शिवपुरी सबडिवीजन मेें धुआंधार पैमाने पर अवैध पत्थर उत्खनन जारी: रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी

शिवपुरी सबडिवीजन मेें धुआंधार पैमाने पर अवैध पत्थर उत्खनन जारी। - कोर्ट की अवमानना से नहीं चूक रहे अफसर । - बही बैराड़ में बेखौफ फर्राटे काटते रेत से भरे ट्रैक्टर।

शिवपुरी सबडिवीजन मेें धुआंधार पैमाने पर अवैध पत्थर उत्खनन जारी: रिंकू पंडित KTG समाचार शिवपुरी

रिंकू पंडित KTG समाचार  शिवपुरी

धुआंधार तरीके से अवैध उत्खनन को सरकारी  संरक्षण में शिवपुरी जिले कि पत्थर खदानों में जबरदस्त शह दी जा रही है। हालत यह है कि यहां हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक के दिशा निर्देशों को ताक पर रखने से वन विभाग, राजस्व विभाग और खनिज विभाग चूक नहीं रहे। ताजा मामला अर्जुनगवां गांव में राजस्व भूमि पर स्वीकृत की गई पत्थर खदान का है, जिसमें भटो नामक महिला की ओट लेकर कतिपय पुराने खदान कारोबारियों ने 1.340 हे खसरा क्रमांक  3/1 पर स्वीकृत करा ली । इस खदान को संचालक माइनिंग के आदेश क्रमांक 1545- 53/ खनिज/ उप/ नक/69/ 2020.2021 दिनांक 11 नवंबर 2021 द्वारा स्वीकृत किया गया। यह खदान फ र्शी पत्थर की है और इसे 10 वर्ष की अवधि के लिए उत्खनन पट्टा स्वीकृत किया गया है। 

 *- पहले शासन ने दिया स्थगन फि र खारिज की अपील-* 

इस अर्जुनगवां खदान लीज स्वीकृति के प्रकरण को लेकर लावण्या स्टोन द्वारा डायरेक्टर के इस आदेश के विरुद्ध राज्य शासन के समक्ष अपील की गई। लावण्या स्टोन भागीदार कमलाबाई के द्वारा प्रस्तुत इस अपील में यह तर्क दिया गया कि संचालक के उक्त आदेश में खनिज नियम 1996 के नियम 21 (2)(1)के तहत उत्खनन पट्टा स्वीकृत किया गया। जबकि उक्त नियम में किसी महिला को कोई अधिमानी अधिकार नहीं दिए गए हैं। नियम 21 (2)(चार) के परंतुक में महिला आदिवासी को प्राथमिकता दी गई है। अत: संचालक द्वारा पारित आदेश पर स्थगन दिया जाए। सुनवाई उपरांत 9 दिसंबर 2021 को इस अपील पर से स्थगन आदेश जारी कर दिया गया। लेकिन बाद में राज्य शासन ने 9 दिसंबर को दिए गए इस स्थगन आदेश को वेकेट करते हुए लावण्या स्टोन की अप्रैल को खारिज कर दिया और 11 नवंबर 2021 का सरकार का खदान स्वीकृति आदेश प्रभाव शील रखा। यह आदेश 6 मई 2022 को जारी हुआ। 

-हाईकोर्ट ने सरकार के निर्णय पर दिया स्थगन-

इस आदेश के विरुद्ध लावण्या स्टोन पार्टनर कमला की ओर से हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ में अपील की गई। प्रकरण में सुनवाई उपरांत न्यायमूर्ति दीपक कुमार अग्रवाल एवं डीडी बंसल की बेंच ने आगामी सुनवाई तक राज्य सरकार के 6 मई 2022 के उक्त आदेश पर 30 मई 2022 को स्थगन आदेश जारी कर दिया। प्रकरण की आगामी सुनवाई के लिए टेंटेटिव डेट 15 जुलाई 2022 निर्धारित की गई। 

 *-प्रशासन ने दी भू प्रवेश की परमीशन, की हाईकोर्ट के आदेश की अवमानना-* 

मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की ग्वालियर खंडपीठ के स्थगन आदेश को ताक पर रखकर शिवपुरी माईनिंग विभाग के ओआईसी ने अवैध रूप से अर्जुनगंवा की इस विवादित खदान पर भू प्रवेश के आदेश जारी कर दिए, जो अपने आप में माननीय उच्च न्यायालय के 30 मई 2022 के आदेश की मंशा के सर्वथा विपरीत होकर अवमानना की श्रेणी में आता है। सवाल उठता है कि उच्च न्यायालय के आदेशों की अनदेखी कर प्रशासन ने भू प्रवेश के आदेश आखिर किस बिनाह पर जारी किए। अब यह मामला उलझता दिखाई दे रहा है। इस पूरे सेक्टर में बड़े पैमाने पर आउट एरिया में खनन चल रहा है।

बाक्स 

 *-यहां चल रही हैं रिजर्व फ ारेस्ट में पत्थर खदान* - 

क्षेत्र पाठखेड़ा बीट के रिजर्व फ ॉरेस्ट के कक्ष क्रमांक 47 कक्ष क्रमांक 48 कक्ष क्रमांक 49 और कक्ष क्रमांक 50 में, बीट अर्जुनगवां के रिजर्व 

फ ॉरेस्ट कक्ष क्रमांक 57 से कक्ष क्रमांक 60 तक आरक्षित वन क्षेत्र की खैरोना बीट के कक्ष क्रमांक 56 कक्ष क्रमांक 53 कक्ष क्रमांक 52 मेंं भी खदान माफि याओं ने जबरदस्त पैमाने पर गड्ढे लगा दिए हैं। यहां चल रहे अवैध उत्खनन की व्यापकता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि प्रतिदिन लगभग 5 से 6 लाख रुपए का फ र्शी पत्थर तस्करी कर निकाला जा रहा है।