चामुण्डा स्टैण्डर्ड मिल एवं तुलजा अपार्टमेंट, एस कुमार्स की दो प्रापट्री ई नीलामी में आगरा ग्वालियर पाथवेज प्राईवेट लिमिटेड ने विगत दिनों खरीदी
- इसको लेकर अवांछित एवं गलत जानकारियां फैलाई जा रही, आगरा-ग्वालियर पाथवेज प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी ने इस बात का खंडन करते हुए जारी किया प्रेसनोट
KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश
देवास। एस कुमार्स नेशनवाइड लिमिटेड कंपनी की चामुण्डा एवं तुलजा स्थित परिसंपत्तियों हेतु, माननीय नेशनल कम्पनी लॉ ट्रिब्यूनल, मुंबई बेंच ने प्रकरण क्रमांक एमए 1316/2019 एण्ड 1627/2019 इन सी.पी. 294/एनसीएलटी/एमबी/2018 अंडर सेक्शन 33(2) ऑफ इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड, 2016 के अन्तर्गत आदेश दिनांक 19.06.2019 के द्वारा, ओमप्रकाश अग्रवाल को लिक्विडेटर नियुक्त किया था, जिसमें स्पष्ट रूप से आवेशित किया गया है कि उक्त आदेश पारित दिनांक से पूर्व की समस्त देनदारियों की जिम्मेदारी लिक्विडेटर की होगी। अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए, विधि सम्मत तरीके से ओम प्रकाश अग्रवाल द्वारा ई-आक्शन में दिनांक 2 मार्च 2021 को कुल 4 परिसम्पत्तियों के लिये बोली आमंत्रित की गई थी। कुल 22-25 प्रतिभागियों द्वारा बोली लगाई गई थी, जिसमें से चामुण्डा स्टेण्डर्ड मिल एवं तुलजा अर्पाटमेंट की बोली सर्वोच्च होने के कारण हमारी कम्पनी को केवल 2 परिसम्पत्तियां मिली हैं। महू, इन्दौर स्थित आगरा ग्वालियर पाथवेज प्राईवेट लिमिटेड कम्पनी की बोली सर्वोच्च होने के कारण लिक्विडेटर द्वारा उक्त दोनो सम्पत्तियां का लेटर ऑफ इन्टेंट दिनांक 03 मार्च 2021 से हमारी कम्पनी के पक्ष में जारी किया गया।
समस्त वांछित औपचारिकताऐं पूर्ण करने के उपरांत लिक्विडेटर द्वारा कम्पनी के पक्ष में जिला पंजीयन कार्यालय देवास में रजिस्ट्री निष्पादित की गई। संपत्तियों का पंजीयन होने के उपरांत लिक्विडेटर द्वारा कम्पनी को सम्पत्तियों का हस्तांतरण किया गया तथा तब से परिसंपत्तियां कम्पनी के अधिकार में है और हमारे कर्मचारियों द्वारा उसके रख-रखाव एवं सुरक्षा आदि की व्यवस्था की जा रही है।
इस संबंध में कुछ असामाजिक तत्वों द्वारा ऐसी भ्रामक जानकारी फैलाई जा रही है कि उक्त परिसंपत्तियों का क्रय-विक्रय अवैधानिक तरीके से किया गया है तथा कम्पनी द्वारा गैर कानूनी तरीके से इन परिसंपत्तियों पर अधिकार कर लिया गया है। कम्पनी द्वारा स्पष्ट किया जाता है कि हमारे द्वारा पूर्ण वैधानिक तरीके से दोनों परिसंपत्तियां क्रय की गई है और नियमानुसार राजस्व अधिकारियों की मौजूदगी में कब्जा प्राप्त किया गया है।
इस संबंध में स्पष्ट किया जाता है कि उपलब्ध अभिलेखों के अनुसार 447 मजदूरों का क्लेम रू. 3,12,21,722 का भुगतान लिक्विडेटर द्वारा किया जा चुका है। इसके अलावा 6 मजदूरों का भुगतान उनके बैंक विवरण के अभाव में लिक्विडेटर द्वारा नही हो पाया है। 21 मजदूरों का क्लेम, पीएफ एवं अन्य जानकारियों के अभाव में स्क्रूटनी में होने के कारण लंबित है। इसके अलावा 30 मजदूर ऐसे है जिनका क्लेम सेक्शन 53(1)बी आईबीसी 2016 के अन्तर्गत मान्य नहीं किया गया है। स्पष्टत: हमारी कम्पनी का मजदूरों के अवशेष भुगतान एवं किसी भी तरह के लंबित अन्य भुगतान से कोई संबंध नही है। समस्त देनदारियां ट्रिब्यूनल के आदेश दिनांक 19.06.2019 के पूर्व की हैं अत: अवशेष भुगतान हेतु समस्त प्रक्रियाऐं लिक्विडेटर द्वारा सम्पादित की जा रही है।