिका की अनिर्णायक स्थिति के कारण अस्तित्व खतरे में

संस्था के संचालकों द्वारा सूरत महानगर पालिका को बार-बार मौखिक और लिखित रजुआत की है कि सूरत महानगर पालिका के अपने सूरत शहर में विज्ञापन बोर्डों है उसमें संस्था के कायामी इनकम रूपी हटाए गए चार विज्ञापन बोर्डों को समाये ताकि संस्था की एकमात्र कायमी इनकम चालू रहे

172 वर्ष से भी अधिक पुरानी सूरत शहर की धरोहर  एंड्रूज़ लाइब्रेरी का सूरत महानगर पालिका की अनिर्णायक स्थिति के कारण अस्तित्व खतरे में
एंड्रूज़ लाइब्रेरी, चौकबाजार, सूरत.

KTG समाचार, भवेन्दु त्रिवेदी, सूरत, गुजरात.

गुजरात और सूरत शहर की 172 वर्ष से भी पुरानी ऐतिहासिक धरोहर Andrews Library की सूरत महानगर पालिका ने अपने स्वयं के प्रोजेक्ट के लिए संस्था की स्थायी कायमी इनकम को रोकने के विकल्प व्यवस्था के रूप में किसी भी प्रकार की स्थायी कायमी इनकम प्रदान नहीं की है। सूरत महानगर पालिका के मनपा कमिशनर पानीजी की वरोदरा मनपा मे ट्रांसफर होगई है अब सूरत मनपा के नए कमिशनर शालिनी अग्रवालजी यह पुस्तकालय को न्याय दिलाने मे मदद करे क्यूकी सूरत महानगर पालिका की इस अनिर्णायक स्थिति द्वारा किसी संस्था के पुस्तकालय का विकास रुका हुआ है। यह विषय तत्कालीन शासकों के समय से चली आ रही है तब के शासकों ने ये विषय पर सकारात्मक अभीगम रखते हुए संस्था की कायमी आवक चालू रखने के लिए सूरत महानगर पालिका द्वारा विशेष व्यवस्था करने की आश्वासन दिया था। उस दौरान सूरत महानगर पालिका की बोर्ड की अवधि पूरी होने के कारण सूरत महानगर पालिका के इलेक्शन डिक्लेअर हो चुके थे। और इलेक्शन बाद नए शासकोंने सूरत महानगर पालिका में सत्ता संभाली उसके कारण फिर से वर्तमान शासकों को संस्था के संचालकोंने पत्र व्यवहार द्वारा इस विषय पर अवगत कराया। संस्था के पुस्तकालय से अति कम 55 वार्षिक शुल्क का भुगतान करके पुस्तकालय की पुस्तकों के सदस्यों, एजुकेशन पुस्तकों को ले जाने वाले कोलेजो के छात्र सदस्यों के भविष्य को खतरे में डाला जा रहा है। सूरत महानगर पालिका की मंशा पर अब सवाल उठ रहे हैं। मेरे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी आपसे मेरी नम्र याचना हे की आप साहेबश्री इस विषय में संस्था के पुस्तकालय को सूरत महानगर पालिका द्वारा जो अनिर्णायक स्थिति और अन्याय नीति उत्पन्न हो रही है उससे इस संस्था के पुस्तकालय को न्याय दिलाने में मदद कीजिए। मेरे प्रधानमंत्रीजी यह वो संस्था है जो 172 साल से अधिक पुरानी संस्था की लाइब्रेरी है जहां आजादी से पहले अंग्रेजों के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम के नाटक खेले जाते थे, जहां कवि नर्मद संस्था की Andrews Library में बैठ कर विचार मंथन करते अपने पुस्तके लिखते थे, यह वह संस्था है जहा के नगीन चंद ज़वेरी हॉल में युगपुरुष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय अटलजी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और भारतीय जनसंघ की संगठन बैठकें करते थे। इस बीच संस्था के संचालकों द्वारा पेज प्रमुख के शिल्पी की जिन्होंने वार्ड स्तर पर पार्टी के संगठन को मजबूत किया और पार्टी को जबरदस्त संगठनात्मक ताकत प्रदान करनेवाले भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रमुख सी आर. पाटिलजी का समय लेकर मुलाक़ात की और इस विषयमे लिखित और मौखिक प्रस्तुति द्वारा भाजपा प्रदेश प्रमुख सी आर पाटिलजी को अवगत कराते हुए बताया की संस्था की सूरत महानगर पालिका द्वारा छीनी गईं एकमात्र कायमी इनकम को पुनः शुरू करवाने का अनुरोध किया है। अब इस विषय को लेकर 172 साल से भी पुरानी गुजरात और सूरत की ऐतिहासिक धरोहर संस्था पुस्तकालय मेरे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्रभाई मोदीजी आपसाहेब से न्याय की उम्मीद लगाए प्रतीक्षा कर रही है।