शासन द्वारा नामित विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ/जनपद नोडल अधिकारी की अध्यक्षता में विकास भवन स्थित प्रेरणा सभागार में समीक्षा बैठक हुई आयोजित।
विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ/जनपद नोडल अधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थलों का किया गया निरीक्षण।
KTG समाचार नरेंद्र कुमार विश्वकर्मा सुल्तानपुर ,उत्तर प्रदेश।
सुलतानपुर - 18 जनवरी/ शासन द्वारा नामित विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ/जनपद नोडल अधिकारी भूपेन्द्र एस0 चौधरी द्वारा जनपद के निराश्रित गोवंशों को संरक्षित किए जाने एवं गोवंशों को संपूर्ण व्यवस्थाए उपलब्ध कराने तथा चल रहे निर्माणाधीन गौशालाओं को शीघ्र पूर्ण कराये जाने हेतु आदि के संबंध में समस्त उप जिलाधिकारी, खंड विकास अधिकारी, नगर निकाय अधिशासी अधिकारी आदि के साथ विकास भवन स्थित प्रेरणा सभागार में समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी रवीश गुप्ता, परियोजना निदेशक (डी0आर0डी0ए0) कृष्ण करूणाकर पाण्डेय द्वारा जनपद में गोवंशों हेतु किए जा रहे अभिनव कार्यों की पीपीटी के माध्यम से जानकारी दी गयी।
उक्त बैठक में परियोजना निदेशक (डी0आर0डी0ए0) द्वारा मा0 नोडल अधिकारी को अवगत कराया गया कि जनपद में कुल निर्मित एवं क्रियाशील अस्थायी गौआश्रय स्थलों की संख्या-18 (150 से अधिक गोवंश वाले), निर्माणाधीन अस्थायी गोआश्रय स्थलों की संख्या-02, जनपद में स्थापित वृहद गोसंक्षरण केन्द्रों की संख्या-06 (संचालित/क्रियाशील-03, निर्माणाधीन-03) है। उन्होंने नोडल अधिकारी को जनपद में गोवंशों हेतु बनाये गये शेडों के अभिनव प्रयोग के बारे में अवगत कराया।
उन्होंने कहा कि बोर बेल से निकलने वाली निष्प्रयोज्य जी0आई0 पाइप से गोवंशों के रहने हेतु शेडों का निर्माण कराया गया है। ऐसा किसी अन्य जिले में नहीं किया गया है। इससे कम लागत में अच्छा शेड निर्माण कराया जा सकता है। नोडल अधिकारी द्वारा इस कार्य की सराहना की गयी। उन्होंने नोडल अधिकारी को अवगत कराया कि गोवंशों को ठण्ड से बचाव हेतु समस्त गोआश्रय स्थलों में तिरपाल, जूट के बोरे तथा अलाव की व्यवस्था करायी गयी है। गोवंशों को खाने हेतु भूषा, हराचार, दाना, संकेन्द्रित आहार की पर्याप्त व्यवस्था है। मा0 नोडल अधिकारी द्वारा गोवंशों पर होने वाले व्यय, नवीन सुझाव, देखरेख, कुल निराश्रित गोवंशों की संख्या, स्वास्थ्य, टीकाकरण आदि के बारे में पशुचिकित्सा अधिकारी से जानकारी प्राप्त की गयी। मा0 नोडल अधिकारी द्वारा गोवंशों के बेहतर जीवन यापन हेतु सभी सम्बन्धित अधिकारियों को अपने-अपने सुझाव लिखित रूप में पीडीडीआरडीए को उपलब्ध कराने की बात कही। उन्होंने कहा कि निराश्रित गोवंशों की सही गणना हेतु जिला स्तर पर एक कमेटी का गठन किया जाय तथा उस कमेटी के माध्यम से इच्छुक गोपालको को गोवंश उपलब्ध कराये जाय। साथ ही साथ उसका रजिस्ट्रेशन भी कराया जाय। पशुचिकित्सा अधिकारियों द्वारा मा0 नोडल अधिकारी को अवगत कराया गया कि सरकार द्वारा उपलब्ध कराये गये सीमेन को यदि निःशुल्क कर दिया जाय, तो समस्त गोपालक वरियता देंगे, जिससे फीमेल गोवंश को बढ़ावा मिलेगा, जिससे निराश्रित गोवंशों की संख्या कम हो सकेगी।
