नगर निगम में विशेष सम्मेलन बुलाने का मामला पहुंचा संभाग आयुक्त तक

पेकी प्लाट की समस्या को लेकर पंडित रितेश त्रिपाठी ने संभागायुक्त के यहां उठाई मांग

नगर निगम में विशेष सम्मेलन बुलाने का मामला पहुंचा संभाग आयुक्त तक

        KTG समाचार आरिफ खान देवास मध्यप्रदेश

देवास। शहर में निर्मित पेकी प्लाट की समस्या के निदान हेतु प्लाट धारियों के हित में नगर निगम परिषद का विशेष सम्मेलन आयोजित करने एवं पेकी प्लाट को विभाजित करने वाले दोषियों पर कड़ी कार्रवाई को लेकर कांग्रेस नेता रितेश त्रिपाठी उज्जैन संभागायुक्त कार्यालय पहुंचे और उपायुक्त राजस्व रणजीत कुमार को आवेदन सौंपा।

 श्री त्रिपाठी ने बताया कि देवास नगर निगम में वर्ष 2004 से विभिन्न कालोनियों में पेकी प्लाट की समस्या जो कि राजनीतिक वर्चस्व की वजह से निर्मित की गई थी जो आज भी ज्यों की त्यों बनी हुई है, किंतु 2014 में नगरी निकाय चुनाव के समय प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने जवाहर चौक में आम सभा के दौरान पेकी प्लाटों के निदान के लिए घोषणा की थी, फिर भी उस पर कोई विशेष ध्यान देकर हजारों जनता को लाभ नहीं मिल पाया। कुछ दिन पूर्व ही फिर से नगरीय निकाय चुनाव वर्ष 2021 में पुन: मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जवाहर चौक की सभा में की प्लाट की समस्या से निदान करने के लिए एक बार फिर जनसमूह को संबोधित करते हुए फिर से घोषणा की थी। मुख्यमंत्री द्वारा की गई घोषणा संवैधानिक पद के हिसाब से कानून होता है बावजूद उसके आवास नगर में एक व्यक्ति का मकान नगर निगम द्वारा बड़ी बेरहमी से तोड़ दिया गया श्री त्रिपाठी ने सवाल उठाया कि क्या देवास में और कोई पेकी के प्लाट में मकान नहीं है उन्होंने कहा कि कुछ जनप्रतिनिधि व कुछ राजनेताओं द्वारा अपने निजी स्वार्थ को देखते हुए बार-बार यह घोषणा मुख्यमंत्री जी से करवाई जाती है, जबकि यहां मांग विशेष मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए ही हल की जा सकती है। जिसके लिए हमारे द्वारा पोस्टकार्ड साक्षर अभियान शहर के विभिन्न चौराहों पर हस्ताक्षर ऐसे हितग्राहियों के समर्थन में चलाकर एवं जनप्रतिनिधियों से मुलाकात कर नगर निगम की महापौर श्रीमती गीता दुर्गेश अग्रवाल एवं नगर निगम की महापौर जनसुनवाई में भी मांग की कि नगर निगम का विशेष सत्र बुलाकर पेकी प्लाट हितग्राहियों को उनकी समस्या से निदान दिलाया जाए।

त्रिपाठी ने संभागायुक्त से मांग की है कि नगर निगम का विशेष सम्मेलन बुलाकर एवं मानवीय दृष्टिकोण रखते हुए इन प्लाट धारियों को शासन से मिलने वाली समस्त सुविधाओं का लाभ दिलाया जाए। नहीं तो कॉलोनी के मूल प्लाट को विभाजित करने वाले लोगों एवं सरकारी विभाग के रजिस्ट्रार एवं शासन के विभिन्न विभागों में पदस्थ कर्मचारियों द्वारा ऐसे अमान्य प्लाटों को वैध करने के लिए राजस्व वसूली कर इन प्लाट धारियों को वैध करने का लालच देने वाले समस्त दोषी अधिकारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए