*बैराड़ बना नकल माफियाओं का अड्डा, स्कूल वाले सेटलमेंट कर करवा रहें हैं परीक्षाएं।*
जानकारी के अनुशार 10 वी 12 वी के बाद अब 5 वी 8 वी की परीक्षाओं में भी चल रही है धड़ल्ले से नकल।
रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी=
बैराड़: बैराड़ शिक्षा विभाग की आंखो में धूल झोंक कर बड़ी चालाकी से कराई जाती है नकल। जानकारी के अनुशार कुछ स्कूल इस तरह रिजर्व हैं की उनमें प्रवेश ही नकल के लिए होता है। नकल होने की वजह से शिवपुरी जिला ही नहीं बल्कि अन्य जिलों से भी एडमिशन आते हैं। अगर बो नकल नहीं कराते तो विद्यार्थियों के प्रवेश की संख्या काफी घट जाएगी। सूत्रों के हवाले ख़बर मिली है की कुछ स्कूल बालों ने तो बोर्ड परीक्षा 5 वी एवम् 8 वी की परीक्षाओं में नकल करवाना तो आम बात है बल्कि दूसरे बच्चों के पेपर लिखवाने तक का सेटेलमेंट कर रखा है। इस सेटेलमेंट में शिक्षा विभाग के छोटे अधिकारी भी सामिल हैं। सबकी सांठ गांठ से चल रही है धड़ल्ले से नकल।
*कैसे मीडिया की आंखों पर पट्टी और हाथों को बांध दिया है*=
हैरानी की बात तो ये है इसका खुलासा मीडिया भी नहीं कर सकती क्यों कि परीक्षा हॉल में जाने का अधिकार मीडिया से छीन लिया गया है अब सब कुछ छोटे बड़े अधिकारिओं के हाथ बात है। मीडिया का परीक्षा हॉल में अंदर जाना वर्जित है, इसका भरपूर फायदा नकल माफिया उठा रहे हैं।
*क्यों नहीं होती इन नकल माफियाओं पर कारवाही=*
अगर कोइ साफ सुधरा अधिकारी कारवाही भी करना चाहे तो नकल माफियाओं का ऐसा जाल बिछा हुआ कि पल पल की जानकारी उन तक पहुंचती रहती हैं की शिक्षा अधिकारी कहां तक आ गए हैं और सेंटर पर आने में कितना टाइम लगेगा जब तक सब माहौल बदल जाता है। शिक्षा अधिकारी को भी लगता है की सब ठीक चल रहा है उनके जाने के बाद फिर नकल माफिया सक्रीय हो जाते हैं।
*नकल होने से विद्यार्थियों पर क्या प्रभाव पड़ता है=*
बिना मेहनत की सफलता मिलना सफलता की कोई कदर नहीं होना है ।लगातार नकल के सहारे विद्यार्थी परीक्षा तो पास कर जाता है परंतु ज्ञान के नाम पर शून्य रहता है और वह हमेशा नकल के भरोसे ही परीक्षा में जाता है जिससे आने वाले बोर्ड के एग्जाम में भी वह नकल की उम्मीद करता है और शिक्षा प्रणाली का बट्टाधार होना तय है। इससे पता लगता है कि भविष्य में जिन विद्यार्थियों से देश की सेवा की उम्मीद की जा रही थी उनकी नीव पूरी तरह से कमजोर हो चुकी है।