कलेक्टर श्री गुप्ता की जिले में मातृ-मृत्यु, शिशु-मृत्यु के संबंध में की स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की समीक्षा ।

जिले की समस्‍त महिला स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता और नर्सिंग ऑफिसर को जाचं एवं प्राथमिक उपचार के संबंध में दिया जाये प्रशिक्षण - कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता।

कलेक्टर श्री गुप्ता की जिले में मातृ-मृत्यु, शिशु-मृत्यु के संबंध में की स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की समीक्षा ।

कलेक्टर श्री गुप्ता की जिले में मातृ-मृत्यु, शिशु-मृत्यु के संबंध में की स्‍वास्‍थ्‍य विभाग की समीक्षा ।

कार्य में लापरवाही पर एक मेडिकल ऑफिसर के दो एंक्रिमेंट रोके, तीन चिकित्‍सकों, एक एएनएम, एक नर्सिंग ऑफिसर को कारण बताओ नोटिस।

जिले की समस्‍त महिला स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता और नर्सिंग ऑफिसर को जाचं एवं प्राथमिक उपचार के संबंध में दिया जाये प्रशिक्षण - कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता।

KTG समाचार लखन दास बैरागी देवास मध्य प्रदेश

देवास । कलेक्टर श्री ऋषव गुप्ता ने मातृ-मृत्यु, शिशु-मृत्यु के संबंध में स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा कलेक्टर कार्यालय सभाकक्ष में की। समीक्षा बैठक में सीईओ‍ जिला पंचायत श्री प्रकाश सिंह चौहान, सीएमएचओ डॉक्टर एमपी शर्मा, सिविल सर्जन डॉ विजय कुमार सिंह, जिला स्‍वास्‍थ्‍य अधिकारी नोडल अधिकारी मातृ-मृत्‍यु डॉ. एमके जोशी, जिला कार्यक्रम प्रबंधक श्रीमती कामाक्षी दुबे, ब्‍लॉक लेवल ऑफिसर सहित, मेडिकल ऑफिसर, एएनएम, आशा कार्यकर्ता एवं पीडित परिवार के सदस्‍य उपस्थित थे। 

स्‍वास्‍थ्‍य विभाग द्वारा जिले में होने वाली गर्भावस्‍था के दौरान या प्रसव के पश्‍चात किसी महिला की मृत्‍यु या बच्‍चे की मृत्‍यु होती है, तो विभाग द्वारा अस्‍पताल स्‍तर पर और सामुदायिक स्‍तर पर ऑडिट किया जाता है। जिले में अप्रैल से नवम्‍बर तक 17 मातृ मृत्‍यु हुई है। विभाग ऑडिट के पश्‍चात कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने मातृ-मृत्यु, शिशु-मृत्यु की समीक्षा की। कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने पीडित परिवार के सदस्‍यों को बुलाकर मॉ और शिशु की मृत्‍यु का कारण के संबंध में परिवार से जानकारी ली एवं मृत्‍यु का कारण जाना।  जिसका उद्देश्‍य स्‍वास्‍थ्‍य व्‍यवस्‍थाओं में किसी स्‍तर पर कमी होतो सुधार करते हुए। मातृ एवं शिशु मृत्‍यु को कम किया जा सकता है। 

कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने मातृ-मृत्यु, शिशु-मृत्यु की समीक्षा दौरान पाया कि मैदानी स्‍तर पर कार्य करने वाली जिले की समस्‍त महिला स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता एएनएम को ब्‍लड प्रेशर एवं जाचं, टीकाकरण, विस्‍तृत प्रशिक्षण, प्राथमिक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र पर पदस्‍थ नर्सिंग स्‍टॉफ, प्राथमिक उपचार के संबंध में प्रशिक्षण ग्रुप बनाकर दिया जाये। 

कलेक्‍टर गुप्‍ता ने कहा कि जिले के दुरस्‍थ क्षेत्र से जुडे अन्‍य जिले की उच्‍च स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं में जिले के गंभीर मरीजों को उपचार के लिए जिला अस्‍पताल में रेफर न करते हुए गंभीर स्थिति में आवश्‍यक होने पर अन्‍य जिले के शासकीय स्‍वास्‍थ्‍य संस्‍थाओं में प्राथमिकता से पूर्ण उपचार मिले इसके लिए शासन को पत्र भेजे। 

समीक्षा के दौरान प्रथम केस में पाया गया कि महिला को रेफर करने के केस में खातेगांव के पूर्व बीएमओ डॉ. श्री गणपत सिंह बघेल एवं महिला चिकित्‍सक चम्‍पा बघेल को ईलाज में लापरवाही बरतने पर कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। दूसरे केस की समीक्षा बागली से रेफर होकर जिला अस्‍पताल भेजा गया था। जिला अस्‍पताल से डॉ. अतुल पवनीकर मेडिकल विशेषज्ञ द्वारा जिला अस्‍पताल में ईलाज न करते हुए एमवाय इंदौर रेफर किया गया। जिसका उचित कारण स्‍पष्‍ट न होने के कारण डॉ. पवनीकर को कारण बताओं नोटिस जारी करने एवं उक्‍त केस के जांच मेडिकल बोर्ड का गठन करें। जिसमें प्रकरण की जाचं कराये। 

कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने तीसरे केस की समीक्षा में पाया कि प्राथमीक स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र उदय नगर से गर्भवती महिला को ड्यूटी पर नर्सिंग ऑफिसर संतरा सोलंकी द्वारा उपचार में लापरवाही पर कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिये। प्रकरण में ऑडिट के दौरान बीएमओं बागली द्वारा मेडिकल ऑफिसर श्री अमित नागर को ऑडिट करने के निर्देश दिये थे। ऑडिट रिपोर्ट प्रस्‍तुत नहीं करने, कारण बताओं नोटिस का जवाब नहीं देने पर दो इंक्रिमेंट रोकने के निर्देश दिये। 

कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने चौथे केस में समीक्षा में पाया गया कि टोंकखुर्द ब्‍लॉक में भेरवाखेडी की महिला का गर्भावस्‍था के दौरान स्‍थानीय आरएमपी डॉ. दीपक पटेल द्वारा प्रारम्भिक गलत उपचार करने पर गर्भवती महिला का स्‍वास्‍थ्‍य बिगडने पर परिवारजन देवास के प्रायवेट अस्‍पताल में उपचार के दौरान मृत्‍यु हुई। कलेक्‍टर श्री गुप्‍ता ने सीएमएचओ को निर्देश दिये कि एसडीएम से साथ मिलकर जांच कर कार्यवाही करें एवं संबंधित महिला स्‍वास्‍थ्‍य कार्यकर्ता निर्मला जोझा गर्भवती महिला को शासकीय अस्‍पताल में जांच एवं प्रसव कराने के लिए समय-समय पर जानकारी देने में लापरवाही एवं स्‍थानीय प्रायवेट अस्‍पताल में उपचार के पश्‍चात स्‍वास्‍थ्‍य खराब होने के सूचना वरिष्‍ठ कार्यालय को नहीं देने पर कारण बताओं नोटिस जारी करने के निर्देश दिये।