बांबोली जीएसएस पर एक कर्मचारी लगातार 80 घंटे से काम कर रहा है

ठेकेदार द्वारा सैलरी का शोषण करने के कारण यहां कोई भी कर्मचारी नहीं टिकता है 3 दिन पहले ही 1 कर्मचारी छोड़कर चला गया

बांबोली जीएसएस पर एक कर्मचारी लगातार 80 घंटे से काम कर रहा है
अलवर राजस्थान

बांबोली जीएसएस पर एक कर्मचारी लगातार 80 घंटे से काम कर रहा है

KTG समाचार नीरज माहेश्वरी जिला प्रभारी 

अलवर जिले के रामगढ़ उपखंड के बांबोली जीएसएस पर एक कर्मचारी लगातार 80 घंटे से काम कर रहा है। सबसे गंभीर बात तो ये है कि यहां सभी कर्मचारी बिना सुरक्षा उपकरण काम कर रहे हैं।जिससे उनकी जान हमेशा सांसत में रहती है। कई बार हादसे भी हो चुके फिर भी कोई सबक नहीं लिया गया। ठेकेदार द्वारा सैलरी का शोषण करने के कारण यहां कोई भी कर्मचारी नहीं टिकता है। 3 दिन पहले ही 1 कर्मचारी छोड़कर चला गया ।लगातार ड्यूटी करने से वह कर्मचारी भी काफी परेशान नजर आ रहा है। हालात यह हैं कि बांबोली जीएसएसए अन्य गांव को जाने वाली लाइनों के प्रॉपर मेंटेनेंस नहीं हो रही जहां बिजली कटौती काफी मात्रा में हो रही है। जिससे ग्रामीणों को भी भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। जीएसएस के कर्मचारी खेमचंद ने बताया कि यहां ज्यादातर स्टाफ ठेकेदारी सिस्टम से लगा हुआ है और यह ठेकेदार सैलरी का शोषण करते हैं। कोई सुनवाई नहीं करता। इस कारण यहां कोई नहीं रुकता ।मात्र ₹7000 प्रतिमाह वेतन का देते हैं हालात यह हैं कि यहां मेंटेनेंस बिल्कुल नहीं हो पा रहा है ।मामूली जीएसएस पर ना जिओ है ना रूस्टर है लालपुरी फीडर पर भी जियो नहीं है चोरौटी फीडर पर जियो नहीं है ।रोस्टर खराब है जिससे शटडाउन करने में भी काफी परेशानी आती है। लाइन को चालू करने के लिए या पावर देने के लिए ऊपर चढ़ना पड़ता है जिसकी कोई सुविधा नहीं है। लालपुरी मीणा पूरा बांबोली चोरोटी के जितने भी फीडर यहां लगे हुए हैं उन पर जिओ लगा हुआ नहीं है जिससे बार बार बिजली कटौती है यहां के तारों में अर्थिंग बोलने से करंट आता है और कई कर्मचारी इस हादसे का शिकार हो चुके हैं। एक कर्मचारी की मौत हो चुकी है जबकि 2 कर्मचारी अपने अंगों को गवा चुके हैं। उन्होंने बताया कि इस संबंध में ठेकेदार सहित अधिकारियों को भी बताया लेकिन कोई सुनवाई नहीं की ग्रामीण इलाके के इस जीएसएस पर कोई भी काम करने को तैयार नहीं है हमें भी मजबूरी बस काम करना पड़ रहा है। बमोरी जीएसएस पर कोई सुरक्षा उपकरण नहीं है जबकि विभाग की ओर से जीएसएस पर काम करने वाले सभी कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण उपलब्ध कराए जाते हैं एक किट होती है जिसमें काफी सुरक्षा उपकरण होते हैं। इस किट की कीमत करीब ₹40000 होती है सुरक्षा उपकरण उपलब्ध नहीं कराने के पीछे इस धनराशि को बचाना है भले ही चाहे किसी भी कर्मचारी की जान चली जाए। जानकारी के अनुसार मुख्य रूप से दस्ताना सेफ्टी टॉर्च जूता अर्थिंग रोड गिलास हेलमेट प्लास पेचकस जैसे कोई सामान यहां उपलब्ध नहीं है।