पिछोर तहसील के ग्राम खटेला में 92 ग़रीब आदिवासियों को सरपंच, सचिव की मिली भगत से आवास योजना सूची से नाम बाहर।धनी अपात्र लोगों का सूची में नाम, पात्र लोगों को सूची से बाहर।: ग्राम आदिवासियों का आरोप

जैसा कि आप सब जानते हैं प्रधान मंत्री आवास योजना नई सूची आई है जिसमें हर गांव से सुनने में आ रहा है कि धनी अपात्र लोग जो सरपंच, सचिव, नेताजी के संपर्क में हैं उनके सूची से नाम नहीं हटे उनकी गाज ग़रीब जनता पर पड़ी है। ऐसे कई आरोपों के साथ ग्राम खटेला के 92 आदिवासी अपना आवेदन कलेक्टर में देने आए।

पिछोर तहसील के ग्राम खटेला में 92 ग़रीब आदिवासियों को सरपंच, सचिव की मिली भगत से आवास योजना सूची से नाम बाहर।धनी अपात्र लोगों का सूची में नाम, पात्र लोगों को सूची से बाहर।: ग्राम आदिवासियों का आरोप
पिछोर तहसील के ग्राम खटेला में 92 ग़रीब आदिवासियों को सरपंच, सचिव की मिली भगत से आवास योजना सूची से नाम बाहर।धनी अपात्र लोगों का सूची में नाम, पात्र लोगों को सूची से बाहर।: ग्राम आदिवासियों का आरोप

खबर शिवपुरी जिले से आ रही है

पिछोर तहसील के ग्राम खटेला में 92 ग़रीब आदिवासियों को सरपंच, सचिव की मिली भगत से आवास योजना सूची से नाम बाहर। अपात्र लोगों का सूची में नाम, पात्र लोगों को सूची से बाहर।

शिवपुरी जिले के अनेक गांव में लोगों से ख़बर सुनने में आ रही है की जिसके पास लाखों की प्रॉपर्टी है परंतु सरपंच, सचिव से अच्छे संबंध हो या नेता जी के रिश्तेदार हो या आपके पैसे में दम हो तो प्रधान मंत्री आवास योजना में नाम आना आम बात है अगर बहीं आपके निम्न संबंध नहीं है तो आपका नाम भगवान भरोसे है और सेवा- पानी नहीं पहुंची तो सूची से नाम हट भी सकता है। ऐसी ही बात कुछ दिन पहले ग्राम काकरौआ में सुनने आई थी आज पिछोर तहसील के ग्राम खटेला के आदिवासियों का आरोप की हमने पैसे नहीं दिए तो सूची से नाम हटा दिया जिसका आवेदन कलेक्ट्रेट में देने भारी तादात में लोग आए। आवेदन  खबर में दर्ज है।: शिवपुरी से रिंकू पंडित की रिपोर्ट ktg समाचार मधयप्रदेश

ग्राम खटेला के लोगों का आरोप है कि सरपंच, सचिव एक ही घर से हैं उनकी मर्ज़ी होती है तो नाम लिस्ट में चड़ता है ऑर हटता है। मै संबंधित अधिकारी से पूछना चाहता हूं ये मन मानी क्यों? जिसके पास लाखों की प्रॉपर्टी है नाम दर्ज कर दिया जाता है रिश्वत दम पर और जो गरीब आदिवासी लोग पात्र होते हुए भी नाम लिस्ट से हता दिया जाता है। इसकी विधिवत जांच होना अनिवार्य है। नहीं इसी तरह प्रशाशन की सुविधाओं का फायदा पात्र नहीं अपात्र लोग उठाते रहेगें और ग़रीब ग़रीब ही रहेगा बो कभी विकाश नहीं कर सकता बाद में सरकार और सिस्टम में खिलाफ आवाज उठाता रहेगा और दर दर की ठोकरें खाता रहेगा।