नोडल अधिकारी ने कहा कि निर्माणाधीन गौशालाओं को शीघ्र पूर्ण किया जाय। सहभागिता योजना के तहत ज्यादा से ज्यादा लोगों को गोवंश दिए जाए। उन्होंने कहा कि ठंड से बचाव हेतु समस्त गौशालाओं में काऊ कोट एवं अलाव की व्यवस्था कराना सुनिश्चित करायें। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि निराश्रित गोवंश को दिए गए समय सीमा के अंदर शत प्रतिशत संरक्षित किया जाए। इसमें किसी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। सभी पशु चिकित्सा अधिकारी अपने-अपने क्षेत्रों की गौशालाओं का भ्रमण कर गोवंशों का स्वास्थ्य परीक्षण लगातार करते रहे। उन्होंने कहा कि शासन के सख्त निर्देश हैं कि निराश्रित गोवंशों को संरक्षित कर संपूर्ण व्यवस्था उपलब्ध करायें।
तत्पश्चात विशेष सचिव, सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग, उत्तर प्रदेश शासन लखनऊ/जनपद नोडल अधिकारी भूपेन्द्र एस0 चौधरी द्वारा द्वारा अस्थायी गोआश्रय स्थल परसीपुर, विकास खण्ड लम्भुआ व अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल पीढ़ी, विकास खण्ड जयसिंहपुर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान गोवंशों का रख रखाव, खान-पान, भूषा, हरा चारा, दाना/संकेन्द्रित आहार की उपलब्धता, पीने का पानी, प्रकाश, भरण-पोषण की धनराशि, सहभागिता योजनान्तर्ग सुपुर्द किये गये गोवंश, टीकाकरण, गोवंशों के स्वास्थ्य, दवाओं की उपलब्धता, ठण्ड से बचाव आदि का जायजा लिया गया।
मा0 नोडल अधिकारी द्वारा अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल परसीपुर, विकास खण्ड लम्भुआ के निरीक्षण के दौरान कुल संरक्षित 326 गोवंश सुरक्षित एवं स्वस्थ पाये गये तथा 250 कुंतल भूषा, 15 कुंतल दाना/संकेन्द्रित आहार व 05 कि0ग्रा0 मिनिरल मिक्चर उपलब्ध पाया गया। निरीक्षण के दौरान गोवंशों को पीने हेतु पानी की 02 टंकी बनी पायी गयी। गोआश्रय स्थल पर प्रकाश की व्यवस्था, अलाव, ठण्ड से बचाव हेतु तिरपाल आदि लगा पाया गया। मा0 नोडल अधिकारी द्वारा सम्बन्धित को निर्देशित करते हुए कहा कि गोआश्रय स्थल पर साफ-सफाई, हरा चारा आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाय तथा पोर्टल पर पशुचिकित्सा अधिकारी द्वारा दैनिक सत्यापन, गोवंशों की संख्या आदि को अपडेट किया जाय।
तत्पश्चात मा0 नोडल अधिकारी द्वारा अस्थायी गोवंश आश्रय स्थल पीढ़ी, विकास खण्ड जयसिंहपुर का निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान कुल 172 गोवंश संरक्षित एवं स्वस्थ पाये गये। गोवंश आश्रय स्थल में संरक्षित गोवंशों हेतु ठण्ड से बचाव, साफ-सफाई, खान-पान, भूषा, हरा चारा, दैनिक सत्यापन आदि का जायजा लिया गया। उन्होंने गोवंश आश्रय स्थल पर मानक के अनुरूप गोवंश संरक्षित करानें एवं गोवंशो को ठंड से बचाव हेतु समुचित व्यवस्था कराने के आवश्यक निर्देश दिये। मा0 नोडल अधिकारी द्वारा सम्बन्धित पशुचिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि गोआश्रय स्थल पर दैनिक सत्यापन, निरीक्षण, गोवंशों की संख्या आदि की जानकारी आॅनलाइन गोआश्रय पोर्टल पर नियमित रूप से दर्ज किये जाय। उन्होंने संरक्षित गोवंशों को पर्याप्त मात्रा में चारा व दाना दिये जायें तथा सम्बन्धित को निर्देशित किया कि नियमित रूप से गोवंश आश्रय स्थल की साफ-सफाई पर विशेष ध्यान दिया जाय। इसी प्रकार मा0 नोडल अधिकारी द्वारा गोवंश आश्रय स्थल हलियापुर वि0ख0 बल्दीराय, केवटली वि0ख0 धनपतगंज, सौराई वि0ख0 भदैया, कान्हा गोआश्रय स्थल सौरमऊ वि0ख0 दूबेपुर का भी निरीक्षण किया गया।
इस अवसर पर जिला विकास अधिकारी अजय कुमार पाण्डेय, मुख्य पशुचिकित्सा अधिकारी भूदेव सिंह, सम्बन्धि क्षेत्र के खण्ड विकास अधिकारी, सम्बन्धित पशुधन प्रसार अधिकारी सहित अन्य उपस्थित रहे।