शिवपुरी: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन।

हम आपको बता दें प्राईवेट एसोसिएशन बही है जिसने कॉरोना काल में पालकों से बन्द स्कूल की फीस बशूली थी, तब पालकों ने विरोधी किया पंरतु संघटन नहीं होने से पालकों की आवाज गूंजी नहीं। आज प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहा है। सूत्रों की माने तो सभी प्राईवेट स्कूल हर वर्ष अपनी मनमानी फीस बढ़ाता है। उसके बावजूद भी बच्चों को कोचिंग या ट्यूशन लगाना पड़ता है। अगर इसका विरोधी बने और स्कूल छोड़ा तो ट्रांसफर सर्टिफिकेट के नाम पर मनमानी फीस देनी पड़ेगी। बिना टीसी के दूसरा स्कूल बच्चों का एडवीजन नहीं लेगा जो सराशर गलत है।

शिवपुरी: प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने अपनी मांगों को लेकर किया धरना प्रदर्शन।

KTG समाचार शिवपुरी: 

हम आपको बता दें प्राईवेट एसोसिएशन बही है जिसने कॉरोना काल में पालकों से बन्द स्कूल की फीस बशूली थी, तब पालकों ने विरोधी किया पंरतु संघटन नहीं होने से पालकों की आवाज गूंजी नहीं। आज प्राईवेट स्कूल एसोसिएशन अपनी मांगों को लेकर विरोध कर रहा है। सूत्रों की माने तो सभी प्राईवेट स्कूल हर वर्ष अपनी मनमानी फीस बढ़ाता है। उसके बावजूद भी बच्चों को कोचिंग या ट्यूशन लगाना पड़ता है। अगर इसका विरोधी बने और स्कूल छोड़ा तो ट्रांसफर सर्टिफिकेट के नाम पर मनमानी फीस देनी पड़ेगी। बिना टीसी के दूसरा स्कूल बच्चों का एडवीजन नहीं लेगा जो सराशर गलत है।

प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन की मांगे निम प्रकार थीं।

आईटीई पोर्टल 31 जुलाई 2022 को बंद कर दिया गया जबकि हमारे जिले के 40% छात्रों के प्रपोजल लॉक होने से वंचित रह गए। तत्काल पोर्टल खुलवाया जाए जिससे स्कूली संचालक आईटीआई के छात्रों के प्रपोजल लॉक कर सके।

राज्य शिक्षा केंद्र का यह निर्णय की कक्षा 5 वा 8 बोर्ड पैटर्न पर इस साल से संचालित होगी। वास्तव में यह निर्णय स्वागत योग्य है, यदि यह आदेश सत्र प्रारंभ यानि जून-जुलाई से प्रसारित कर दिया जाता है तो बीच सत्र में इस तरह का आदेश नियोजित प्रतीत नहीं होता। इस वर्ष के लिए यह आदेश स्थगित किया जाए।

फीस अध्यादेश को शासन पुनः लागू करवाना चाहती है, जिसका हम सभी संचालक घर पुरजोर विरोध करते हैं, तत्काल इसे बापिश लिया जाए।

साथ ही साथ कहा उपरोक्त मांगों पर राज्य शिक्षा केंद्र यदि सकारात्मक निर्णय नहीं लेगा तो मजबूर होकर हम सभी संचालकों को आंदोलन की राह पकड़नी होगी। जिसका संपूर्ण उत्तरदायित्व राज्य शिक्षा केंद्र या जिला स्तर पर जिला परियोजना समन्वयक का होगा।